बीसीसीआई और ओलम्पिक संगठन भी चीनी कंपनियों की स्पॉन्सरशिप को रद्द करें -कैट

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झांसी। भारत में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने देशव्यापी अभियान “भारतीय सामान -हमारा अभिमान ” के तहत फ़िल्मी और क्रिकेट सितारों को चीनी सामान का विज्ञापन न करने के आव्हान के बाद आज इसी कड़ी में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए एक पत्र में कैट ने उनसे इस अभियान में उनके सहयोग का आव्हान किया है और कहा है कि वे एक समर्थन अपील जारी कर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें। “ऐसे समय में जब पूरा देश चीन द्वारा भारतीय सैनिकों के खिलाफ की गई बर्बर कार्रवाई के विरोध में उबल रहा है। उम्मीद है कि आपको इस अभियान को व्यापक रूप समर्थन करना चाहिए और इस तरह के इरादे से प्रेरित होकर कैट आपसे चीनी सामानों के बहिष्कार का समर्थन करने का आग्रह करता है।
इसी तर्ज पर कैट ने देश के सभी राजनीतिक दलों को आज एक पत्र भेजकर राष्ट्र के साथ खड़े होने और अभियान के पक्ष में समर्थन अपील जारी करने का आग्रह किया है। कैट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मांग की है की वो चीनी ब्रांड विवो की स्पॉन्सरशिप सहित अन्य किसी भी चीनी कम्पनी से किये गए ऐसे समझौते को तुरंत रद्द करें। वहीँ कैट ने भारतीय ओलंपिक संघ से भी किसी भी चीनी कंपनियों की स्पॉन्सरशिप को समाप्त किये जाने की मांग की है। इस बीच कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि ई कॉमर्स के नियमों में संशोधन करके प्रत्येक ई कॉमर्स पोर्टल को यह निर्देशित किया जाए कि वे अनिवार्य रूप से अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले प्रत्येक उत्पाद के साथ किस देश का बना है, भी लिखने का आदेश जारी करे। देश में अधिकांश ई-कॉमर्स पोर्टल चीनी सामान बेच रहे हैं किसका उपभोक्ता को पता तक नहीं है। ज्ञातव्य है की कैट ने पहले फिल्म स्टार्स और क्रिकेट स्टार्स को चीनी ब्रांड्स के विज्ञापन करने पर रोक लगाने की मांग की थी और कैट की अपील पर मशहूर क्रिकेट स्टार हरभजन सिंह ने किसी भी चीनी ब्रांड का विज्ञापन नहीं करने की घोषणा की है। कैट की अपील को देश के सभी कोनों से व्यापक समर्थन मिल रहा है।
कैंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल एवं राष्ट्रीय मंत्री संजय पटवारी ने आज जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि जहाँ कैट ने केंद्र सरकार से चीनी कंपनियों को दिए गए सभी सरकारी अनुबंधों को रद्द करने की मांग की है। वहीँ दूसरी ओर कैट ने इसी मुद्दे पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी अपील की है की वो भी कैट के अभियान का समर्थन करें और अपने प्रदेश में किसी भी चीनी कम्पनी से कोई समझौता हुआ है तो उसको तुरंत रद्द करें। समान अनुबंधों को रद्द करने के लिए, यदि यह उनके संबंधित राज्यों में हुआ है। कुछ दिन पहले कैट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाराष्ट्र और चीन की 3 कंपनियों के साथ हुए समझौते को रद्द करने की अपील भी की है। कैट के पदाधिकारियों ने कहा है कि अब समय आ गया है जब भारतीय बाजार पर नियंत्रण और कब्जा करने के लिए चीन की कुटिल नीति को नाकाम कर दिया जाए। चीन के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश और पीड़ा बढ़ रही है। भारतीय लोगों की भावनाओं का सम्मान राजनीतिक बिरादरी और अन्य संस्थानों द्वारा किया जाना चाहिए ताकि चीन पर भारत की निर्भरता को कम किया जा सके और देश में लोगों द्वारा भारतीय सामान का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा की यह रातोंरात नहीं होगा। अभियान में व्यापारी समुदाय, छोटे उद्योगों, बड़े उद्योग सहित केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलकर एक साझा रणनीति बनाने की जरूरत है। व्यापारी नेताओं ने कहा है कि इस उद्देश्य के लिए कैट ने चीनी सामान जो भारत में आयात होता है। इसकी एक सूची बनाई है, जिसमें विभिन्‍न चरणों में चीनी सामान का बहिष्कार होगा। पहले चरण में कैट ने 3000 से अधिक वस्तुओं वाली 450 वस्तुओं की एक व्यापक श्रेणी की पहचान की है, जिनका बहिष्कार किया जाना चाहिए। ये सभी तैयार माल हैं, जिनके विकल्प देश में पहले से ही उपलब्ध हैं। इस सूची में मोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्रौद्योगिकी संचालित उत्पाद, कच्चे माल और स्पेयर पार्ट्स को शामिल नहीं किया गया है। कैट भारत में इन उत्पादों के निर्माण को लेकर शीघ्र केंद्र सरकार के साथ बातचीत करेगा। कैट के अभियान का पहला चरण 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा, जिसमें चीन से 1 लाख करोड़ रुपये का आयात कम करने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी उप्र व्‍यापार मण्‍डल के प्रदेश अध्‍यक्ष और कैट के सचिव संजय पटवारी द्वारा दी गई।

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