मजिस्ट्रेट प्रोएक्टिव रहते हुए बनाए रखें लीडरशिप: डॉ0 रजनीश दुबे

जनपद के टॉप 10 बकायादारों पर सख्त कार्यवाही करते हुए चल संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही करें ** जनपद में अभियान चलाते हुए क्षतिग्रस्त हटाते हुए नये सीमा स्तम्भ को लगाये जाने के दिए निर्देश, सीमा स्तम्भ लगाना राजस्व का मूल कार्य ** रियल टाइम खतौनी एक महत्वपूर्ण कार्य, अवशेष कार्य एक सप्ताह में पूर्ण करने के दिए निर्देश ** 03 साल पुराने वाद एक माह में निस्तारित करना सुनिश्चित करें, राजस्व वादों का निस्तारण समयबद्धता और गुणवत्तापूर्ण सुनिश्चित करें

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झांसी। अध्यक्ष राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश शासन डॉ0 रजनीश दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में राजस्व कार्यों की गहन समीक्षा की गई। मंडलायुक्त व जिलाधिकारी ने अध्यक्ष का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
समीक्षा बैठक में उन्होने राजस्व अधिकारियों से कहा कि अपनी प्राप्त मजिस्ट्रेट की शक्तियों को सकारात्मक दिशा में प्रयोग करें तथा प्रोएक्टिव रहते हुए लीडरशिप बनाए रखें। राजस्व वसूली एक जरूरी कार्य है जिस पर लापरवाही न की जाए। सभी राजस्व अधिकारी कलेक्शन मैनुअल की जानकारी ली और कहा कि सभी उपजिला अधिकारी तहसीलदार तहसीलों में सम्बंधित अधिकारी कलेक्शन मैनुअल की किताबें को अवश्य पढ़े। उन्होने मानक और दायरे के अनुसार न्यायालयों में लम्बित वादों के निस्तारण करने के निर्देश दिए।
डॉ0 रजनीश दुबे ने सभी राजस्व अधिकारियों से जनपद में लम्बित वादों की यथास्थिति की जानकारी ली। उन्होने निर्देश दिए कि सभी वादों का यथाशीघ्र निस्तारण कराया जाए। साथ ही साथ सभी मजिस्ट्रेट वादों का निस्तारण करते समय न्याय संगत आदेश करना सुनिश्चित करें। उन्होने धारा 80 के तहत आने वाले प्रकरणों को भी यथाशीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होने एक पक्षीय आदेश के मामलों के अवसर देने की बात कही। भूलेख खतौनी, भूलेख खसरा, भूलेख भू-नक्सा, स्वामित्व योजना, धारा 98(अनु0जाति के भूमिधर की भूमिका का अन्तरण), आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, गैर कृषक भूमि (धारा 80), उत्तराधिकार/वरसात(धारा 33), मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना आदि की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए, साथ ही रियल टाइम खतौनी निर्माण, स्वामित्व योजना, कृषक दुर्घटना, आय, जाति हैसियत समय सीमा में निस्तारण पर जिलाधिकारी की सराहना की। कर-करेत्तर में जनपद के वार्षिक लक्ष्य को विगत वर्ष के सापेक्ष कम से कम 20 प्रतिशत बढाया जाए। उन्होने कहा कि जनपद के 10 बडे बकाएदारों की बनी हुई सूची को पुनः चैक करवाने के निर्देश दिए। साथ ही चल अचल संपत्ति को कुर्क कर वसूली करें। सीमा स्तम्भ लगाए जाने का कार्य एक महत्वपूर्ण कार्य है जिसको लेखपालों द्वारा किया गया है इसका सत्यापन उच्च अधिकारियों से कराया जाए, जो सीमा स्तम्भ जर्जर अवस्था में उनकी सूची बनवा ली जाए। राजस्व कार्यों की समीक्षा करते हुए अध्यक्ष राजेश पर्षद ने कहा कि अंश निर्धारण में प्रगति आवश्यक है तथा अंश निर्धारण में शुद्धता जरूरी है। मानसून में इस कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए। ई-खसरा पडताल को 31 सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त बिमल दुबे एवं जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने अध्यक्ष राजस्व परिषद को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का सम्यक् अनुपालन कराया जाएगा। अध्यक्ष राजस्व परिषद ने कलेक्ट्रेट स्थित नव लोकार्पित सभागार में डिवीजनल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता की, उपस्थित समस्त अधिवक्ताओं ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने 09 सूत्री प्रतिवेदन मा0 अध्यक्ष राजस्व परिषद को सौंपा और विभिन्न बिंदुओं पर विचार एवं निर्णय लिए जाने की अपेक्षा की। बैठक में मंडलायुक्त बिमल दुबे, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, अपर जिला अधिकारी प्रशासन एके सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे अशोक कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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