माटी गणेश हमारी नदियों की पवित्रता को बनाये रखने में करेंगे मदद – सारिका

****** माटी गणेश जी को विराजकर निभायें जलसंरक्षण की जिम्‍मेदारी ******* माटी गणेश नहीं सिर्फ नारा , पर्यावरण बचाने जुड़ा संदेश इसमें सारा

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भोपाल। भारतीय पूजा पद्धति में प्राकृतिक वस्‍तुओं की पूजन के बाद वि‍सर्जित करने की परम्‍परा है। प्राचीनकाल से ही मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा करने और उनको विसर्जित किया जाता रहा है । वर्तमान में जहरीले रसायन एवं अघुलनशील पदार्थो से प्रतिमायें बनाना आरंभ हुआ है जो कि जल पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।
इसे देखते हुये मध्‍यप्रदेश शासन एवं एप्‍को द्वारा चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत आगामी गणेशोत्‍सव में मिट्टी की मूर्ति को अपनाने नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने स्‍कूली विद्यार्थियों को प्रकृति की रक्षा के लिए मिट्टी की ही प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण देते हुये गीत के माध्‍यम से मिट्टी की पर्यावरण मित्रता का संदेश दिया। इसमें प्‍लास्‍टर ऑफ पेरिस की जल में लंबे समय तक अघुलनशीलता तथा जहरीले रंगों के जलीय जीवों पर होने वाले नुकसान को भी बताया ।
सारिका ने कहा कि इसे सिर्फ एक नारे के रूप में न लें बल्कि इसे अपनाकर ईश्‍वर के बनाये प्रकृति और पर्यावरण को बचाने में अपना व्‍यक्तिगत योगदान दें ।

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