झांसी। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश में प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अपील के बावजूद बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विगत दिनों सहायक शिक्षकों (टीए) का वेतन काटकर उनके खातों में पहुंचाया गया था, जिसको एशिया टाईम्स द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। इस खबर को संज्ञान में लेते हुए मण्डलायुक्त और जिला प्रशासन द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता करते हुए सहायक शिक्षकों (टीए) का पूरा वेतन उनको दिए जाने के निर्देश दिए गए।
बता दें कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में लगभग दो सौ सहायक शिक्षक (टीए) हैं और यह दो वर्ग में हैं। एक वर्ग को 550 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से हर माह अधिकतम 28600 रुपये तथा दूसरे वर्ग को हर माह 330 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से हर माह अधिकतम 26400 रुपये प्रति माह का भुगतान मिलता है। एक पीरियड 40 मिनट का होता है। एक वर्ग अधिकतम 52 तथा दूसरा अधिकतम 80 पीरियड पढ़ा सकता है। शिक्षण कार्य मेें पहले वर्ग को अधिकतम 52×550=28600 और दूसरे वर्ग को 80×330=26400 रुपये प्रति माह भुगतान मिलता है। अब ऐसे में सहायक शिक्षक वर्ग के सामने एक बड़ी समस्या आन खड़ी हुई थी, जिसको तकलीफ के बाद भी इस मामले में शिक्षक खुलकर बोलने के लिए सामने नहीं आ रहे थे। मामले की जानकारी होने पर एशिया टाईम्स ने इस खबर को विगत दिवस जारी किया था। इसकी जानकारी होने पर मंडलायुक्त सुभाषचंद्र शर्मा और डीएम आंद्रा वामसी ने कुलपति से वार्ता की और उनकी सलाह पर अमल करते हुए कुलपति प्रो.जेवी वैशम्पायन ने सहायक शिक्षकों (टीए) की मार्च माह की पूरी सैलरी जारी करने के निर्देश दिए। इस पर कुलपति ने अपने प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता करते हुए शिक्षकों के हित में फैसला लिया और उनके खातों में पूरा वेतन पहुंचा दिया गया है। सहायक शिक्षकों ने वेतन मिलने पर हर्ष जताते हुए मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी और कुलपति का आभार व्यक्त किया।