जिनकी मेहनत देश का आधार, उनकी पेंशन का सपना साकार

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झांसी।। पेंशन के सपने को पूरा करने के कार्य के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन, जो असंगठित कामगारों के लिए पेंशन योजना है लागू की गयी है। इसका अधिक से अधिक असंगठित श्रमिकों को लाभ प्राप्त हो। अतः इसका निचले स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। श्रम विभाग के साथ इसमें 6 विभाग भी शामिल है, श्रम विभाग के अतिरिक्त अन्य किसी भी विभाग ने अपने श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन नही कराया है। इसे किसी भी दशा में बर्दास्त नही किया जाएगा।
उक्त उदगार जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने गांधी सभागार में प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना की समीक्षा करते हुए व्यक्त किये। उन्होने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों की वृद्वावस्था की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए यह योजना है, जो फेरीवाले, मनरेगा, एमडीएम, घरेलू कामगार, बीड़ी बनाने वाले, खेतीहर श्रमिक, स्वयं का काम करने वाले, धोबी, बोझ उठाने वाले, ईट भटटा पर काम करने वाले सहित अन्य असंगिठत क्षेत्र के श्रमिक शामिल है, उन्हे लाभ मिलेगा।
पीएमएसवाईएम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा, होमगार्डस, ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग, महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की फटकार लगाते हुए अधिक से अधिक आशा कार्यकत्री, रसोईया, होमगार्डस, मनरेगा श्रमिक, सफाई कर्मी व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पंजीकृत कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुए। विभागीय अधिकारियों से कहा कि आप के विभाग में जो भी श्रमिक असंगठित है। आपके पास उनका सम्पूर्ण डाटा है, आप जल्द से जल्द सभी का रजिस्ट्रेशन कराया जाना सुनिश्चित करे। समीक्षा बैठक में उप श्रमायुक्त नदीम अहमद ने बताया कि अब तक 5000 से अधिक असंगठित श्रमिको का नामांकन कर लिया गया है। उन्होने कहा कि श्रम विभाग के पंजीकृत श्रमिको के नामांकन हेतु अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अच्छे परिणाम आ रहे है। उन्होने कहा कि चिकित्सा विभाग ने 521 आशा वर्कर, बेसिक शिक्षा ने 292 रसोईये, होमगार्डस 50, मनरेगा श्रमिक 149, सफाई कर्मी 1284, आंगनबाडी वर्कर 210 ने ही नामांकन कराया है, जो अपेक्षा से कम है। इसमें विभाग यदि तेजी से कार्य करे तो परिणाम और बेहतर प्राप्त हो सकेगे।
उप श्रमायुक्त ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि 18 से 40 वर्ष की उम्र के असंगठित श्रमिक जिनकी आय रु 15,000 से कम है और वह आयकर दाता व संगठित क्षेत्र में कार्यरत या ईपीएफ/एनपीएस/ईएसआईसी का सदस्य नही होना चाहिए। श्रमिक के पास आधार कार्ड, बचत/जनधन खाता होना अनिवार्य है। उन्होने कहा कि यह स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसके तहत पेंशन धारक को 60 वर्ष आयु पूर्ण करने के बाद 3000/ प्रतिमाह निश्चित पेंशन मिलेगी। यदि पेंशन धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके पति/पत्नी को पेंशन का 50 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रुप में मिलेगी। नामांकन हेतु श्रमिक को कामन सर्विस सेन्टर पर आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। नामांकन के बाद 55 रुपये से 200 रुपये तक वह अंशदान जमा करायेगे, जितना अंशदान श्रमिक का होगा उतना ही अंशदान सरकार जमा करायेगी। उन्होने बताया कि यह योजना श्रम मंत्रालय द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम एवं कामन सर्विस सेन्टर द्वारा संचालित की जा रही है, एलआईसी निधि प्रबन्धन और पेंशन भुगतान के लिए जिम्मेदार है।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील प्रकाश, श्रम प्रवर्तन अधिकारी आशीष अवस्थी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुश्री नीलम विश्वकर्मा समस्त एसडीएम, बेसिक शिक्षा विभाग, कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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