हत्यारोपी सालों को आजीवन कारावास, एक-एक लाख जुर्माना

- शादी के तीन दिन बाद ही मार दी थी बहनोई को गोली

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झाँसी। बहनोई की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 1 सुशील कुमार द्वितीय की अदालत ने दो सगे भाईयों को आजीवन कारावास एवं एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जानकारी देते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी महेंद्र सिंह ने बताया कि बाहर सैंयर गेट निवासी मोहम्मद अंसार पुत्र स्व. रियाजउद्दीन ने 13 अप्रैल 2015 को थाना कोतवाली में लिखित तहरीर देकर बताया था कि उसके भांजे मोहम्मद राशिद पुत्र मोहम्मद साबिर ने तीन दिन पूर्व मोहल्ले के ही निजाम कुरैशी पुत्र अली मुद्दीन कुरैशी की पुत्री से निकाह कर लिया था। इस कारण निजाम के परिजन रंजिश माने हुए थे। 13 अप्रैल को दोपहर राशिद अपने मामू इरफान के साथ निजाम के घर के सामने से निकला तो निजाम कुरैशी व अलाउद्दीन पुत्रगण अली मुद्दीन ने अपने लड़के फरीद व अजहर के साथ मिलकर राशिद को घेर लिया। फरीद ने क्रिकेट बैट से प्रहार कर दिया। अजहर ने राईफल से सिर में गोली मार दी। इसी बीच भूरे पुत्र निजाम ने भी राशिद के साथ मारपीट की। दिन दहाड़े वारदात से क्षेत्र में दहशत फैल गई और भगदड़ मच गयी। मौके पर ही राशिद की मौत हो गई। तहरीर में बताया गया कि राशिद के गले से 10 तोला सोने की चैन भी गायब है। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सभी अभियुक्तों के विरूद्ध धारा 147, 148, 149, 302, 341, 504 एवं धारा सात विधि विरूद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम के तहत तथा अभियुक्त अजहर के विरूद्ध 25 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर कोतवाली पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। साक्ष्यों एवं अभियोजन की ओर से प्रस्तुत गवाहों के आधार पर अभियुक्त फरीद एवं अजहर को धारा 302/34 भादसं के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं एक-एक लाख रुपये अर्थदंड, अभियुक्त अजहर को धारा 25 आर्म्स एक्ट के अन्तर्गत दो वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की जमा धनराशि में से 80 प्रतिशत राशि राजस्व के बकाया की भांति वसूलकर बतौर प्रतिकर मृतक के विधिक वारिसान को देने का आदेश दिया गया।

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