गौ संरक्षण सेवा समिति योजना का अधिक से अधिक गऊ पालकों को लाभ दिलाए : डीएम

0
769

झांसी। ग्रामीण क्षेत्र में भी गौ आश्रय स्थल पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अधिकारी यदि अस्थाई गो आश्रय स्थल व स्थाई आश्रय स्थल पर भ्रमण करते हैं, तो सुधार भी निश्चित होना चाहिए। विकासखंड स्तर व गांव स्तर पर गठित गौ संरक्षण समिति की नियमित बैठक हो और कार्यों की समीक्षा की जाए। सहभागिता योजना का क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि गो पालक इस योजना का लाभ ले सकें। प्रधानमंत्री आवास योजना का सत्यापन पूर्ण पारदर्शिता से किया जाए यदि योजना का लाभ अपात्र को दिया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। यह निर्देश जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने विकास भवन सभागार में आयोजित जिला गौ संरक्षण समिति व प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी / आसरा आवास योजना अंतर्गत आवासों की समीक्षा करते हुए दिए। आसरा आवास योजना अंतर्गत नए आवेदनों का सत्यापन ईओ नगर पालिका गंभीरता व पारदर्शिता से करें गड़बड़ी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।
जिला गौ संरक्षण समिति की बैठक में अध्यक्षता करते हुए जिला अधिकारी ने कहा कि जन सहयोग से ही गोवंश का संरक्षण मुमकिन है। जन-जागरण से सहभागिता योजना सफल हो सकती है। गौ पालक को जागरूक करें कि वह इयर टैगिंग गोवंश का पालन करें। उन्हें प्रतिमाह 900 रुपए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निराश्रित गौवंश से समस्या किसानों को है तो समस्या का निराकरण भी किसान के द्वारा ही संभव होगा। निराश्रित गौवंश के लिए बीडियो ग्राम सभा से प्रस्ताव लेकर अस्थाई आश्रय स्थल का निर्माण करा सकते हैं। आश्रय स्थल पर गौवंश के लिए चारा व पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद स्तरीय अधिकारी अथवा पशु चिकित्सक स्थाई /अस्थाई आश्रय स्थल का निरीक्षण करते हैं तो वहां सुधार भी दिखना चाहिए। भ्रमण के दौरान वहां गौवंश के लिए ठंड से बचने के लिए क्या उपाय है उसकी भी जानकारी प्राप्त करें। गौवंश को चारों ओर से ठंडी हवाओं से बचने के लिए त्रिपाल की व्यवस्था अवश्य की जाए। उन्होंने आश्रय स्थल पर अलाव जलाने की भी निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि गौ आश्रय स्थलों पर अलाव की व्यवस्था हो ताकि गौवंश को ठंड से बचाया जा सके। गौ संरक्षण समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विकासखंड गांव स्तर पर गठित गौ संरक्षण समिति की नियमित बैठक की जाए तथा सारा रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए ताकि किए गए कार्य में पारदर्शिता बनी रहे। गोवंश की मृत्यु पर तत्काल उसे मौके से हटाकर अंतिम क्रिया की जाए जिससे अन्य गौवंश को भी बचाया जा सके। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वाई एस तोमर ने बताया कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्र में 116 अस्थाई आश्रय स्थल है तथा नगरी क्षेत्र में 15 आश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 15765 गौवंश संरक्षित है। जनपद को शासन द्वारा 9 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हुई, जिसके सापेक्ष 6.50 करोड़ रूपया जनपद में मांग के अनुसार विभिन्न गौ आश्रय स्थलों को वितरित की जा चुकी है। सबसे अधिक धनराशि को विकासखंड चिरगांव व गुरसराय में खर्च किया गया है। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गजेंद्र निगम, एसडीएम सदर संजीव कुमार मौर्य, डीडीओ उग्रसेन सिंह यादव, परियोजना निदेशक डीआरडीए डॉ. आरके गौतम सहित विशेष रुप से शासन के नोडल अधिकारी डॉ केदारनाथ संयुक्त निदेशक पशुपालन उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY