झांसी। महानगर में सुबह से ही एक वायरल आडियो को लेकर अधिकतर लोगों की चिंताएं बढ़ा दी गईं थी। किसी को भी उसके बारे में सही जानकारी नहीं मिल रही थी। शाम होते होते प्रेमनगर क्षेत्र के नैनागढ़ क्षेत्र को सील कराते हुए नगरा क्षेत्र को सील कराने वाले मैसेज बढ़ते ही चले जा रहे थे। इस घटनाक्रम को लेकर नगरा क्षेत्र ही नहीं वरन अन्य क्षेत्र के लोगों में भी दहशत होती जा रही थी। वहीं यह आडियो और ऐसे फर्जी मैसेज झांसी से सम्बंध रखने वालों के पास अन्य शहरों तक भी पहुंच रहे थे। उन्होंने मैसेज मिलते ही अपने रिश्तेदारों, मित्रों और जान पहचान वालों से फोन और मैसेज द्वारा उनके हाल चाल जानना प्रारम्भ कर दिया था। मामला बढ़ते बढ़ते जब जिला प्रशासन तक पहुंचा, तो उच्च अधिकारी सकते में आ गए और उन्होंने मामले की सच्चाई जनता के सामने बताई। साथ ही उस आडियो को वायरल करने वाले मेडिकल कालेज के संविदा कर्मचारी पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दे दिए।
इस सम्बंध में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जानकारी में आया है कि मोहन अहिरवार पुत्र कमल अहिरवार, थाना प्रेमनगर, झाँसी कोरोना संदिग्ध था और उसे मेडिकल कॉलेज, झाँसी में कल भर्ती कराया गया था। वह कानपुर में एक चतुर्थ श्रेणी रेलवे कर्मचारी है, जो अपने अधिकारी अधीक्षक कानपुुुर को बिना सूचना दिए फरार होकर यहां झांसी अपने माता पिता की सहायता के लिए आ गया था। इसकी जानकारी मिलने पर उसको मेडिकल कालेज ले जाया गया और वहां उसका कोविड – 19 का परीक्षण किया गया, जोकि नकारात्मक आया है। उसके बाद भी सुरक्षा की दृष्टि से उसके पूरे परिवार को अगले 14 दिनों के लिए “होम क्वारंटाइन” के तहत रखा जाएगा। साथ ही यह भी पता चला है कि पीयूष नामक मेडिकल कॉलेज के एक संविदा परिचारक ने एक ऑडियो वायरल किया था, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मोहन अहिरवार का परीक्षण सकारात्मक है। इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जाती है। क्योंकि मोहन के वैज्ञानिक लैब परीक्षणों से उसकी कोरोना जांच “नकारात्मक” होने का पता चलता है। इस आधार पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने
प्रभारी महाप्रबंधक, मेडिकल कॉलेज झांसी से लिखित शिकायत के आधार पर झूठी सूचना फैलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सकों व नर्स स्टाफ के लिए दो होटल किए अधिगृहीत
जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल कालेज में कार्यरत चिकित्सक व नर्सेस के एक्टिव व पैसिव क्वारण्टाइन के लिए होटल शीलाश्री व होटल सीपी पैलेस शिवाजी नगर को अधिगृहित किया गया है। ऐपीडेमिक अफेक्टिव एरिया अण्डर इण्डियन ऐपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 अधिनियम की धारा 2 के क्रम में क्रम संख्या 3 में दी गई व्यवस्था के अनुसार जिला मैजिस्ट्रेट प्राधिकृत अधिकारी होंगे। अधिनियम के तहत प्राधिकृत अधिकारी को प्रदत्त अधिकारों के क्रम में कार्यरत चिकित्सकों व नर्सेस के एक्टिट व पैसिव क्वाण्टाइन के लिए उक्त दोनों होटल को अधिगृहित कर लिया गया है।