20 के बाद शोर मचाना नहीं होगा आसान

अधिकतर स्‍थानों से उतारे जाएंगे ध्वनि विस्तारक यंत्र बिना अनुमति इस्तेमाल करने पर मिलेगी सजा, लगेगा जुर्माना

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झाँसी। निर्धारित अवधि में अनुमति न लिए जाने पर 20 जनवरी से ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटाए जाने के निर्देश जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समस्त धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थान जहां ध्वनि विस्तारण की अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं किया गया, वहां प्रत्येक दशा में 20 जनवरी से ध्वनि विस्तारण यंत्र/लाउडस्पीकर आदि हटाए जाएं ताकि 22 जनवरी तक शासन को सूचना प्रेषित की जा सके।
गांधी सभागार में एक बैठक में जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ध्वनि विस्तारक यंत्र हटाने के लिए थानावार टीम गठित की जाएं जिसमें राजस्वकर्मी व पुलिस कर्मी शामिल हों। अनुमति प्रदान करते समय ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथा संशोधित के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि अनुमति 31 दिसंबर 19 तक ही प्रदान की जाए। साथ ही ऐसे क्षेत्र जो शांत क्षेत्र घोषित है वहां किसी भी प्रकार के संगीत, ढोल, हार्न, लाउडस्पीकर तथा लोक सबंधित प्रणाली का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने उपजिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी पुलिस से कहा कि सार्वजनिक स्थान जहां लाउडस्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली या डीजे जैसे ध्वनि के कोई अन्य स्त्रोत उपयोग में लाए जा रहे हैं वहां क्षेत्र के लिए निर्धारित ध्वनि स्तर से 10 डेसीबल अधिक या अधिकतम 75 डेसीबल जो भी कम हो से अधिक नहीं होगा। यदि इससे अधिक पाया जाए तो कार्रवाई की जा सकती है। निजी स्वामित्व के परिसर में ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण का प्रयोग इस प्रकार करने की अनुमति दी जाए कि उत्पन्न ध्वनि का स्तर ध्वनि मानक के स्तर से पांच डेसीबल से अधिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के प्रावधानों का उल्लघंन पाया जाता है तो इस दशा में उत्तरदायी व्यक्ति या व्यक्तियों के पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष तक का कारावास एवं एक लाख तक का जुर्माना अथवा दंडित किए जाने की व्यवस्था है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि अनुमति रात्रि के समय (10 बजे से प्रात: 6 बजे तक) मान्य नहीं होगा। अनुमति देने से पूर्व सभी बातें स्पष्ट कर ली जाएं।
उन्होंने कहा कि सभी प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में अनुमति देने से पूर्व लिखित अनुज्ञा पत्र प्राप्त करने के पश्चात ही कार्रवाई करें। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जेके शुक्ला, एडीएम हरीशंकर, विजय बहादुर सिंह, एसपी सिटी देवेंद्र कुमार पांडेय, एसपीआरए कुलदीप नारायण, सचिव जेडीए केहर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सीपी तिवारी उपस्थित रहे।

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