बर्ड फैस्टिवल एवं अन्तरराष्ट्रीय वेटलैण्ड दिवस का हुआ आयोजन

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झांसी। आज वन विभाग की ओर से सिमरधा बांध में बर्ड फैस्टिवल एवं अन्तराष्ट्रीय वैटलैण्ड दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य वन संरक्षक पी0पी0 सिंह, निर्वतमान वन संरक्षक जी0पी0 सिंह, वर्तमान वन संरक्षक बी0आर0 अहिरवार, प्रभागीय वनाधिकारी वी0के0 मिश्र, उप प्रभागीय वनाधिकारी, झांसी तथा मऊरानीपुर मधुर प्रकाश सक्सेना व वी0के0 सिंह, क्षेत्रीय वनाधिकारी, झांसी परवेज शहजाद तथा वन विभाग का स्टाफ आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जगमोहन बड़ौनिया, अध्यक्ष-मानवता के लिए एक कदम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में निकेत मिश्रा, पक्षी विशेषज्ञ, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मानवता के लिए एक कदम संस्था की ओर से काफी संख्या में बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बच्चों को बांध क्षेत्र में घूम-फिर कर तरह-तरह के पक्षियों के दर्शन कराये गये व उनकी प्रजाति तथा प्रजनन तथा वेटलैण्ड के महत्व के बारे विस्तृत जानकारी दी गयी। प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस वर्ष विश्व वेटलैण्ड्स दिवस मनाये जाने का विषय wetlands and water है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि वेटलैण्ड्स में स्वच्छ जल प्रचुर मात्रा सुनिश्चित कराने के लिये तथा उनके संरक्षण व सम्बर्द्धन के लिये राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। इस सम्बन्ध में एन0जी0टी0, नई दिल्ली द्वारा भी निर्देश दिये गये है। बी0आर0 अहिरवार, वन संरक्षक द्वारा बताया कि पुराने समय में गांव में वन, बाग एवं तालाबों का संरक्षण किया जाता था, जिससे पर्यावरण में संतुलन बना रहता था, जिससे पशु पक्षी एवं वन्य जीव जन्तु भी सुरक्षित रहते थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि झांसी जनपद में देश के अन्य स्थालों एवं विदेशों से हजारों कि0मी0 दूरी पार कर पक्षी आते है। पक्षियों के शरीर में बायोलोजिकल क्‍लॉक होता है, जिसकी वजह से वह सुदूर क्षेत्र से बिना कोई रोकटोक व परेशानी के अपने गंतव्य स्थान तक आ जाते है। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि प्राकृति रूप से सफाई करने वाला गिद्ध आज मानव निर्मित दवाई डायक्लोफिनेक के कारण इनकी प्रजाति समाप्ति के कगार पर है। भ्रमण दौरान लिटिल कार्मोरेट-1475, कैटल इग्रेट-102, लेजर विस्टलिंग डग-150, कॉमन कूट-160, कॉमन पोचर्ड-680 सहित अन्य पक्षियों सहित लगभग 3000 पक्षियों को देखा गया। प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकर व उन्हें देखकर बच्चों में अति उत्साह देखा गया।
भ्रमण के पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के बीच भाषण, निबन्ध एवं कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें तीनों प्रतियोगता में आये सर्वश्रेष्ठ प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के बच्चों को प्रसस्ति पत्र एवं मेडल देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के समाप्ति पर परवेज शहजाद, क्षेत्रीय वन अधिकारी तथा उनके स्टाफ प्रद्युमन सिंह, महेश कुमार, वनरक्षक एवं मनोज श्रीवास व शिवनाथ, वनरक्षक ने कार्यक्रम में आये अधिकारियों/अतिथियों व बच्चों का आभार प्रकट किया गया।

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