जैव रसायन विकास की महत्वपूर्ण धुरी: कुलपति

बी0यू0 में सम्पन्न हुई एक दिवसीय जैव रसायन कार्यषाला

0
932

झाॅंसी। जैव रसायन विकास की एक महत्वपूर्ण धुरी है। जैव रसायन के बिना स्वास्थ्य, चिकित्सा विज्ञान तथा कृशि क्षेत्र में विकास सम्भव नही है। यह विचार आज बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र दूुबे ने व्यक्त किये। प्रो0 दुबे आज बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के गांधी समभागर में जैव रसायन संस्थान द्वारा ‘‘स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं कृशि क्षेत्र में बायोकेमिस्ट्री की भूमिका’’ विशयक एक दिवसीय कार्यषाला के उद्घाटन समारोह के अवसर पर अध्यक्षता करते हुए अपने उद्गार व्यक्त कर रहे थे। प्रो0 दुबे ने कहा कि देष में खेती योग्य कृशि भूमि निरन्तर घटती जा रही है, जबकि देष की जनसंख्या निरन्तर बढती ही जा रही है। आज वर्तमान परिदृश्य में देष की बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए जैव रसायन की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कार्यषाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि तिलका मांझी विष्वविद्यालय, भागलपुर के पूर्व कुलपति प्रो0 आर0एस0 दुबे ने कहा कि बी0टी0 काॅटन, बी0टी0 मक्का, बी0अी0 बैंगन के उत्पादन के कारण उत्पादन में आषातीत बृद्धि हो रही है। बी0टी0 चावल पर षोध पूरा हो चुका है तथा निकट भविश्य में षीघ्र ही बी0टी0चावल का उत्पादन प्रारम्भ होने वाला है। उन्हांेने कहा कि जैव रसायन का उपयोग खाद्यान्न उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण, नदियों की सफाई आदि में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
इससे पूर्व विषिश्ठ अतिथि बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0एच0पी0 पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में जैव रसायन की अध्ययन महत्वपूर्ण हो गया है। विषिश्ट अतिथि के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जैव भौतिकी विभाग की प्रो0 षर्मिश्ठा डे ने भी वर्तमान में जैव रसायन की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त किये।
आज प्रातः उद्घाटन कार्यक्रम का प्रारम्भ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन, माल्यार्पण एवं सरस्वती वन्दना से हुआ। मंचाषीन अतिथियों को पुश्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किये गये। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विाान संकायाध्यक्ष प्रो0एस0के0 कटियार ने स्वागत भाशण देकर अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया।
कार्यषाला के आयोजन सचिव डा0 रमेष कुमार ने कार्यषाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जैव रसायन वर्तमान में एक ज्वलन्त विशय है।
कार्यक्रम के अन्त में संकायाध्यक्ष प्रो0 सी0बी0 सिंह ने आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डा0 गुरमीत कौर त्रिपाठी तथा डा0अंकता जैस्मिन लाल ने किया।
इस अवसर पर प्रो0 वी0के0सहगल, डा0रामबीर ंिसंह, डा0एस0के0जैन, डा0त्ररिूा कुमार सक्सेना, डा0 सर्वेन्द्र्र सिंह, डा0 बलबीर सिंह, डा0अंकित श्रीवास्तव, डा0वी0एस0 चैहान, डा0भानुमति सिंह, डा0जोंस मैथ्यू, डा0 षाहिमा कलीम, डा0 सुमिरन श्रीवास्तव, डा0अंजलि सक्सेना, डा0 संजय सिंह, डा हेमन्त कुमार, उा0 बालेन्दु सिंह, डा0 आर0डी0 कुदेषिया, डा0 सन्तोश पाण्डेय, सहित विभिन्न विभागों के षिक्षक एवं षिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

आज के विषिश्ट व्याख्यानों में सर्वप्रथम प्रो0 सी0बी0 ंिसह ने बदलते हुए परिदृश्य में कृशि की उभरती समस्याएं विशय पर अपना व्याख्यान दिया। प्रो0 सिंह ने कहा कि पूंजीवादी औद्यौगिक देषों में नगरीय विकास, सडक निर्माण, एंव अन्य कर्यो हेतु मूल्यवान कृशि भमि का उपयेाग एक विकट समस्या बन चुका है। उन्होंने कहा कि पूर्व में कृशि में परम्परागत तरीके से खेती की जाती थी जिसके कारण समय तो अधिक अवष्य लगता था परन्तु किसी भी प्रकार की पर्यावरणीय तथा परिस्थितिकीय समस्या उत्पन्न नही होती थी। कृशि भूमि में सिचांई तथा मानव जनसंख्या में बृद्धि के कारण जल समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है, उन्होंने कहा कि आज आवष्यकता इस बात की है कि हमे उत्पादन बढाने के साथ-साथ इन समस्याओं का समाधान भी ढूंडना होगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जैव भौतिकी विभाग की प्रो0 षर्मिश्ठा डे ने ‘‘कैंसर रोग की पहचान में बायो मार्कर की भमिका’’ विशयक अपने व्याख्यान में यह स्पश्ट किरने का प्रयास किया मि बायो मार्कर के कारण स्तन कैंसर, मुख कैंसर तथा फेफडों के कैंसर की पहचान प्राथमिक स्तर पर ही कर उसका उपचार किया जा सकता है। प्रो0 डे ने कहा कि इस विधि में मरीज के रक्त में प्रोटीन के आधार कैंसर का पता लगाया जा सकता है। उन्होनं कहा कि पेप्टिाईट आधरित औशधियों पर षोध कार्य अन्तिम चरण में है।
बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0एच0पी0 पाण्डेय ने जैव रसायन पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने जैव रसायन का विज्ञान की अन्य षाखाओं के साथ अन्र्तसम्बन्ध तािा जैव रसायन के महत्व पर प्रकाष डाला। प्रो0 पाण्डेय ने बताया कि आज चिकित्सा विज्ञान, स्वास्थ्य एवं कृशि क्षेत्र के लिए जैव विाान अत्याधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो0एस0के0कटियार ने खाद्य तकनीकी के क्षेत्र में जैव रसायन के उपयोग पर प्रकाष डाला तथा बताया कि वर्तमान में जैव रसायन खाद्य तकनीकी का एक महत्पपूर्ण अ्रंग हो गया है।
व्याख्यानों के पष्चात जैव रसायन संस्थान की प्रयोगषालाओं में डा0 सिमरन श्रीवास्तव, डा0 बलबीर सिह, डा0 बालेन्दु सिंह, डा0 दिनेष गौतम तथा डा0 षाईमा कलीम ने प्रतिभागियों को जैव रसायन के विभिन्न प्रयोगों के बारे मेे बताया।

LEAVE A REPLY