रोजगार ढूंढने के स्थान पर रोजगार प्रदाता बने युवा : कुलपति

कौशल विकास योजना के दो पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ

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झांसी। वर्तमान समय में युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था किया जाना अत्यन्त आवष्यक है, अन्यथा यही युवाशक्ति गलत हाथों में पड़ कर समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। यह विचार मुख्य अतिथि व बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे ने पर्यटन एवं होटल प्रबन्ध संस्थान के सभागार में तकनीकी संस्थानों में युवाओं हेतु प्रधानमन्त्री कौशल विकास येजना के अन्तर्गत प्रारम्भ किये जा रहे टूरिस्ट एस्कार्ट तथा फूड एण्ड ब्रेवरेज पाठ्यक्रमों हेतु प्रारम्भ किये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन पर व्यक्त किए।
कुलपति ने कहा कि वर्तमान समय में जब सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे रोजगार कम हो रहे हैं, तब आवष्यकता इस बात कि है कि हम रोजगार ढूंढने के स्थान पर रोजगार प्रदाता बनें। हम अपने अतिरिक्त कई अन्य युवाओं को भी रोजगार प्रदान कर देष की प्रगति में अपना सहयोग करें। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नही होता है, कार्य के प्रति हमारी संकल्प षक्ति ही उस कार्य को महान बना सकती है। हमारी कुषलता के आधार पर ही हमारी मांग होगी तथा हमारे लिए बेहतर रोजगार की सम्भावनाएं बढें़गी।
कुलसचिव सीपी तिवारी ने कहा कि यह योजना विष्वविद्यालय के अलावा उद्योग तथा बाजार के बीच के अन्तराल को कम करने का प्रयास है। इस योजना के अन्तर्गत युवा प्रषिक्षण प्राप्त कर अपना स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर अन्य को भी रोजगार प्रदान कर सकते हैं। वित्त अधिकारी धरमपाल ने आज हमारे देष में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या का हल सरकार द्वारा प्रदान किये रोजगारों से सम्भव ही नहीं है। उद्घाटन कार्यक्रम का षुभारम्भ करते हुए विष्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबन्ध संस्थान के निदेषक प्रो. सुनील काबिया ने बताया कि मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के अन्तर्गत संचालित प्रधानमन्त्री कौषल विकास योजना द्वारा तीन-तीन माह के रोजगारपरक आठ पाठ्यक्रम टूर एस्कोर्ट, काऊण्टर सेल्स एक्सीक्यूटिव, फ्रण्ट ऑफिस ट्रेनी, ट्रेवल कंसलटेण्ट फूड एण्ड बेवरेज ट्रेनी, हाऊसकीपिंग ट्रेनी, मल्टी कुषीन कुक, एवं ट्रेनी षेफ के पाठ्यक्रम संचालित किये जायेंगे। टूर एस्कोर्ट तथा फूड एण्ड बेवरेज ट्रेनी के पाठ्यक्रम हेतु कुल 92 युवाओं ने आवेदन किया था, जिसमें दोनों पाठ्यक्रमों हेतु 25-25 प्रतिभागियों का चयन किया गया। प्रो0 काबिया ने कहा कि पर्यटन उद्योग में आत भी युवाओं के लिए रोजगार एवं विषेश रूप से प्रषिक्षित युवाओं के जिए स्वरोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। इस प्रकार के कौषल विकास के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों प्रषिक्षण के उपरान्त प्रतिभागियें को प्रषिक्षण पूर्ण करने का प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जायेगा, जिसके आधार पर प्रषिक्षित युवा बैंकों से आसान षर्तो पर ऋण प्राप्त कर अपना व्यवसाय प्रारम्भ कर सकते है। प्रो0 काबिया ने बताया कि स्वतन्त्रता के बाद आज भारत में 90 लाख से अधिक विदेषी पर्यटक भारत भ्रमण हेतु आते हैं, जिसके कारण पर्यटन व्यवसाय भारत में दूसरे स्थान पर रोजगार प्रदान करने वाला व्यवसाय बन गया है।
कार्यक्रम का षुभारम्भ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन, पुश्पार्चन तथा सरस्वती वन्दना से हुआ। आमंत्रित अतिथियों का पुश्प कलिका भेंटकर सम्मानित भी किया गया। संचालन डा0 पारूल गुप्ता ने किया तथा आमंत्रित अतिथियों का आभार प्रो0 प्रतीक अग्रवाल ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो0 वीके सहगल, प्रो0 वीपी खरे, कुलानुषासक प्रो0 एमएल मौर्य, संकायाध्यक्ष-कला प्रो0 सीबी सिंह, संकायाध्यक्ष-विज्ञान प्रो0 एसके कटियार, प्रो0 पूनम पुरी, प्रो0 अपर्णा राज, प्रो0 एसपी सिंह, संकायाध्यक्ष-अभियांत्रिकी प्रो0 आरके सैनी, डा0 डीके भट्ट, डा0 ऋशि कुमार सक्सेना, इंजी0 रतन सिंह, प्रो0 देवेष निगम, डा0 महेन्द्र कुमार, डा0 संजय निबोरिया, डा0 रमेष कुमार, डा0 जीक श्रीनिवासन, डा0 सुधीर द्विवेदी, डा0 आषीश सेठ, प्रणव भार्गव, हेमन्त चंचल आदि उपस्थित रहे।

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