विकास कार्यों की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने जताई नाराजगी

** 50 लाख रुपए एवं उससे अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा में कार्यदायी संस्थाएं रहीं निशाने पर ** कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने की समयावधि निर्धारित करने के बाद भी कार्य पूर्ण न करने पर डीएम ने लगाई फटकार ** उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के कार्यों की जाँच के आदेश

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झांसी। विकास भवन सभागार में 50 लाख रुपए व उससे अधिक लागत की परियोजनाओं की प्रगति एवं सत्यापन आख्या जिसमें सड़क एवं अन्य परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने की। बैठक में कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण कार्य समय सीमा के बाद भी पूर्ण न करने पर फटकार लगाई।
बैठक में जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाएं (सड़कों को छोड़कर) एवं 50 लाख से अधिक लागत की सड़क परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी एवं टेक्निकल अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन भवनों की छत पर पानी भर कर गुणवत्ता परखने के दिए निर्देश, निर्माण कार्यो के निरीक्षण में जो तकनीकी एवं गुणवत्ता की कमी पाई जाती है तो उसके फ़ोटोग्राफ़ आख्या के साथ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि कमियों का आंकलन किया जा सके और कार्यदायी संस्था द्वारा उन्हें ठीक कराया जा सके। उन्होंने बिल्डिंग हैंडओवर के लिए शासनादेशानुसार पांच सदस्यीय समिति द्वारा टेक्निकल वेरिफिकेशन के बाद ही बिल्डिंग अथवा अन्य निर्माण कार्य हैंडओवर किया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में ज़िलाधिकारी के निशाने पर कई कार्यदायी संस्थाएं रहीं जिनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के सत्यापन हेतु लगाए गए नोडल अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता में कमी की शिकायत की गई थी। जनपद में उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा पांच बृहद गौ संरक्षण केंद्र बनाए जाने की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी द्वारा दी गई गुणवत्ता ठीक ना होने की रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त की और ए0ई0 के विरुद्ध प्रमुख सचिव सहकारिता को विभागीय कार्रवाही करने हेतु पत्र लिखे जाने के निर्देश दिए। कार्यदायी संस्था द्वारा वृहद गो संरक्षण केंद्र उल्दन, ग्राम पंचायत धवारी, ग्राम पंचायत मलहेटा, ग्राम पंचायत गुढां एवं ग्राम पंचायत पठगुवां मे निर्माणाधीन है, प्रत्येक वृहद गो संरक्षण केंद्र की लागत 01.16 करोड़ रुपए है। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि सत्यापन हेतु कोई भी अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं होने पर कार्यों का सत्यापन नहीं किया जा सका। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी नोडल अधिकारी के निरीक्षण में गुणवत्ता मानक अनुसार नहीं पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, उन्होंने मोंठ रेलवे स्टेशन के पास उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी-कानपुर रेलखण्ड के उपरिगामी सेतु निर्माण कार्य की समीक्षा की और 29.13 करोड़ धनराशि के सापेक्ष 18.58 करोड़ उपलब्ध होने के बाद भी 04.20 करोड़ व्यय करने और कार्य की प्रगति बेहद धीमी होने पर नाराजगी व्यक्त की, उन्होंन गुणवत्ता के साथ तेजी से कार्य करते हुए पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में उन्होंने कचीर- मझगवां (राठ-गरौठा) के मध्य धसान नदी पर सेतु, पहुंच मार्ग एवं सुरक्षात्मक कार्य निर्माण की समीक्षा की, लगभग 27 करोड़ से अधिक धनराशि अवमुक्त होने के पश्चात भी निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य गति के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्य में शिथिलता बरतने पर नाराजगी व्यक्त की और किए जा रहे कार्यों की जांच के आदेश दिए। उन्होंने पारीछा तापीय विद्युत गृह में बुद्ध बिहार विपश्यना केंद्र के विकास कार्य की समीक्षा की, कुल 02.47-1 करोड़ कि लागत के निर्माण कार्य में अब तक 01.97 करोड़ अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष मात्र 17% प्रतिशत प्रगति होने पर नाराजगी व्यक्त की। इसी क्रम में उन्होंने तहसील टहरौली के लठवारा स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर के पर्यटन विकास कार्य की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी की रिपोर्ट गुणवत्ता ठीक नहीं है पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की कार्य समय से पूर्ण किया जाए। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के अंतर्गत बरुआसागर में कॉमन इनक्यूबेंशन केंद्र को शासनादेशानुसार हैंडओवर कराए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, पीडी डीआरडीए राजेश कुमार, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी दीपांकर चौधरी सहित पर्यटन विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद रहे।

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