अब उर्वरक, बीज और कीटनाशक के ऑनलाइन जारी होंगे लाइसेंस: ज़िला कृषि अधिकारी

** इच्छुक किसान एवं अन्य व्यक्ति https://agriculture.up.gov.in की साइड पर क्लिक कर ऑनलाइन लाइसेंस प्रणाली के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं लाइसेंस ** उर्वरक विक्रेता दुकान पर रेट लिस्ट लगाना सुनिश्चित करें,बिना खतौनी प्राप्त किए उर्वरक की बिक्री न करें, किसान का होगा सत्यापन ** उर्वरकों का वितरण शत-प्रतिशत पीओएस मशीन के माध्यम से ही किया जाना सुनिश्चित किया जाए

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झांसी। “कृषक हित सर्वोच्च” मंशा को पूर्ण करने के लिए प्रदेश सरकार ने जनहित गारंटी योजना के तहत अब उर्वरक,बीज, कीटनाशक के विक्रय हेतु ऑनलाइन लाइसेंस निर्गत होंगे। इक्षुक पात्र व्यक्ति एवं किसानों को लाइसेंस हेतु अब नहीं लगाने होंगे विभागों के चक्कर, ऑनलाइन आवेदन के बाद विभाग द्वारा किया जाएगा सत्यापन और लाइसेंस जारी होगा। जनपद में किसानों को उक्‍त जानकारी ज़िला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने दी।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि कृषक हित सर्वोच्य प्रदेश सरकार ने जनहित गारंटी योजना के तहत उर्वरक, बीज, और कीटनाशक के आनलाइन लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। आवेदक कॉमन सर्विस सेन्टर से https://agriculture.up.gov.in की साइट पर जाकर जनहित गारंटी योजना क्लिक कर आनलाइन लाइसेंस प्रणाली के माध्यम से आवश्यक अभिलेख एवं निर्धारित फीस की जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके साथ ही उर्वरक, बीज, और कीटनाशक के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए भी आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है,इसमे किसी भी तरह के अभिलेख को कार्यालय में लाने की आवश्यकता नही है। लाइसेंस के लिए मांगे गए सभी अभिलेख पोर्टल पर ही फीड एवं अपलोड करने है। आवेदक के स्तर से आनलाइन लाइसेंस के लिए आवेदन के बाद कृषि विभाग के कार्यालय से उसके सत्यापन की कार्यवाही पूरी की जाएगी। इसके बाद आवेदक की ओर से लाइसेंस फीस भी आनलाइन जमा की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे युवा जो उर्वरक बीज और कीटनाशक के विक्रय हेतु इक्षुक हैं वह ऑनलाइन आवेदन करें, उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि लाइसेंस निर्गत होने के दौरान विभागों की अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने होंगे सभी प्रक्रिया ऑनलाइन संपादित होगी। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि किसानों द्वारा जनपद में उर्वरक की कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग तथा अनावश्यक रूप से उर्वरक विक्रेताओं द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत बार-बार मिल रही है, इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उर्वरक बिक्री केन्द्रो के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा में उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रो में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है।
उन्होंने जनपद के समस्त खुदरा उर्वरक विकताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि आप अपने उर्वरक बिक्री केन्द्र पर तीन दिन के अन्दर रेट लिस्ट (बोर्ड) पर उर्वरकों की अधिकतम बिकी दरें पेन्ट द्वारा पठनीय लिखते हुये ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करायें कि कृषको को आसानी से उर्वरकों के मूल्य की जानकारी हो सके। यदि इसके पश्चात कहीं पर बिना पेन्ट से लिखी रेट लिस्ट बोर्ड पर पायी जाती है तो आपके विरूद्ध उर्वरक प्राविधानो के उलंघन में कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी जिसके लिये आप स्वंय उत्तरदायी होगें।

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