राष्ट्रीय पोषण माह’ एक राष्ट्रीय कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य राष्ट्र को समृद्ध बनाना : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के सम्बन्ध में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया **प्रधानमंत्री का बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या के समस्या पर विशेष फोकस **समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए पोषण आवश्यक **कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समय से पोषण सम्बन्धी सभी सुविधाए उपलब्ध करायी जाए **बच्चों के साथ कुपोषित मां को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए **कुपोषित परिवारों के बेरोजगार लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए **कार्यक्रम के संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जाए **पोषण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समुचित निगरानी जरुरी, जनपद स्तर पर साप्ताहिक, मण्डल स्तर निगरानी जरुरी, जनपद स्तर पर साप्ताहिक, मण्डल स्तर पर पाक्षिक, विभागीय व मुख्य सचिव स्तर पर मासिक समीक्षा की जाए **कोविड-19 के समय कार्यक्रमों की समुचित निगरानी डिजिटल माध्यम से की जाए **पोषण के स्तर को बेहतर करने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध करायी जाए **ऐसे परिवारों को किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए

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झांसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए पोषण आवश्यक है। महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। देश में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या के समाधान पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विशेष फोकस है। इसके दृष्टिगत ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ संचालित किया जा रहा है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राष्ट्र को समृद्ध बनाना है।
मुख्यमंत्री लोक भवन में ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के सम्बन्ध में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। प्रदेश के सभी जनपद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों से संवाद के दौरान उनके बच्चों की उम्र, पैदाइश के समय वजन, वर्तमान में वजन, स्वास्थ्य, प्रदान किये जा रहे पोषाहार, टीकाकरण आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पोषण के स्तर को बेहतर करने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध करायी जाए। गाय के भरण-पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रुपये भी प्रदान किये जाएं। यह व्यवस्था पहले से संचालित‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत की जाए। उन्होने कहा कि ऐसे परिवारों को अच्छे से अच्छा पोषण उपलब्ध कराने के लिए किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समय से पोषण सम्बन्धी सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। बच्चों के साथ कुपोषित मां को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए। कुपोषित परिवारों के बेरोजगार लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पोषण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समुचित निगरानी को जरुरी बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के समय में इसे डिजिटल माध्यम से आगे बढाया जाए। जनपद स्तर पर कार्यक्रम की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। मण्डलायुक्त के स्तर पर पाक्षिक समीक्षा की जाए। इस समीक्षा की रिपोर्ट विभाग तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को भी प्रेषित की जाए। विभागीय स्तर तथा मुख्य सचिव के स्तर पर माहवार समीक्षा सम्पन्न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम के संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रभावित लोगों तक बेहतर ढंग से पहुंचाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय पोषण माह की सफलता के लिए इसे जन-आन्दोलन बनाना पड़ेगा। कुपोषण से होने वाले नुकसान एवं केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओ के बारे में जन-जागरूकता पैदा करनी पड़ेगी। इस कार्यक्रम में सभी सम्बन्धित विभागों यथा स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि, उद्यान आदि को सहयोग करना होगा। पोषण कार्यक्रम के साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को भी समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जाए। इन कार्यक्रमों का लाभ बालकों एवं बालिकाओं को बिना भेदभाव के उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में भी जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। इस मौके पर एनआईसी झांसी में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, सीडीओ शैलेष कुमार, डीडी उद्यान भैरमसिंह, डीआईओएस कोमल सिंह, डीएसओ तीर्थराज यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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