विवि : आखिर ऐसा क्‍यों कहा कुलपति ने

विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात कर आगे बढ़ें : प्रो. दुबे बुविवि में प्रमाणपत्र वितरण के साथ राष्ट्रीय युवा सप्ताह संपन्न

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झांसी। स्‍वामी विवेकानंद ने कम उम्र में ही देश ही नहींं वरन विदेशों में भी देश का नाम रोशन किया और अपनी एक विशेष पहचान बनाई और हर वर्ष उनके जन्‍म दिवस को युवा दिवस के रुप में मनाया जाता हैै। ऐेसे में बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय में चल रहे युवा सप्‍ताह के दौरान बुन्‍देलखण्‍ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने कहा कि स्वामी विवेकांनद ने अल्पायु में ही दर्शन और संस्कृति की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए भारत को पूरी दुनिया के सामने जिस मजबूती से स्थापित किया वह अतुलनीय है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात कर जीवन में आगे बढ़ें।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई द्वितीय और पंचम के तत्वावधान में आयोजित समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. दुबे शुक्रवार को राष्ट्रीय युवा सप्ताह के समापन समारोह में जुटे विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में राष्ट्रीय युवा सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।
कुलपति प्रो. दुबे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत के नवजागरण काल के सबसे चमकते सितारे थे। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु स्वामी राम कृष्ण परमहंस के जीवन के विविध प्रसंगों और उनमें छिपे संदेशों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने परिसर में निकट भविष्य में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाए जाने का ऐलान भी किया। साथ ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर एक अच्छा कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर भी बल दिया।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. सुनील कुमार काबिया ने विद्यार्थियों को सीख दी कि वे बौद्धिक गतिविधियों के अलावा खेलकूद और व्यायाम की क्रियाओं में भी खुद को सक्रिय रखें। मुख्य कुलानुशासक प्रो. एमएल मौर्य ने स्वामी विवेकानंद की खूबियों का जिक्र करते हुए यह उम्मीद जताई कि विद्यार्थी उनसे सीख लेकर अपने जीवन को संवारेंगे।
मुख्य अतिथि और फिल्म कलाकार मो. आरिफ शहडोली ने एनएसएस और रंग कर्म के अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे जनसंपर्क का दायरा बढ़ता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि वे अपनी रचनाओं की प्रदर्शनी जरूर लगाया करें ताकि दूसरों को उनके रचनाधर्म के बारे में पता चल सके। साथ ही गुरुओं से बिना किसी हिचक के सीखने की ललक को मन में बनाए रखने का सुझाव भी दिया।
इससे पहले सभी अतिथियों ने मां सरस्वती और स्वामी विवेकांनद के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह का शुभारंभ किया। शिवा, कोमल और अंकिता ने एनएसएस गीत गाया। देवू दुबे ने स्वामी विवेकांनद पर एक गीत सुनाया। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद पर एक लघु नाटिका का मंचन भी किया। इस समारोह में कुलपति और अतिथियों ने युवा सप्ताह के तहत पिछले दिनों आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
इस समारोह की शुरुआत में एनएसएस की द्वितीय इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डा. श्वेता पाण्डेय ने राष्ट्रीय युवा सप्ताह के तहत आयोजित गतिविधियों की आख्या पेश की। संचालन एनएसएस की पंचम इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डा. मुहम्मद नईम ने किया। अंत में एनएसएस के नोडल अधिकारी डा.एसके राय सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कुलसचिव सीपी तिवारी, पीएनबी की हंसारी शाखा के प्रबंधक आरके वर्मा, जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के अध्यक्ष डा. सीपी पैन्यूली, उमेश शुक्ल, राघवेंद्र दीक्षित, अभिषेक कुमार, जय सिंह, उमेश कुमार, सतीश साहनी, कौशल त्रिपाठी, ललित कला संस्थान के डा. अजय कुमार गुप्त, दिलीप कुमार, जयराम कुटार, डा. जितेंद्र प्रताप आदि उपस्थित रहे।

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