मात्र आठ दिन में 13 की मौत और 197 पाजिटिव, लापरवाही किसकी?

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झांसी। अप्रेल माह के अंतिम सप्‍ताह से प्रारम्‍भ हुआ कोरोना महामारी का कहर मात्र दो माह और कुछ दिन में यहां कहर बन गया। आखिर इसमें गलती किसकी मानी जाए। मात्र मई और जून दो माह में एकदम से कोरोना का कहर जो बढ़ा, वह जुलाई के प्रारम्‍भ में ही प्रतिदिन धमाके पर धमाके कर रहा है। मात्र आठ दिन में 197 कोरोना संक्रमित मिलने के साथ ही 13 मौतें हो चुकी हैं। कई स्‍थानों पर स्‍थानीय प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर रहा हैैै, तो कई जगहों पर जनता अपनी मनमानी में लगी है। झांसी महानगर का शहर क्षेत्र काफी हद तक पूर्ण रुप से कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ चुका है, तो दूसरी ओर सीपरी बाजार क्षेत्र भी आंशिक रुप से संक्रमित हो चुका है। वहीं सीपरी बाजार क्षेत्र के कुछ हिस्‍से और पूरा प्रेमनगर इस समय प्रशासन के ढीले रवैये के चलते मौज मार रहा हैै। दिन भर दुकानों पर फालतू भीड़ लगी रहती है। वहीं बंदी दिवस में दुकानें खुल रही हैं, तो आम दिनों में रात को दस बजे तक दुकानें बंद हो रही हैं और आराम से लोग 11 बजे तक सड़कों पर टहलते नजर आ रहे हैं। यहां कोरोना का संक्रमण आराम से नहीं फैलेगा, तेजी से ही होगा, जिसमें भी यही सवाल होगा आखिर लापरवाही या गलती किसकी।
मार्च और अप्रैल माह झांसी सेफ जोन में चल रहा था कि 27 अप्रैल को सुबह ओरछा गेट से एक महिला कोरोना संक्रमित पाई गई, जिसके बाद सिलसिला लगातार चल रहा है और 5 मई को एक बुजुर्ग की कोरोना के चलते मौत हुई थी, मई माह में एक बार तो कोरोना की रफ्तार थम भी गई थी, लेकिन अचानक एक दिन फिर मरीज मिलने के बाद आज तक कहर जारी है। 31 मई तक मरीजों की संख्‍या 37 और पांच मौत कोरोना संक्रमण से हुई थीं। उसके बाद एक जून को 42 मरीज और पांच मृतक से मामला ऐसा बढ़ा कि 30 जून को कोरोना संक्रमितों की संख्‍या 193 और मृतकों की संख्‍या 18 थी। उसके बाद कोरोना संक्रमण का कहर एकदम तेजी से बढ़ा और एक जुलाई को 6 कोरोना संक्रमितों के साथ दो की मौत, दो जुलाई को 10 पाजिटिव के साथ दो की मौत, तीन जुलाई को 23 पाजिटिव के साथ दो की मौत, चार जुलाई को 12 पाजिटिव ही मिले, पांच जुलाई को 33 संक्रमितों के साथ तीन की मौत हुई। उसके बाद छह जुलाई को तो कोरोना विस्‍फोट हुआ और 46 संक्रमित मिले। इसके बाद सात जुलाई को 39 संक्रमित और दो की मौत हुई। इसी क्रम में आठ जुलाई को जिला प्रशासन से प्राप्‍त सूचना के आधार पर कोरोना संक्रमण को लेकर 527 लोगों के परीक्षण किए गए, जिनमें 28 पाजिटिव निकले और दो लोगों की मौत हो गई। इसके बाद कुल अब तक 390 कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 118 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना एक्‍टिव पाजिटिव केस 241 हैं। आठ जुलाई तक के आंकड़ें देखें तो आठ दिन में 197 कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ने के साथ ही 13 लोगों की मौत हो चुकी है।

कौन थामेगा अफवाहों का दौर

कभी लॉक डाउन तो कभी कोरोना संक्रमित मरीज मिलनेे की अफवाह, तो कभी कोरोना संक्रमित की मौत की अफवाह उड़ना आम हो गया है। इसको लेकर कोई जिम्‍मेदार अपना विरोध दर्ज कराते हुए सही वस्‍तुुुुुुुुस्‍थिति से आम जनता को अवगत नहीं कराता है। वहीं जिम्‍मेदार विभाग द्वारा ऐसे मामले में अधिकारियों पर थोपते हुए अपना पल्‍ला झाड़ लिया जा रहा हैैै। अब सही जानकारी के अभाव में अफवाहों पर रोकथाम लगाने की जिम्‍मेदारी किसकी बनती है। समझ ही नहीं आता है। कुछ ऐसा ही हाल कोरोना संक्रमितों के मिलने के स्‍थान व विवरण की सूची का भी है, जोकि सिर्फ कुछ लोगों को ही मिल पा रही है। बाकी लोगों को जानकारी ही नहीं हो पाती है, ऐसे में पता ही नहीं चल रहा कि कोरोना संक्रमित मरीज कहां का है और जनता को किस क्षेत्र से ज्‍यादा सम्‍भल कर रहना है।

घरों में कर रहे इलाज या फिर स्‍थानीय डाक्‍टर का ले रहे सहारा

कोरोना संक्रमण को लेकर मेडिकल कालेज जाने में डर रहे हैं और काफी लोग कोरोना से मिलते जुलते लक्षण मिलने पर भी घरों में रहकर मेडिकल स्‍टोर से दवाएं लेकर खुद ही अपना इलाज कर रहे हैं, या फिर स्‍थानीय चिकित्‍सकों से सर्दी जुखाम बुखार की दवाएं लेकर काम चला रहे हैं। इससे वह अपने साथ ही अपने परिजनों और आसपास के लोगों को भी खतरे में डाल रहे हैं।

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