राष्ट्र कवि ने रचनाओं से देश में स्वर्ग की स्थापना का दिया संदेश : मण्‍डलायुक्‍त

पद्मश्री डॉ. अवध किशोर जड़िया को मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से नवाजा ****** कवियों ने अपनी रचनाओं से युवाओं में किया ऊर्जा का संचार

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झांसी। राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जयंती पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन में मंडलायुक्त डा विमल दुबे ने कहा कि राष्ट्र कवि की रचनाओं ने समाज में राष्ट्र प्रेम, राष्ट्रीयता कर्मशीलता, नैतिकता और मानवीय मूल्यों की स्थापना की। उन्होंने अपनी रचनाओं से देश में स्वर्ग की स्थापना का संदेश दिया। राष्ट्र कवि ने अपनी रचनाओं से राजा और प्रजा के आदर्श मूल्यों को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम में रचनाकारों ने अपनी इंद्रधनुषी रचनाओं से विद्यार्थियों और युवाओं में ऊर्जा का पुरजोर संचार किया। बुविवि के हिंदी विभाग के तत्वावधान में आयोजित विशेष सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त डॉ. विमल दुबे, कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय आदि ने पद्मश्री डॉ. अवध किशोर जड़िया को मैथिली शरण गुप्त सम्मान से नवाजा। डॉ. जड़िया को श्रीफल, शाल, प्रशस्तिपत्र और नगद राशि देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. जड़िया ने कहा कि हिंदी साहित्य में बुंदेलखंड का योगदान अद्वितीय है। उन्होंने दद्दा के नाम पर स्थापित सम्मान मिलने को खुद के लिए गौरव का क्षण बताया। अध्यक्षता करते हुए प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि उन्हें दद्दा की तीन जयंतियों को मनाने का अवसर मिला। यह उनके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि शौर्य और वीरता की पर्याय रानी लक्ष्मीबाई झांसी की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि दद्दा मैथिली शरण गुप्त ने अपनी रचनाओं से जो प्रतिमान स्थापित किए वे 138 साल बाद भी बेमिसाल हैं।
मैथिली शरण गुप्त के प्रपौत्र वैभव गुप्त ने अपने बाबा की रचना से अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने डा अवध किशोर जड़िया जी के व्यक्तित्व और कृतित्व का ब्यौरा पेश किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण के नाम पर चिरगांव में एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। इसका भूमि पूजन इस साल दिसंबर में होगा। उन्होंने भारत भारती की कुछ पंक्तियां भी पेश कीं।
हिंदी विभागाध्यक्ष और कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। शुरुआत में अतिथियों ने मां सरस्वती और राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त के चित्रों पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। कवि सम्मेलन में डॉ. विष्णु सक्सेना, श्वेता सिंह, नीलोत्पल मृणाल, रचना विमल आदि ने अपनी रचनाओं से युवाओं की जमकर वाहवाही लूटी।
इस मौके पर प्रो एसपी सिंह, परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, संपत्ति अधिकारी डॉ. डीके भट्ट, प्रो पुनीत बिसारिया, डॉ. बीवी त्रिपाठी, डॉ. अचला पाण्डेय, डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ. नवीन पटेल, डॉ. यतींद्र मिश्र, डॉ. जय सिंह, डॉ. कौशल त्रिपाठी, उमेश शुक्ल, डॉ. राघवेन्द्र दीक्षित, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. सुनील त्रिवेदी, डॉ. नेहा मिश्रा, डॉ. उपेंद्र सिंह तोमर, डॉ. राजीव बबेले, डॉ. शैलेंद्र तिवारी, डॉ. प्रेमलता, डॉ. सुनीता वर्मा, डॉ. सुधा दीक्षित, डॉ. शिप्रा वशिष्ठ, डॉ. गुरदीप कौर त्रिपाठी, डॉ. मनीषा जैन आदि उपस्थित रहे। संचालन कवि अर्जुन सिंह चांद ने किया। कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने आभार व्‍यक्‍त किया।

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