महिलाओं की स्थिति में सुधार लाये बिना समाज का कल्याण सम्भव नहीं: अजय सोनी

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झाँसी। ‘‘ महिलाओं की स्थिति में सुधार लाये बिना समाज का कल्याण सम्भव नहीं है। महिलाओं को आर्थिक रुप से सशक्त बनाकर उनकी स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि शासन, प्रशासन के विभिन्न विभाग, समाज व परिवार मिलकर महिलाओं का सहयोग करें, ताकि वे न केवल शिक्षित हों, बल्कि आर्थिक रुप से सशक्त भी हों।’’
उपरोक्त विचार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 20 नवम्बर से 20 दिसम्बर तक मनाये जा रहे ‘‘नारी शक्ति आव्हान अभियान’’ के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी द्वारा आदिवासी बस्ती बिजौली में शिक्षा, स्वरोजगार, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता एवं सुरक्षा आदि विषयों को केन्द्रित कर आयोजित जागरुकता संगोष्ठी को मुख्य अतिथि डीडीएम नाबार्ड झाँसी अजय सोनी ने व्यक्त किये।
मुख्य अतिथि ने कहा कि बगैर आर्थिक संसाधनों के न तो महिलाओं का पोषण हो सकता है और न ही वे शिक्षित हो सकती हैं। इसलिए आवश्यक है कि महिलायें आर्थिक रुप से मजबूत हों, ज्यादा से ज्यादा अर्थोपार्जन का काम करें, ताकि वे अपने परिवार की आमदनी में भी योगदान दे सकें। उन्होनें अपने सम्बोधन में नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं से महिलाओं को अवगत कराया। जागरुकता संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि उपायुक्त, उद्योग झांसी मण्डल सुधीर श्रीवास्तव ने उद्योग विभाग की स्वरोजगार हेतु संचालित योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा कि भारतीय समाज में महिलायें आर्थिक क्रियाओं की मुख्य स्त्रोत होती हैं, चाहे घरेलू काम हों या बचत, ये सब अधिकतर महिलायें की करती हैं। उन्होंने कहा कि जो महिलायें बचत करती हैं, वे घरेलू मामलों में मुख्य निर्णायक की भी अदा करती हैं। आज के समय में आवश्यक है, महिलायें शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर स्वरोजगार अपनायें और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करें। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की अभिनव योजना ‘‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’’ के अन्तर्गत झांसी जनपद में संचालित सॉफ्ट ट्वायज के विषय में अवगत कराते हुए महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला परिवीक्षा अधिकारी नन्दलाल ने महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि महिलायें यदि ठान लें, तो वे न केवल स्वयं सामाजिक-आर्थिक रुप से सशक्त होंगी, बल्कि दूसरों को भी सशक्त बनाने में सहयोग कर सकती हैं। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, चाइल्ड लाइन, घरेलू हिंसा, किशोर न्याय बोर्ड, आशा ज्योति केन्द्र आदि योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी। संगोष्ठी की विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व सदस्य श्रीमती शशिप्रभा मिश्रा ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार द्वारा बहुत सी योजनायें संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ सभी को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास की नीति का पालन करते हुए सरकार का प्रयास है कि कोई भी महिला अशिक्षित, बेरोजगार, बेघर न हो, इसके लिए सरकार अनवरत् प्रयास कर रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के उपअधिष्ठाता, छात्र कल्याण डॉ. मुन्ना तिवारी ने कहा कि प्राचीनकाल से लेकर आधुनिक समय में परिवार को बनाने, संवारने एवं संचालन का काम महिलायें ही करती हैं। वे माँ अन्नपूर्णा भी हैं और माँ दुर्गा भी। अगर महिलाओं का पोषण नहीं होगा, स्वास्थ्य की देखभाल नहीं होगी, उन्हें शिक्षित नहीं किया जायेगा, उनकी सुरक्षा नहीं की जायेगी तो न तो समाज बेहतर होगा और न ही देश। इसलिये पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का कल्याण भी आवश्यक है।
कार्यक्रम का प्रारम्भ समस्त अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं द्वीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव राकेश कुमार, कौशल विकास मिशन के समन्वयक आदर्श श्रीवास्तव, प्रशिक्षक रिम्पी जॉन, वन स्टेप सेण्टर आशा ज्योति केन्द्र से प्रियंका तिवारी, वित्तीय साक्षरता केन्द्र के निदेशक निहाल चन्द्र शिवहरे, बाल सम्प्रेक्षण गृह की सदस्य चित्रलेखा, स्वयं सहायता समूह की प्रमुख छन्नू आदि ने अपने- अपने कार्यानुभव व शासकीय योजनाओं के सम्बन्ध में महिलाओं को बताया। संचालन राष्ट्रीय युवा योजना के समन्वयक कमलेश राय ने, अतिथियों का स्वागत समाज कार्य विभाग की समन्वयक व कार्यक्रम संयोजिका डॉ. नेहा मिश्रा ने व आभार डॉ. मुहम्मद नईम ने व्यक्त किया।
अन्त में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की ओर से समस्त अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्रीमती गुंजा चतुर्वेदी, शंकर सिंह, राघव भास्कर, शुभम गौतम, निर्मला देवी, निधि पटेल आदि उपस्थित रहे।

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