नारी को नमन – परिवार को दें प्राथमिकता, तो हर काम होगा सफल

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झांसी। पढ़ाई लिखाई के साथ पेण्‍टिंग, ब्‍यूटीशन, कुकिंग, सिलाई, कढ़ाई आदि में रुचि रखने वाली एक खुशमिजाज लड़की दीपा छाबड़ा अपनी मेहनत और परिवार के साथ काफी कुछ हासिल कर लिया। विवाह के बाद भी अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने को हर क्षेत्र में सक्षम बनाया। आज वह बच्चों व पति के सहयोग के साथ परिवार को सुख देने के साथ ही समाजसेवा व व्यापार में अपना समय दे रही हैं।


इस बारे में श्रीमती दीपा छाबड़ा बताती हैं कि अपने पिता स्व. श्री दयालदास टेकचंदानी और मां श्रीमती राधा देवी के आर्शीवाद से हमेशा से ही दूसरों की मदद बढ़चढ़कर करती रही हैं। इसमें उनके पिता खुद तो दूसरों की मदद करते ही थे। अपने बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करते थे। उनके दो बच्चे एक बेटी और एक बेटा है। बेटी वकील बन चुकी है और बेटा इंजीनियरिंग के बाद फिल्‍म मेकिंग में मास्टर्स कर रहा है। उनके पति हरीश छाबड़ा हमेशा उनके हर काम में साथ ही नहीं देते वरन उनको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। उन्होंने बताया कि वह कानपुुर में जन्मी, चार भाईयों की एक बहन थीं, लेकिन एक दुर्घटना में उनके तीन भाई अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने बताया कि एक समय था कि लड़कियों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, जिस कारण उनका विवाह तय इण्‍टर करने के दौरान ही हो गया था और उसके बाद ही उनका विवाह हो गया। वह दीपा टेकचंदानी से दीपा छाबड़ा बनकर विवाह के बाद उरई आ गईं और उसके बाद उनका परिवार झांसी शिफ्ट हो गया। बाद में उन्‍होंने अपना ग्रेजूूूूूूएशन पूर्ण किया।

उन्होंने बताया कि जिंदगी अपने हिसाब से चल रही थी, लेकिन कुछ कर गुजरने का भूत सर से नहीं उतरा था। यहां आकर उन्होंने अपनी कोचिंग प्रारम्भ की और सिलाई, कढ़ाई, पेण्‍टिंग, ब्‍यूटीशियन व अन्य चीजें सिखाकर महिलाओं व युवतियों को आर्थिक स्थिति मजबूत करने की सीख दी। झाँसी में परिवार की देखभाल के साथ ही समाजसेवा के काम यदाकदा करती रहती थीं। इस दौरान गई गरीब दम्पत्ति जिनको उनके बच्चे अपने साथ नहीं रखते थे। उनकी मदद की। वर्तमान में वह अपनी फर्म छाबड़ा आप्‍टीकल्‍स में अपने पति के साथ काम संभाल रही हैं।

इसी प्रकार गरीब बच्चियों के विवाह करवाने में भी काफी मदद की। इसी दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश व्यापार मण्डल की महिला शाखा की उपाध्यक्ष का पद सम्भाला और संगठन की सहयोगियों साथ अब समाजसेवा कार्य ने एक गति पकड़ ली। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उनका कहना है कि महिलाएं कुछ भी करें, लेकिन अपने परिवार को साथ लेकर चलें। किसी भी कार्य में अपने परिवार को प्राथमिकता पर न रखने के कारण आगे चलकर दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं एक अन्य संदेश में उन्होंने माताओं और युवतियों से टिकटॉक से दूरी बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस पर अपने को फेमस करने के चक्कर में अश्लीलता और फूहड़पन काफी बढ़ रहा है, जोकि नहीं होना चाहिए।

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