झांसी। चुनावी माहौल के इस दौर में रविवार 16 फरवरी को झांसी मीडिया क्लब का चुनाव होना है, जिसमें कई पदों पर काफी जबरदस्त घमासान देखने को मिल रहा है। वहीं कई पदों पर प्रत्याशी ज्यादा होने के बाद भी एकतरफा होने की उम्मीद बन रही है। फिलहाल जो भी हो चुनाव काफी रोमांचक हो चुका है और सभी प्रत्याशी वोटर को अपनेे पक्ष में मतदान करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। चुनाव को लेकर पत्रकारों के साथ ही कई संगठन आदि भी उत्सुकता से परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
झांसी मीडिया क्लब का चुनावी घमासान इस समय अपने चरम पर है और सबसे बात तो यह है कि इस बार बिना लाभ के पदों के भी पत्रकार साथियों ने काफी महंगा चुनाव कर दिया है। हालांकि जीत हार किसी की भी हो रहना उनको पत्रकार ही है, किसी सरकारी योजना का कमीशन या अन्य लाभ मिलने से रहा। इस चुनाव में इलाईट चौराहे सहित अन्य स्थानों पर बड़े बड़े होर्डिंग चुनाव प्रचार की कहानी कह रहे हैं और उम्मीदवारों द्वारा किया जाने वाला खर्च बता रहे हैं। चुनाव में जाति धर्म का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है, तो कहीं अपने पुराने सम्बंधों को भुनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए उनको उपहार, गुटखा, सिगरेट सहित तमाम पार्टी आदि देने से नहीं चूक रहे हैं। वहीं कई प्रत्याशी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वोटरों को अपने पक्ष में मतदान करने को मना रहे हैं, तो कुछ प्रत्याशी घर घर जाकर वोटर को लुभाने के प्रलोभन दे रहे हैं। कईयों ने तो अपने मैनीफेस्टो जारी कर दिए हैं, जिसमें उनके जीतने पर वह पत्रकारों को तमाम सुविधाएं दिलवाने के वादे भी कर रहे हैं। कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के अनुसार ऐसे प्रत्याशियों के हारने के बाद उनको खर्च का रोना रोते देखा जाएगा या फिर अन्य पत्रकारों को गरियाते देखा जाएगा। वहींं कुछ पत्रकार तो यहां तक कह रहे हैं, कि इस चुनाव के बाद आपसी भाईबंदी समाप्त हो जाएगी। फिलहाल हमारे सर्वे के अनुसार हर पद पर घमासान मचा हुआ है, लेकिन उसमें कौन कितना सफल होगा। यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही मालूम पड़ेगा। मतदाता के रुख के अनुसार कोई भी विजय हो सकता है, परन्तु हमारे प्री पोल सर्वे में यह प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। एक रात में परिणाम कहां मुड़ जाए, कहा नहीं जा सकता है। इसको लेकर एशियाटाईम्स डॉट इन की टीम कोई दावा नहीं करती है।
महामंत्री पद
अध्यक्ष और प्रचार मंत्री का निर्विरोध चुनाव होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव का रोमांच समाप्त हो गया, लेकिन महामंत्री पद पर दो महत्वपूर्ण वरिष्ठ पत्रकारों के अपनी दावेदारी करने के बाद इस पद के लिए रोमांच सबसे अधिक हो गया है। हालांकि पूर्व में भी महामंत्री पद पर पदासीन हो चुके हेमेन्द्र सिंह ठाकुर का पलड़ा आंकड़ों के हिसाब से भारी नजर आ रहा हैै। वहीं पहली बार चुनाव मैदान में अपनी दावेदारी करने वाले विष्णु दुबे भी कहीं से भी पीछे नहीं दिख रहे हैं। वह भी अपनी पूरी कोशिश में लगे हुए हैंं। अब ऐसे में क्या परिणाम निकलता है। इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। हमारे सर्वे के अनुसार इसमें हेमेन्द्र ठाकुर जहां बीस में से नौ अंक प्राप्त कर रहे हैं, तो विष्णु दुबे को फिलहाल आठ अंक से ही संतोष करना पड़ेगा।
उपाध्यक्ष पद
ऐसा ही उपाध्यक्ष पद पर भी दिखाई दे रहा है, जिसमें दीपक चौहान, मनीष अली और रवि शर्मा अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इसमें प्रमुख रुप से टक्कर रवि शर्मा और मनीष अली के बीच होती दिखाई दे रही है। उपाध्यक्ष पद पर जहां रवि शर्मा अपने वरिष्ठ साथियों के साथ नए वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर मनीष अली अपने चैनल के साथियों के साथ ही वरिष्ठ व नए साथियों को अपने पक्ष में करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। वहींं दीपक चौहान अपनी तरफ से मेहनत तो कर रहे हैं, लेकिन उनको अन्य जगहों के स्थान पर सबसे अधिक इलाईट चौराहे पर ही देखा जा रहा हैैै। ऐसे में नया चेहरा होने के कारण उनको अभी कुछ इंतजार करना होगा। हमारे सर्वे के अनुसार मनीष अली को जहां आठ अंक मिल रहे हैं, तो रवि शर्मा सात अंक ही प्राप्त कर रहे हैं। वहीं दीपक चौहान मात्र तीन अंक ही प्राप्त कर पा रहे हैं।
कोषाध्यक्ष पद
कोषाध्यक्ष पद पर भी बड़ा घमासान मचा हुआ है, जिसमें दो खास दोस्त फोटोग्राफर प्रभात साहनी और रानू साहू अपनी दावेदारी जता रहे हैं। एक गाड़ी से घूमने वाले आज एक दूसरे के सामने खड़े हुए हैं। इससे मामला काफी रोमांचक हो चला है। वहीं तीसरे प्रत्याशी नीरज साहू जबरदस्त खर्च कर अपने प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। यहां वैसे तो रानू साहू एक ओर दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे हैं, तो दूसरे प्रत्याशी नीरज साहू भी कहीं से भी उनसे कमजोर नहीं दिख रहे हैं। हालांकि कोषाध्यक्ष पद पर एक बार आसीन हो चुके प्रभात साहनी छुपे रुस्तम के तौर पर अगर कुछ कर गुजरें, तो अलग बात है। फिलहाल वह अपने स्वभाव की तरह ही कुछ शांत से दिख रहे हैं। ऐसे में हमारे सर्वे के अनुसार रानू साहू और नीरज साहू में काफी आसपास की टक्कर है, अगर किसी के पुराने पाप वोटर को याद न आएं तो। अब देेेेेेखना यह होगा कि प्रभात साहनी अपने दोस्त रानू साहू को जिताते हैं या फिर रानू साहू अपनी दोस्ती की खातिर प्रभात को ही फिर से उसी पद पर आसीन होते देखना चाहते हैं।
संगठन मंत्री
संगठन मंत्री पद पर तो मामला एक तरफा सा नजर आ रहा है, हालांकि इसमें तीन प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें पूर्व संगठन मंत्री इमरान खान के सामने राहुल उपाध्याय और अतुल वर्मा अपनी दावेदारी कर रहे हैं। हमारे सर्वे के अनुसार इसमें सबसे भारी पलड़ा इस बार भी पूर्व संगठन मंत्री का ही दिखाई दे रहा है। उसके बाद दूसरे स्थान पर राहुल उपाध्याय और फिर अतुल वर्मा का नम्बर आ सकता है।
आय व्यय निरीक्षक पद
आय व्यय निरीक्षक पद पर इस बार काफी उम्मीदवार खड़े हुए हैं। उसके बाद भी मामला रोमांचक नहीं दिखाई दे रहा है। इस पद पर पंकज भारती, आलोक श्रीवास्तव, भूूूूूूूपेन्द्र रायकवार, अजीत कुमार चौधरी और मु. कलाम कुरैशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें हमारे सर्वे के अनुसार आलोक श्रीवास्तव, भूपेन्द्र रायकवार और पंकज भारती के मध्य ही प्रमुख रुप से टक्कर दिखाई दे रही है, जिसमें सबसे आगे आलोक श्रीवास्तव, दूसरे स्थान पर पंकज भारती और तीसरे स्थान पर भूपेन्द्र रायकवार के आने की उम्मीद बन रही है। उसके बाद कलाम कुरैशी और अजीत चौधरी का नम्बर आ सकता है।