सरदार वल्‍लभ भाई की जयंती मनाई

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झाँसी। सरदार बल्लभ भाई पटेल अपने अदम्य साहस व प्रखर व्यक्तित्व के कारण ही भारत को एक धागे में पिरोने में कामयाब हो सके। आजादी के बाद बंटवारे के समय भारतीय रियासतों के विलय से स्वतंत्र  भारत को एक नए रूप में पिरोने वाले पटेल भारत के बिस्मार्क के रूप में जाने जाते हैं। उक्त उद्गार राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने विकास भवन सभागार में आयोजित सरदार वल्लभभाई पटेल की 144 वी जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने इस मौके पर जिला एकीकरण समिति की ओर से आयोजित होने वाले कार्यक्रम महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस को भव्यता से मनाये जाने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल किसान परिवार में जन्मे और लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की। लेकिन मन मस्तिष्क पर महात्मा गांधी के विचारों का ऐसा असर हुआ कि स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को अक्षुण बनाने और उसे एक  सूत्र में पिरोने में उनके योगदान के लिए 2014 में हर साल उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और उन्हें याद करते हैं ।
बैठक में राष्ट्रीय एकीकरण समिति द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रम को बेहद रुचिकर और शैक्षिक बनाने बनाए जाने पर चर्चा हुई तथा उपस्थित सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। कार्यक्रम के शुभारंभ में सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर समस्त सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर प्रभारी सीडीओ/पीडी डीआरडीए डॉक्टर आरके गौतम, डीडीओ उग्रसेन सिंह यादव, मुकुंद मल्होत्रा, राजेंद्र सिंह यादव, डॉ नीति शास्त्री श्रीमती मीरा कुमार सुश्री प्रगति शर्मा, सुश्री रंजना विद्रोही सहित विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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