पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है: कुलपति प्रो.वैशम्पायन

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झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के तत्‍वावधान में विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष पर आयोजित किये जा रहे पर्यटन सप्ताह के दौरान संस्थान के छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों द्वारा एक सांस्कृतिक पर्यटन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर इस पर्यटन जागरूकता रैली का शुभारम्भ बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जे.वी.वैशम्पायन तथा पर्यटन मंत्रालय के पूर्व उप महानिदेशक गौर कांजिलाल द्वारा संयुक्त रूप से हरी झण्डी दिखाकर किया गया।
कुलपति प्रो. वैशम्पायन ने कहा कि भारतीय प्राचीन ग्रंथों में मानव के विकास, सुख शांति और ज्ञान के लिए पर्यटन को अति आवश्यक माना गया है। पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है। कुलपति ने कहा कि पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है और विकसित होती है। विभिन्न देशों के निवासियों में प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है जिससे सभ्यता-संस्कृतियों का मिलन होता है। गौर कांजिलाल ने पर्यटन संस्थान के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि पर्यटन द्वारा देश विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी से हमारा ज्ञान समृद्ध होता है।

उन्‍होंने कहा कि पर्यटन के छात्रों को निरन्तर भ्रमण करते रहना चाहिये क्योंकि इस क्षेत्र में पुस्तकीय ज्ञान उतना प्रभावी नहीं होता जितना कि प्रत्यक्ष ज्ञान। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यटन हमोर देश ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व में एक उद्दोग का रूप धारण कर चूका है तािा इस क्षेत्र में रोजगार की अपार सम्भावनाएं है। रैली से पूर्व, पर्यटन संस्थान के निदेशक प्रो.सुनील काबिया ने अतिथियों का स्वागत करने हुए उनका परिचय दिया। इसके पश्चात् पर्यटन जागरूकता से सम्बन्धित दो नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत सुगन्धा एवम ग्रुप तथा वंशिका एवम ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किये गये। रैली विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से प्रारम्भ होकर सम्पूर्ण परिसर के विभिन्न विभागों में होकर पर्यटन संस्थान में पहुंचकर समाप्त हुई। रैली में प्रतिभागी छात्र-छात्राएं स्वच्छ भारत, स्वच्छ पर्यटन तथा मॉन्यूमेंट्स के अच्छे रख रखाव के सन्देशों से सम्बन्धित बैनर लिये हुए थे।
इस अवसर पर प्रो. प्रतीक अग्रवाल, डा.संजय निबोरिया, डा.ऋषि कुमार सक्सेना, डा.कोशल त्रिपाठी, डा.राजदीप कुदेशिया, अनिल बोहरे, इंजी.राहुल शुक्ला, डा.शैलेन्द्र तिवारी, डा.प्रणव भार्गव, डा.महेन्‍द्र कुमार, डा.सुधीर द्विवेदी, डा.रमेश चंद्रा, संजय कुमार, अशीष सेठ, जी.के.श्रीनिवासन, आयुष सक्सेना, मुकुल खरे, प्रभाकर पाण्डेय, अंशुमान सिंह, मेधा जायसवाल, हेमंत चंद्रा, आर.एन.पाठक आदि उपस्थित रहे।

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