झांसी। मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी लगातार सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की लोगों से अपील कर रहे हैं और लोग अति उत्साह में कभी समाज सेवा के नाम पर तो कभी सम्मान करने के नाम पर लगातार नियम तोड़ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह आम जनता से ज्यादा जिम्मेदार लोगों द्वारा किया जा रहा हैैै। इसको लेकर जिला प्रशासन से अपील है कि वह ऐसे समाजसेवियों और जिम्मेदार लोगों के भी पास वापिस लेकर इनको घर में ही बैठाएं। एक पर कड़ी कार्रवाई के बाद ही सब पर असर पड़ेगा। साथ ही जिलाधिकारी जी से अनुरोध है कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए जाएं।
उदाहरण के लिए सामुदायिक रसोई से भोजन बांटने वाली संस्थाएं जो फोटो जारी कर रही हैं, उनमें साफ देखा जा सकता कि वह लोग कितना सोशल डिस्टेंस का पालन कर रही हैं। ऐसा ही कई अन्य संस्थाओं और जिम्मेदार लोगों द्वारा भी किया जा रहा हैैै। इन दिनों एक और चलन चला है दूसरों का सम्मान करने का। सम्मान करना गलत बात नहीं है, लेकिन कोरोना संक्रमण खत्म होने तक अगर ऐसे लोगों का सम्मान रोका जा सकता है। सभी अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन करने में कोताही बरत रहे हैं। ऐसे में अगर कोई कोरोना का छिपा मरीज आपके बीच आ जाए, तो उसके क्या परिणाम होंगे। यह लोग नहीं सोच पा रहे हैं। वाकई अगर कोरोना से मरने वाले व्यक्ति की दुर्गति आप देख लो, तो समाजसेवा और सम्मान तो दूर की बात रुह तक कांप उठेगी और लोग घर से बाहर तक निकलने में भी चार बार सोचेंगे। एशिया टाईम्स की आप सभी से अपील है प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी की बातों को हल्के में न लें। क्योंकि आपसे ज्यादा कोरोना वायरस आपसे ज्यादा एक्टिव है और वह तो मौका ढूंढ रहा है आपके पास आने का। उसको मौका न दें और सेफ जोन झांसी को सेफ ही बना रहने दें।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से दुनियाभर में 13 लाख 48 हजार संक्रमित पाए गए हैं और इसमें से 70 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले यूरोप में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। वहीं भारत के कई शहरों मेें यह बुरी तरह पांव पसार चुका है। आज की अभी तक की स्थिति के बाद भारत में अब तक 3981 (कुछ जगह 4426 का आंकड़ा भी बताया जा रहा है।) संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 114 मौत हो चुकी हैं। हालांकि 314 ठीक भी हुए हैं। उसके बाद भी स्थिति काफी भयावह है। मौत का आंकडा 22 मार्च के लगभग मात्र पांच या छह का था, लेकिन 17 दिन में यह 114 तक पहुंच गया है। यानि प्रतिदिन औसत छह से सात व्यक्ति की भारत में मौत हो रही है। वहीं झांसी में अभी तक लगभग 70 मामले आ चुके हैं और सभी की जांच नेगेटिव आई है। यह हमारे लिए वैसे तो अच्छी खबर है, लेकिन एक जरा सी लापरवाही इस संक्रमण को अपने पांव पसारने का मौका दे देगी। ऐसे में एशिया टाईम्स की आप सभी से अपील है कि जिला प्रशासन की बात मानें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें। ज्यादा से ज्यादा समय घर में ही बिताएं और सुरक्षित रहें।