जाना था कहां, पहुंच गई कहां

० इटारसी आनी थी बाइक, पहुंच गई हिमाचल प्रदेश

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झाँसी। यहां बात हम किसी और की नहीं एक बाइक की कर रहे हैं, जाेकि रेलवे की गलती से पहुंचने वाले स्‍थान की जगह कहीं और पहुंच गई। रेलवे की हर सुविधा जिस तरह भगवान भरोसे चल रही है, वैसे ही उसकी पार्सल सुविधा भी लोगों के लिए असुविधा बन रही है। यात्री भरोसा करके ट्रेनों में अपने सामान तो बुक कर देते हैं लेकिन जब वे वाहन की अनलोडिंग करने निर्धारित स्टेशन पहुंचते है तो उन्हें उनका सामान के स्टेशन तक नहीं आने की जानकारी मिलती है। इससे वे यात्री बार-बार परेशान होते है। रेलवे के पार्सल विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है। कुछ इस तरह का ताजे दो मामले सामने आए है। जिसमें दोनों यात्रियों को अपनी बाइक के लिए बार-बार पार्सल विभाग के चक्कर काटना पड़े।
इटारसी के न्यास कॉलोनी निवासी दीपक कुमार ने 5 जनवरी को ग्वालियर से इटारसी के लिए बुकिंग की। एक सप्ताह बाद भी बाइक यात्री को नहीं मिली। तलाशने पर ट्रेन इटारसी की बजाय नांगल डेम हिमाचल पहुंच गई। बीते रोज बाइक को नांगल डेम स्टेशन से लोडिंग की है। इससे सीधे-सीधे रेलवे के पार्सल विभाग की लापरवाही सामने आई। बाइक नहीं मिलने पर यात्री दीपक कुमार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट कर इसकी सूचना दी। जिसके बाद रेल विभाग में हड़कंप मच गया। नांदेड़, इटारसी, झाँसी में बाइक को तलाशने के लिए कार्य शुरू हुआ। शिकायतकर्ता दीपक को झाँसी डीआरएम ने ट्वीट कर बताया कि नांदेड़ बाइक पहुंच गई। इसके बाद दीपक ने दोबारा ट्वीट किया। लेकिन उसे रिस्पांस नहीं मिला। गुरुवार को पार्सल विभाग के सीपीएस रवि रेहानी ने दोबारा नांदेड़, हिमाचल, भोपाल, झाँसी, बीना के पार्सल ऑफिस से संपर्क किया। जिसके बाद पता चला कि यात्री दीपक की बाइक हिमाचल के नांगल डैम स्टेशन पर है। बाइक को ऊना हिमाचल-नांदेड़ एक्सप्रेस के एसएलआर में दोबारा बाइक को इटारसी के लिए लोडिंग कर दिया गया है।

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