स्‍कूलों में दोस्‍ताना माहौल से सुधरेगा शिक्षा का स्‍तर : अनुपमा

- बेसिक शिक्षा मंत्री ने कसे अधिकारियों के पेंच

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झाँसी। जनपद के समस्त ग्राम में मां समूह का गठन किया जाए ताकि स्कूलों में शिक्षा सुधार हो सके। स्वेटर वितरण संतोषजनक नहीं है। इसे बढ़ाया जाए तथा स्वेटर की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी प्रदेश की बेसिक शिक्षा, बाल पुष्टाहार एवं राजस्व मंत्री अनुपमा जायसवाल ने दी।
सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए मंत्री ने कहा कि स्कूलों में दोस्ताना माहौल बनाया जाए ताकि बच्चे विशेष रूप से बालिकाएं अपनी समस्या शिक्षकों को बता सकें। उन्होंने एबीएसए को अपनी कार्य संस्कृति में सुधार लाने की चेतावनी देते हुए कहा कि शिक्षा सुधार के लिए अभिनव प्रयोग कर शासन की रिपोर्ट प्रेषित करें। आंगनबाड़ी केन्द्रों से पोषाहार का वितरण सुनिश्चित किया जाए। पोषाहार से यदि स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चो को दिए जाएं, तो वह उन्हें रूचि के साथ खाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक झाँसी में 11.22, जालौन में 7.13 और ललितपुर में 8.39 प्रतिशत ही स्वेटर वितरित किए गए हैं, जो काफी कम है। लक्ष्य को जल्द पूरा किया जाए। बैठक में बताया गया कि मंडल के सभी जिलों में निःशुल्क स्कूल बैग, जूता एवं मोजा का शत प्रतिशत वितरण कर लिया गया है। मंत्री ने गुणवत्ता का ध्यान रखे जाने की नसीहत दी और कहा कि यदि कही गुणवत्ता की शिकायत प्राप्त हो तो तत्काल उसे ठीक किया जाए। नए शिक्षा सत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित किए जाने है अतः सभी बीएसए अपने जिलो में अंग्रेजी शिक्षा देने वाले शिक्षको को चिह्नित कर लें ताकि उन्हें स्कूलो में समायोजित किया जा सके। एक ब्लाक में सात स्कूलों को तैयार किया जाना है।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी करुणा जायसवाल, आईसीडीएस जालौन भगवत पटेल, सीटीओ दीपांकर शुक्ल, बीएसए हरिवंश कुमार, राजेश कुमार शाही, प्रधानाचार्य डायट विनोद कुमार मिश्रा, सीडीपीओ पुष्पा वर्मा, राजेश कुमार त्रिपाठी उपस्थित रहे।

ऐतिहासिक चरित्र के साथ छेड़छाड उचित नहीं

उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने अभी फिल्म पद्मावत देखी नहीं है, बस मीडिया के माध्यम से उसके बारे में सुना है। फिल्म में क्या दिखाना चाहिए इसका निर्णय सेंसर बोर्ड को करना होगा। फिर भी यदि कोई ऐसा चित्र अथवा ऐतिहासिक चरित्र आता है, जिसे नहीं दिखा सकते तो उसे नहीं फिल्माना चाहिए। ऐतिहासिक चरित्र के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। यह हमारी धरोहर होते हैं। इतिहास को तोडना-मरोड़ना नहीं चाहिए।

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