जीरो बजट खेती के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराया जाये ताकि किसान की आय दोगुनी हो सके : आलोक सिन्‍हा

किसी भी दशा में पराली न जलायी जायें, पराली जलाये जाने पर जिम्मेदारी तय करते हुये कार्यवाही की जाये: कृषि उत्पादन आयुक्त ** **संगठित खेती को बढ़ावा दिया जाये उत्पादन को प्रोसेसिंग व पैकेजिंग के साथ विक्रय किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित हो **कन्वर्जेन्स के साथ खेती किसानी की जाये मस्त्य, पशुपालन, उद्यान सहित अन्य विभाग मिलकर किसान के साथ कार्य करें **ग्रामीण उद्योग को प्रोमोट करना होगा ताकि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय देश की औसत आय के बराबर हो सके **जनपदों में खाद की समस्या न हो, कालाबाजारी पर सख्त कार्यवाही हो, रबी में अभी से आंकलन करते हुये मांग प्रेषित करें ताकि खाद उपलब्ध करायी जा सके ** ऐसे किसान जो अधिसूचित फसलों का बीमा नहीं कराना चाहते वह 31 दिसंबर 2020 तक इसकी जानकारी संबंधित बैंक को उपलब्ध कराएं

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झांसी। आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 आयोजित हुई। योजना भवन वीसी कक्ष से गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि यह बैठक एलर्ट करने के लिये आयोजित हुई। आप सभी रबी की तैयारियों में जुटे जाये।
राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी 2020 में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिंहा ने किसानों की आय दोगुनी कैसे की जाये ? इस पर जोर देते हुये कहा कि किसानों को संगठित खेती के लिये प्रेरित करना होगा। खेती में भी कन्वर्जेन्स को शामिल करना होगा। पशुपालन, उद्यान, मत्स्य पालन के अन्य घटकों को भी खेती में शामिल करना होगा ताकि किसान को नुकसान कम और आय अधिक हो। उन्होने जीरो बजट की खेती पर फोकस करने का सुझाव दिया और जीरो बजट के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देते हुये कहा कि अनेकों जिलों में मण्डी के माध्यम से जैविक उत्पादों की बिक्री की जा रही है। मंडी किसान की आय बढाने में सहयोग कर रही है। उन्होने कहा कि ऐसे प्रयास हर जिले में किये जाये।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये एपीसी ने कहा कि “खेत ही आर्थिक उन्नति का उद्गम” है। किसान को योजनाओं का लाभ उसके खेत तक पहुंचाये। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार की जो भी योजनायें है, उन पर ध्यान दें और ब्लाक स्तर पर उनका क्रियान्वयन किया जाये। एफपीओ किसानों के अतिरिक्त कार्य में सहयोग करें। किसानों को संगठित होकर कार्य करने को प्रेरित करें, ऐसा करने में नुकसान की सम्भावना कम और लाभ अधिक होगा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने गोष्ठी में कहा कि योजना बनाकर कार्य करना होगा। कौन-सी खेती करें, बीज कौन-सा हो तभी लाभ प्राप्त हो सकता है ? उन्होने बताया कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत आय 66 हजार रुपये है जबकि देश में प्रति व्यक्ति आय 1,26,000 रुपये है। मात्र दो जिले है जहां प्रत्येक व्यक्ति औसत आय देश की औसत आय के बराबर है। प्रदेश के 66 जिले ऐसे है जहां प्रतिव्यक्ति आय 66 हजार रुपये से कम है और 26 जिले ऐसे जहां प्रति व्यक्ति आय 66 हजार से अधिक है। यदि किसान की आय बढाना है, तो खर्च कम और आय अधिक कैसे कर सकते है यह सोचकर खेती करना होगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने पराली न जलाये जाने व जलाये जाने पर आर्थिक दण्ड की जानकारी किसानों तक पहुंचाये जाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि गांव-गांव प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि लोग सतर्क रहे और पराली न जलाये। उन्होने कहा कि पराली से भूसा तैयार करें। इसके लिये यंत्रों की व्यवस्था की गयी है किसान इस योजना का लाभ लें। अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि विभिन्न योजनाओं की सब्सिडी का भुगतान डीबीटी के माध्यम से ही किया। यदि डीबीटी के बाहर सब्सिडी का वितरण किया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि पूर्व में एक बड़ी धनराशि का जिले में वितरण की शिकायत प्राप्त हई है, जांच चल रही है कार्यवाही की जायेगी। उन्होने यूरिया की कालाबाजारी को सख्ती से रोके जाने के निर्देश दिये और विक्रय पाॅस मशीन से ही किये जाने को कहा कि फर्जी ढंग से खाद का विक्रय होगा तो कार्यवाही की जायेगी। अपर मुख्य सचिव ने अभियान चलाकर और कैम्प आयोजित करते हुये केसीसी बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि माह अक्टूबर तक यह कार्य पूर्ण कर लें। पशुपालकों के लिए भी केसीसी जारी किये जाये। बैंकों में अधिक से अधिक आवेदन जमा कराये ताकि सभी पशुपालक जिनके पास केसीसी नही है उन्हे केसीसी दिलाया जा सके। उन्होने कहा कि जनपदों में किसान बिल की जानकारी दें। किसानों को बताये कि एमएसपी चालू रहेगी, बिल की भ्रांतियों को दूर करें। गोष्ठी में प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार ने कहा कि किसान की आय दोगुनी हो इसमें विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। दुग्ध उत्पादन से जुडे किसानों को केसीसी जारी किया जा रहा है। उन्होने कहा कि गौ आश्रय स्थल को स्वाबलम्बी बनाने के लिये पारम्पारिक खेती को बढावा दें, जैविक खादों का इस्तेमाल करें। अतिकुपोषित बच्चों के परिवार को आश्रय स्थल से ऐसी गाय जो दूध देती है दी जा रही है और अब तक 80 परिवार इस का लाभ ले चुके है। उन्होने किसानों को पराली न जलाने की सलाह देते हुये कहा कि पशुपालन विभाग ने 80 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है जो खेत फसल कटाई के बाद पराली जलाये नही उसे भूसा में बदले इसके लिये धनराशि उपलब्ध है। प्रमुख सचिव उद्यान बीएल मीना ने कहा कि विभागीय योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन किया जाये तो किसान को सीधा लाभ होगा और आय में भी बढोत्तरी होगी। उन्होने किसानों को औषधीय खेती करने के लिये प्रेरित किये जाने का सुझाव दिया। वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 में प्रतिभाग करते हुये मण्डलायुक्त सुभाष चन्द शर्मा ने मण्डल में पराली न जलाये के सम्बन्ध में तैयारियों पूर्ण कर ली है। उन्होने बताया कि ऐसे किसान जिन्होने खेत में धान बुवाई की है उनका डाटा एक सप्ताह में एकत्र कर रहे है। यदि पराली जलायी जायेगी तो जवाबदेही तय करते हुये कार्यवाही की जायेगी। उन्होने बताया कि किसान के साथ ही लेखपाल व सचिव को जिम्मेदार बनाते हुये कार्यवाही की जायेगी। उन्होने मण्डल में सौलर पम्प की मांग के सम्बन्ध में बताया कि 2 एचपी का लक्ष्य नही दिया गया, जबकि सबसे अधिक 2 एचपी सौलर पम्प की मांग है, यदि लक्ष्य निर्धारित कर दिया जाये तो किसानों को लाभ होगा। उन्होने गौशाला योजना पर ध्यान देने की जरुरत है की बात कही और बताया कि ठंड से अधिक समस्या होती है, ठंड से गौवंश की मौत न हो उन्हें कवर किया जाना जरुरी है। मण्डलायुक्त ने जनपद ललितपुर में 400 करोड रुपये की धनराशि फसल बीमा के वितरण की जानकारी देते हुये कहा कि खरीफ व रबी की फसलों के बीमा में यह धनराशि किसानों के सीधे बैंक खाते में जमा करायी गयी।
इस मौके पर एनआईसी झांसी में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, आरएफसी नरेन्द्र कुमार, प्रभारी जेडीए जीसी कटियार, डीडी उद्यान भैरम सिंह सहित पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, लघु सिंचाई, नलकूप के विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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