डिज़ीटल क्रांति के नाम पर बढ़ रही है अश्लीलता

हर हाथ में है मोबाइल में पोर्न साईट और व्हाट्स एप्प ग्रुप , अश्लील किताबों की कहानियां अब वेबसाईट और सोशल मीडिया पर भी

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झाँसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्तमान में डिज़ीटलाईजेशन को लेकर काफी सक्रिय हैं और हर काम में इसको बढ़ावा दे रहे हैं। इसके चलते देश आज तेजी से डिज़ीटलाईजेशन की ओर बढ़ रहा है। सरकार की तरफ से इस दिशा में कई प्रयास किए गए हैं और इस दिशा में लगातार काम भी हो रहा है। यानि, आधुनिकीकरण के इस दौर में जहां एक तरफ डिज़ीटलाईजेशन के चलते लोगों का जीना आरामदायक हो चुका है और कई जगहों को वाई-फाई से लैस किया जा रहा है। एक ओर इससे हर चीज आसान और सुलभ होती जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इससे काफी नुकसान भी हो रहा है। इन नुकसानों में सबसे गंभीर नुकसान है बढ़ती अश्लीलता। इस पर नियंत्रण करना सरकार के लिए एक गम्भीर चुनौती बनता जा रहा है।
अश्लीलता के शिकार आज के किशोर और युवा हैं, जोकि इसके जाल में बुरी तरह फंसते जा रहे हैं। जानकार घरों में बढ़ती अश्लीलता और बलात्कार की घटनाओं में इसको काफी हद तक जिम्मेदार मान रहे हैं। रेलवे स्टेशन सहित तमाम स्थानों पर फ्री वाई फाई की सुविधा से अश्लीलता का खेल और आसान हो गया है। वहीं एक अब डाटा प्रदाता टेलीकॉम कम्पनियों की प्रतिस्पर्द्धा के चलते स्मार्ट फोन अश्लीलता के सबसे अच्छे वाहक बन गए हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां पर लोगों की सहूलियत के लिए सार्वजनिक जगहों पर फ्री वाई-फाई के इस्तेमाल की सुविधाएं दी गईं, लेकिन बाद में यह देखा गया कि वहां पर ज्यादातर लोग उसका इस्तेमाल पोर्न साइटें देखने के लिए कर रहे हैं। सार्वजनिक उपक्रम की मिनी रत्न कंपनी रेलटेल के एक अधिकारी के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल ज्यादातर लोग पॉर्न वीडियो देखने और अश्लील वेबसाइट सर्च करने में करते हैं।

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फुटपाथ पर बिकने वाली अश्लीलता अब इण्टरनेट पर

सबसे बड़ी बात बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन सहित तमाम फुटपाथी बाज़ारों में बिकने वाली अश्लील किताबों की कहानियां इण्टरनेट पर आसानी से उपलब्ध हैं। वहीं सोशल मीडिया में इसका काफी जोर चल रहा है, तो व्हाट्स एप्प और फेसबुक आदि पर भी इनको शेयर किया जा रहा है। फेसबुक पर इनके पेज बने हुए हैं, तो व्हाट्स एप्प पर स्पेशल ग्रुप भी बने हुए हैं। उसके अलावा इण्टरनेट पर तमाम वेबसाईट इन कहानियों को लगातार अपडेट करते रहते हैं।

आंखों की शर्म हो गई ख़त्म

डिज़ीटलाईजेशन के बाद तेजी से बढ़ती अश्लीलता के बारे में जानकारों का कहना है कि आज हर चीज बहुत ज्यादा दिखाई जा रही है। इसके चलते आंखों की शर्म अब खत्म होती जा रही है। आज बहुत जल्दी लोगों में युवावस्था आ रही है, उसकी वजह है उत्तेजना वाली चीजें परोसा जाना। इसके कारण पहले की तरह आज लोग संयमित नहीं है। उन्हें जल्दी गुस्सा आता है और उस पर कंट्रोल अब कम हो गया है। आज लगातार कामुक चीजों का खुलेआम प्रदर्शन किया जा रहा है। इन चीजों तक लोगों की टेक्नॉलोजी के चलते आसानी से पहुंच हो गई है। जिन लोगों के पास खाली समय है या फिर अनियंत्रित समय है। वह अपना समय इन्हीं चीजों में लगाते हैं। ऐसे में लोगों की नींद प्रभावित हो रही है और लोग विकृति मानसिकता के शिकार हो रहे हैं।

मन के विचारों से बदलती है मनोवृत्ति

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के समाज कल्याण विभाग के पूर्व समन्वयक डॉ. मो. नईम ने बताया कि समाज कल्याण विभाग में इस तरह के कई बार सर्वे सामने आते रहते हैं। समाज में अश्लीलता का स्तर अब काफी बढ़ चुका है। जहाँ फिल्मों में ही अगर किस सीन आता था, तो उसके स्थान पर फूल हिलते हुए या फिर अन्य कोई सांकेतिक तरीके का इस्तेमाल किया जाता था। आज खुलेआम विवाहेत्तर सम्बंध पूर्णरुपेण दिखाए जा रहे हैं। इससे ही युवाओं पर काफी असर पड़ा है, तो दूसरी ओर अश्लील फिल्म या कहानी का चित्रण मन के विचारों में चलता रहता है, जिससे युवा या व्यस्क की मनोवृत्ति भी धीरे-धीरे वैसी ही होती जाती है। इसका अंजाम समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध हैं।

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