रेलवे कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मौत पर डीआरएम देंगे मुआवजा

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झाँसी। केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब रेल कर्मचारियों और उनके परिवारों को कई लाभ के लिए ज्याकदा इंतजार या मशक्कनत नहीं करनी पड़ेगी। यदि किसी कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मौत हो जाती है तो उसके परिवार को आसानी से मुआवजा मिल जाएगा। इसके लिए मिलने वाला 25 लाख रुपये मुआवजा अब डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) ही दे सकेंगे। इसके साथ ही रेलवे कर्मचारियों को छुट्टी लेकर विदेश जाने के लिए उन्हें 21 दिन के भीतर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने पर सक्षम अधिकारी को फैसला लेना होगा। रेल मंत्रालय ने इस संबंध में अलग अलग सर्कुलर जारी कर सभी मंडल प्रमुखों को अवगत करा दिया है।
बताते है कि कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मौत पर उसके परिवार को रेलवे में 25 लाख रुपये का मुआवजा उदेने का प्रावधान है। इस मुआवजे के लिए परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब तक हादसे की फाइल ब्रांच ऑफिसर से डीआरएम और फिर उत्तर रेलवे के मुख्यालय महाप्रबंधक तक जाती थी। इस प्रक्रिया में लंबा समय बीत जाता था। इसे सहज और आसान बनाने के लिए रेलवे ने नीति में बदलाव करते हुए मुख्यालय की शक्तियां मंडल स्तर पर ही डीआरएम को सौंप दी हैं।

विदेश जाने के लिए कर्मचारियों को नहीं करना होगा महीनों इंतजार

रेलवे कर्मचारियों को छुट्टी लेकर विदेश जाने के लिए उन्हें 21 दिन के भीतर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने पर सक्षम अधिकारी को फैसला लेना होगा। रेल मंत्रालय ने इस संबंध में अलग अलग सर्कुलर जारी कर सभी मंडल प्रमुखों को अवगत करा दिया है।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि अब ब्रांच ऑफिसर के पास बाद डीआरएम ही इस पर फैसला ले सकेंगे। इसी प्रकार विदेश जाने के लिए भी कर्मचारियों को लंबी व जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। अवकाश के दौरान विदेश जाने के लिए कर्मचारी को अपने ब्रांच ऑफिसर को आवेदन करना होता था। उसकी फाइल तैयार करके मुख्यालय भेजी जाती थी। इसके बाद मुख्यालय इस संबंध में विजिलेंस व स्पेशल इंटेलीजेंस ब्रांच से रिपोर्ट तलब करता था। रिपोर्ट आने के बाद ही तय होता था कि कर्मचारी को विदेश जाने की अनुमति देनी है या नहीं। रेल मंत्रालय ने अब 21 दिनों के अंदर आवेदन पर एनओसी देने अथवा रिजेक्ट करने के निर्देश दिए हैं। ऑन ड्यूटी विदेश जाने के लिए विजिलेंस की क्लीयरेंस की शर्त को भी हटा दिया गया है।

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