इस बूढ़ी माई के लिए भी कोई महिला दिवस आएगा

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झांसी। एक बुजुर्ग महिला जिनकी उम्र 92 वर्ष की हो चुकी है और वह आज भी ऐसे किसी महिला दिवस की तलाश कर रही हैं, जबकि उनको इस उम्र में काम न करना पड़े। परिवार की देखभाल कर सकें। बच्‍चे दो वक्‍त की रोटी खा सकें। सरकार चाहे किसी की भी हो, लेकिन समाज के उस अंतिम व्‍यक्‍ति तक सुविधा पहुंचाने में नाकाम हो जाती है, जो वाकई उस मदद का हकदार होता है। ऐसा ही प्रेमगंज सीपरी बाजार निवासी सुशीला सेन उर्फ बीती बाई के साथ हो रहा हैैै, जिनको अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई है। हालांकि इसकी जानकारी होने पर उप्र व्‍यापार मण्‍डल की महिला महानगर अध्‍यक्ष स्‍वयं अपनी टीम के साथ उनके पास पहुची और जो हो सकता था। उनकी मदद की, साथ ही लोगों से उनकी मदद करने की अपील भी की।


महिला दिवस के अवसर पर व्‍यापार मण्‍डल की महिला शाखा ने 92 वर्षीय बुजुर्ग महिला सुशीला सेन की मदद की। इस सम्‍बंध में संस्‍था की अध्‍यक्ष श्रीमती शालिनी गुरबख्‍शानी ने बताया कि प्रेम गंज निवासी सुशीला सेन उर्फ बीती बाई के जवान पुत्र की मृत्‍यु कुछ समय पूर्व हो गई थी और उसके गम में उसकी पत्‍नी मानसिक बीमार हो गई है। ऐसे में उसके दो बच्‍चों की परवरिश की जिम्‍मेदारी उस बुजुर्ग वृद्ध महिला पर आ गई है। उक्‍त बुजुर्ग महिला को सही से आंखों से दिखाई भी नहीं देता है और उसके पास वृद्धावस्‍था पेंशन भी नहीं है। उसके बावजूद किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है।

इसकी जानकारी होने पर उनके संगठन ने इसको कर्तव्‍य समझते हुए छह माह का राशन, कपड़े व अन्‍य घरेलू सामान उसको उपलब्‍ध कराया है। साथ ही बच्‍चों के कपड़े और बच्‍चों की शिक्षा की जिम्‍मेदारी भी उठाई है। उन्‍होंने अन्‍य संगठनों से इस बुजुर्ग महिला की मदद करने की भी अपील की। इस मौके पर सीमा शर्मा, दीपा जैन, प्रतिभा वशिष्‍ठ, सारिका मल्‍होत्रा, मीना लालचंदानी, अंजू सोनी, कंचन सक्‍सेना, कविता शर्मा, महिमा जैसवाल, आभा श्रीवास्‍तव, शालू गर्ग, प्रियांशी कटियार, दीपा छाबड़ा, शिवाली अग्रवाल और माला मल्‍होत्रा उपस्‍थित रहीं।

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