श्रद्धांजलि : जब जब सुनो चिलम तम्‍बाखू को डब्‍बा, मुझे भी कर लेना याद

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झांसी। ‘ऐरी बहू कहां गओ चिलम तम्‍बाखू को डब्‍बा’, गाना तो आपने सुना ही होगा और झूमें भी होंगे, पर जनपद और महानगर मे बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि यह गाना झांसी महानगर के इतवारी गंज में रहने वाले अरुण यादव ने निर्देशित किया था। हालांकि वह साधारण जीवन जीने वाले शख्‍स थे, जिनको पहली बार देख कर कोई उनके बारे में कोई राय नहीं बना सकता था। पर उस शख्‍स ने ऐसी गुमनामी जैसी स्‍थिति में भी महानगर, जनपद और प्रदेश का नाम ऊंचा किया और आगे भी करते, लेकिन काल के हाथों ने उनको हमसे छीन लिया।
महानगर के इतवारीगंज मोहल्ले में रहने वाले अरुण यादव को वैसे तो उनके मिलने वाले और फिल्‍म व रंगमंच से जुड़े लोग ही जानते हैं लेकिन वह एक ऐसी शख्‍सियत थे, जिन्‍होंने अपने काम से अपनी प्रतिभा दिखाई। उनके प्रसिद्ध एलबम बुंदेली खिचड़ी के गाने हर किसी ने सुने होंगे। इसमें एरी बहू कहा गओ चिलम तम्‍बाखू को डब्‍बा काफी प्रसिद्ध हुआ था। इस एलबम को निर्देशित करने के अलावा उन्होंने एक कलाकार के रूप में भी कई टीवी सीरियल में काम किया है। इस संबंध में एशिया टाइम्स को अरुण यादव ने काफी पहले बताया था कि उन्होंने फिल्मों के निर्देशन की लाइन में जाने का फैसला काफी पहले कर लिया था, जिसके चलते उन्होंने डायरेक्शन से संबंधित डिप्लोमा किया था और विशेषकर मनोविज्ञान विषय से ग्रेजुएशन किया था। इसका कारण वह चाहते थे कि वह अपनी निर्देशित फिल्मों में रहने वाली भूमिकाओं से न्याय कर पाएंं। अपने कैरियर के उठान में उन्होंने से पहले इसाई मिशनरी की डाक्‍यूमेण्‍टरी दो टेली फिल्‍में बनाई थीं। एक ‘क्राफ्ट ऑफ इंडिया’ और दूसरी ‘प्यार बांटते चलो’। उसके बाद बिरला ग्रुप के लिए विज्ञापन व प्रदूषण के प्रोजेक्ट आदि की छोटी-छोटी फिल्‍में बनाईं। बुन्‍देलखण्‍ड और बुन्‍देली फिल्‍मों को प्रदर्शित करने की चाह के चलते उन्‍होंने कई वीडियो अलबम बनाए, जिसमें अधिकतर स्‍थानीय कलाकारों से अभिनय कराया। इसके बाद ‘बेटी हुई पराई’ एल्बम में बुंदेलखंड में होने वाली शादी विवाह की रस्में और इस मौके पर गाए जाने वाले गीतों का फिल्मांकन किया। यह दोनों ही एल्बम उत्तर प्रदेश सहित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में काफी प्रसिद्ध हुए। उन्होंने टीवी चैनल के लिए इम्तिहान, सास बिना ससुराल, अम्मा जी की गली आदि सीरियल्‍स में बतौर कलाकार अभिनय भी किया था। आगे भी वह अपने कई प्रोजेक्‍टस पर व्‍यस्‍त थे, ऐसे में उनका छोड़कर जाना, बुन्‍देलखण्‍ड के कलाकारों के लिए अच्‍छी खबर नहीं है। उनके निधन पर बुन्‍देलखण्‍ड के कलाकार देवदत्‍त बुधौलिया ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए एक ईमानदार और अच्‍छा इंसान बताया।

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