सात हजार में मिल रहा मुफ्त इंजन

- किसानों ने लघु सिंचाई विभाग पर लगाए आरोप

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झाँसी। सिंचाई बंधु की बैठक में किसान भले ही कम आए हों, लेकिन उन्होंने विभागों में पनपे भ्रष्टाचार की पोल खोलने में कसर नहीं छोड़ी। अधिकारियों के सामने ही अपनी भड़ास निकाली और शासकीय योजनाओं में चल रही कमीशनबाजी के आरोप लगाए।
सिंचाई बंधु की बैठक उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में हुई। गरौठा विधायक जवाहरलाल राजपूत ने कहा कि गुरसरांय नहर चलवाने के लिए उन्होंने 25 दिसंबर 2016 को अनशन किया था तब पानी छोड़ा गया था, लेकिन इस साल अभी तक नहर सूखी पड़ी है। अधिशासी अभियंता सिंचाई ने सात दिन में नहर चालू करने का आश्वासन दिया। उपाध्यक्ष द्वारा पूछे जाने पर सिंचाई विभाग ने बताया कि एक किलोमीटर नहर सफाई करने पर करीब 50 हजार रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने बताया कि गुरसरांय नहर की सफाई के लिए 85 लाख रुपये की मांग की गई थी जिसमें से 20 लाख रुपये मिले हैं और 150 किलोमीटर में से 30 किलोमीटर नहर साफ हो गई है। किसान नेता महेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि लघु सिंचाई विभाग द्वारा शासकीय योजना के तहत किसानों को 35 हजार रुपये कीमत का इंजन और पाइप नि:शुल्क बांटी जानी है लेकिन किसानों से सात हजार रुपये प्रति लाभार्थी लिया जा रहा है। यह वसूली डीलर के माध्यम से की जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी अन्नावि दिनेशकुमार ने कहा कि किसानों को भारत कंपनी का खराब क्वालिटी का इंजन दिए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। डीलर को किर्लोस्कर या फील्ड मार्शल ब्रांड इंजन देने को कहा गया है। यदि ऐसा नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सरकारी क्रय केंद्रों पर उरद खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई। किसानों ने आरोप लगाया कि उप निदेशक कृषि कार्यालय में ऑनलाइन पंजीकरण के नाम पर किसानों से वसूली की जा रही है। पुष्टि के लिए गनेशगढ़ के किसान मुलायम सिंह राजपूत से बात कराई गई जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसके साथ पांच अन्य किसानों से 200 रुपये लिए गए। उप निदेशक रामप्रसाद ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। बबीना विधायक प्रतिनिधि नरेंद्र तिवारी ने मवई गिर्द व धमना के बीच पहूज नदी पर रिपटा बनवाने की मांग की।
मवई गिर्द प्रधान सतीश राजपूत के प्रतिनिधि ने आरोप लगाया कि कार्ययोजना बनाने पर जिला पंचायतराज अधिकारी व पंचायत सचिव को 15-15 तथा खंड विकास अधिकारी को 10 प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है। शिवगढ़ के एक किसान ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसके नाम 1.65 लाख रुपये आए लेकिन निर्माण सामग्री प्रधान द्वारा कमीशन लेकर डलवाई जा रही है। किसानों ने सिंचाई के लिए दो किलोवॉट के कनेक्शन आसानी से न मिलने की शिकायत की जिस पर अधिशासी अभियंता विद्युत ग्रामीण ने बताया कि जिले में 12 अवर अभियंता हैं और प्रत्येक के पास 25 से 50 तक गांव हैं। साथ ही झाँसी से 20 करोड़ और 2.50 करोड़ रुपये की वसूली होना है।

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