प्रमुख सचिव ने विकास कार्यों पर जताया असंतोष

0 कई मामलों की जांच कराकर दोशियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश

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झांसी। पांच वर्ष पूर्व जल निगम द्वारा निर्मित पाईप पेयजल योजनाओं की जांच कराई जाए। जांच में गड़बड़ी अथवा गुणवत्ता खराब पाये जाने पर सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। विद्युत बिल बकाया वाले सभी विभाग बिल भुगतान के लिए शासन से धनराशि की मांग करें, ताकि विधुत बिल का भुगतान किया जा सके। अधूरे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की गुणवत्ता की जांच टीम गठित कर कारई जाए। इसके साथ ही लोकवाणी केन्द्र और जनसुविधा केन्द्रों की पड़ताल कर यह सुनिष्चित किया जाए कि केन्द्र द्वारा दी जा रही सेवाओं का अधिक पैसा तो नहीं लिया जा रहा है।
उक्त निर्देश जनपद प्रभारी प्रमुख सचिव सिंचाई उप्र. सुरेश चंद्रा ने विकास भवन में अधिकारियों के साथ की मासिक समीक्षा बैठक के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि षासन की सभी योजनाओं का लाभ अंतिम लाभार्थी तक पहुंचे। योजनाओं के क्रियान्वयन में षिथिलता अक्षम्य होगी। विकास कार्यों व कर-करेत्तर वसूली की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित कर ले कि शासकीय भूमि पर किसी दबंग द्वारा कब्जा तो नहीं है। यदि है तो प्रशासन की मदद से तत्काल हटवाने की कार्रवाई की जाए। सिंचाई विभाग की भूमि टहरौली, मोंठ क्षेत्र में अभी कब्जा मुक्त नहीं हुई है। अधिषासी अभियंता वेतवा प्रखंड तत्काल कार्यवाही प्रारम्भ करने के लिए जिलाधिकारी से सम्पर्क करें।
जनपद में पेयजल समस्या अधिक है इसे संवेदनशील होकर ही मिटाया जा सकता है। पेयजल समीक्षा के दौरान उन्होंने जल निगम से जाना कि यहां 5 दिन पेयजल आपूर्ति नहीं होती है, तो वहां के निवासी पेयजल के कहां से प्राप्त करते हैं। समीक्षा के दौरान सीडीओ ने बताया कि अनेक पेयजल परियोजनाएं पूर्ण होते ही बंद हो गई। अनेको परियोजनाएं पूर्ण क्षमता से संचालित नहीं की जा रही है। कुछ पूर्ण क्षमता से चालू की गई तो पाईप फट गये और परियोजना बंद हो गई। प्रमुख सचिव ने ऐसी पाइप पेयजल परियोजनाओ की गुणवत्ता व घटिया सामान की जांच के आदेष दिए और दोशी पर कार्रवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 5-10 टयूवबैल की जांच की जाए। ताकि यह जानकारी मिल सके कि क्या कारण है टयूवबैल पानी नहीं दे रहा। उन्होंने ग्रामीणों को जागरुक करने का भी सुझाव दिया। 50 लाख से अधिक लागत के अन्य निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि जो परियोजनाएं 90 प्रतिशत तक पूर्ण है, उन्हें जल्द 100 प्रतिशत कर लिया जाये। जनपद में 71 परियोजनाएं हैं, जिन पर 1288.95 करोड़ की राषि स्वीकृत है तथा 1044.01 करोड़ की राषि अवमुक्त हो चुकी है। निर्माणधीन कार्यों पर 973.63 करोड़ व्यय किया गया है। प्रमुख सचिव ने गडढा मुक्त सड़कों, सड़क निर्माण पर जोर दिया। साथ वसूली में पिछड़े विभागों को वसूली बढ़ाने के निर्देष दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण/शहरी की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने सिल्ट सफाई की समीक्षा करते हुए कार्य की प्रगति पर असंतोश जताया। इस मौके पर जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान, सीडीओ ए दिनेश कुमार, सीएमओ डॉ. सुरेश सिंह, एडीएम वित्त/राजस्व विजय बहादुर सिंह, डॉ. एमके षुक्ल, रंजीत सिंह आदि उपस्थित रहे।

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