प्रत्येक क्षेत्र में पारंगत होनेे को सावधानीपूर्वक प्राप्त करें प्रशिक्षण – डॉ. गौतम

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झांसी। टेस्ट वोट की जानकारी मतदाता को देते हुए बताये कि यदि दावा गलत पाया जाता है तो 6 माह की जेल अथवा 1000 रुपये का जुर्माना या दोनो कार्यवाही हो सकती है। वीवीपेट में सेंसर डिवाइस लगे होने के कारण यह संवेदनशील है, अतः उसे धूप से बचाये। साथ ही ट्रांसपोर्ट करते समय अधिक सावधानी बरते। मतदान की गोपनीयता बनाये रखने के लिए वोटिंग कम्पोर्टमेन्ट की फोटो नही ली जाएगी। इसके साथ ही बी.एल.ए. अपने मोबाइल फोन नही रख सकेगे। यदि जांच में मोबाइल फोन मतदेय स्थल पर पाये जाते है तो जब्त कर लिया जाएगा।
उक्त उदगार परियोजना निदेशक डीआरडीए/सह प्रभारी कार्मिक डाॅ. आर.के. गौतम ने विकास भवन सभागार में विधानसभा बबीना व झांसी के जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण दौरान व्यक्त किये। उन्होंंने कहा कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2019 को पूर्ण पारदर्शिता व सुचिता के साथ सम्पन्न कराये जाने हेतु आप सभी को प्रत्येक क्षेत्र में पारंगत होना अति महत्वपूर्ण है, अतः सावधानीपूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करें। विकास भवन सभागार में दो पालियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रथम पाली में विधानसभा बबीना के 7 जोनल व 34 सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा विधानसभा झांसी के 4 जोनल तथा 26 सेक्टर मजिस्ट्रेट शामिल है।

द्वितीय सत्र में विधानसभा मऊरानीपुर के 6 जोनल व 41 सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा गरौठा विधानसभा के 05 जोनल व 41 सेक्टर मजिस्ट्रेट शामिल होगे। उन्होने स्पष्ट शब्दो में कहा कि अनुपस्थित रहने पर भारत निर्वाचन आयोग की लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मास्टर ट्रेनर डीआईओएस डाॅ. नीरज कुमार पाण्डेय ने मतदान अधकारियों के कार्य विभाजन, पीठासीन अधिकारी के कार्यो को सिलसिलेवार समझाया। उन्होने कन्ट्रोल यूनिट, वेलेट यूनिट एवं वीवीपेट को कैसे लिंक किया जाना है, प्रैक्टिकल के साथ समझाया। उन्होने कहा कि लिंक करते समय ताकत का इस्तेमाल न करें। साकेट को दबाकर लिंक करें तो वह सही ढंग से लिंक हो जाएगी। उन्होने वीवीपेट की जानकारी को सीधे धूप से बचाये जाने की भी जानकारी दी। माकपाॅल की जानकारी देते हुए उन्होने कहा कि सर्वप्रथम सभी मतदान अभिकर्ताओं को ईवीएम मशीन का टोटल बटन दबाकर दिखा दे कि मतदान मशीन में कोई मत रिकार्ड नही किया गया। उसके बाद सभी प्रत्याशियों को एक समान वोट डाले जाए और उसका टोटल व प्रत्याशियों को दिये वोट की गणना कर ली जाए व वीवीपेट की पर्ची से मिलान कर उसे सुरक्षित लिफाफे में रख लिया जाए।
मास्टर ट्रेनर ने परीक्षण मत के सम्बन्ध में बताया कि मतदाता यदि शिकायत करता है कि बटन दबाने पर उसे उम्मीदवार की पर्ची नही दिखायी दी। अतः वह पुनः अपने उम्मीदवार को मत अंकित करना चाहता है, ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी उसे निहित प्रक्रिया के अनुसार चेतावनी देते हुए बताये कि यदि दावा गलत पाया जाता है तो 6 माह की जेल या 1000 रुपये जुर्माना अथवा दोनो हो सकते है, के साथ निर्धारित प्रारुप पर आवेदन लेगा और अपनी उपस्थिति तथा उसके पोलिंग ऐजेन्ट की उपस्थिति में नियम 49 एम.डी.(डी) के तहत मत अंकित करायेगा। उन्होने चेलेन्ज मत के विषय में भी जानकारी दी। उन्होने उपस्थित जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण देते हुए कहा कि आप के क्षेत्र में यदि मतदान समय समाप्ति के बाद भी मतदेय स्थल पर लाइन लगी है तो ऐसी स्थिति में आप अवश्य बूथ पर पहुंचे और अपने पीठासीन अधिकारी का सहयोग करें। बूथ पर लाइन में लगे अन्तिम मतदाताओं को पहला नम्बर देते हुए पर्ची दे ताकि सभी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। उन्होने समस्त अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है कि कोई भी कार्मिक अपने मताधिकार से वंचित न रहे। अतः आप सभी मतदान अवश्य करें।
इस मौके पर डीसी मनरेगा आरके लोधी, मास्टर ट्रेनर नवनीत सोलंकी, बीडीओ बबीना रामवंत, बीडीओ चिरगांव सुभाष नेमा सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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