15 अगस्‍त से ई-आफिस सिस्‍टम होगा लागू

0 मुख्‍यमंत्री ने निर्देश जारी कर जताई मंशा

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झांसी। कार्यालयों में फाइलों के निस्तारण में पारदर्शिता, पत्रावलियों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जाना सम्भव, कार्यालय में कागजों का इस्तेमाल बन्द कर पर्यावरण सुरक्षित रखना, फाइलों का खो जाने का डर व पत्रावलियों में से महत्वपूर्ण कागज खो जाने का डर अब इसकी कोई सम्भावना नहीं होगी। मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि 15 अगस्त 2018 से सभी कार्यालय ई आफिस सिस्टम में कार्य करेंगे। ई-आफिस के माध्यम से कार्य में तेजी आएगी। पत्रावलियो को प्रतिदिन निपटाना होगा। अधिकारी स्वंय शिकायत व प्रकरणों को संज्ञान में लेते हुए निस्तारण हेतु डिजीटल साइन करेंगे। यदि अपने डिजीटल साइन को किसी दूसरे व्यक्ति को दिया गया तो यह अपराध होगा, सभी जिले अपने यहां एक ई आफिस तैयार कर लें जहां से जानकारी दी जा सके।

यह जानकारी आन्‍द्र बख्‍शी आईटी एवं इलेक्‍ट्रानिक्‍स विभाग लखनऊ ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए ई आफिस प्रणाली व मुख्‍यमंत्री हेल्‍प लाईन 1076 के विषय में रेडीनेस/ सेन्सेटाइमेशन हेतु समीक्षा बैठक के दौरान पैरा मेडिकल ऑडिटोरियम में व्‍यक्‍त की। उन्होंने कहा कि ई आफिस प्रणाली जटिल नहीं है। आप सभी डिजीटल सिग्‍नेचर व ई-मेल तैयार करवा लें। 22 विभागों की लगभग 176 सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके अलावा 224 सेवाएं जनहित योजनाएं ऑनलाइन संचालित है। लगभग 14 करोड़ प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके है। यदि इतने प्रमाण पत्र कार्यालय से जारी किए जाते तो कितना समय लगता। ई आफिस एवं वेब पेज एप्लीकेशन है। जिसमें कागज रहित वातावरण तैयार होगा। उन्होंने ताकीद करते हुए कहा कि राजस्व, चकबन्दी, भूमि अधिग्रहण सम्बन्धित फाइलो को ई आफिस के लिए स्कैन करते समय सावधानी बरतें। यदि कोई कागज स्कैन में छूट जाता है और अधिकारी डिजीटल सिग्नेचर कर देते है, तो जबावदेही तय होगी।
वार्ता के दौरान सीएम हैल्प लाइन 1076 को और अधिक प्रभावशाली बनाने पर भी जोर दिया तथा एल 1 तथा एल 2 अधिकारियों के कार्यों की जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि हैल्प लाइन में डिफाल्टर सन्दर्भों की समीक्षा होती है और ऐसे विभाग जिनकी डिफाल्टर संख्या अधिक है समीक्षा के दौरान सख्त कार्यवाही भी की जाती है। समीक्षा बैठक में संजय शर्मा स्टेट ई गर्वनेंस टीम सदस्य ने वर्कशॉप ऑन ई आफिस फाइल मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी दी। खास तौर पर सभी विभाग नोडल अधिकारी के साथ एक ट्रेनर तैनात कर लें। कम्प्यूटर लैब जहां हैण्डस ऑन प्रैक्टिस की जा सके। ई आफिस में किन बातों की आवश्यकता होती है, इस बात की जानकारी भी विस्तार से दी गई।
मास्टर ट्रेनर शिवम गुप्ता ने बताया कि बीआईटी में ई आफिस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कैसे ई आफिस की फाइल तैयार होगी, उसे कैसे बनाया जाएगा। उसके विषय में बताया गया, साथ ही ये भी बताया कि ई आफिस की फाइल के साथ ही पुरानी फाइल की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि जितनी हैण्डस ऑन प्रैक्टिस करेंगे उतना ही सहज होगा। पत्रावलियों की डील करने वाले अधिकारी व कर्मचारी डिजीटल सिग्नेचर तैयार करा लें।
सीएम हैल्पलाइन 1076 की जागरुकता के लिए अर्पित धवन ने बताया कि यह टोल फ्री नम्बर है। जैसे ही शिकायत प्राप्त होती है, तो वह स्वतः आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड हो जाती है। उन्होंने 15 विभाग जिनकी सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त होती है तो निस्तारण में गुणवत्ता लाने जाने का सुझाव दिया। यदि शिकायकर्ता निस्तारण से संतुष्ट नहीं होगा तो शिकायत पुनः निस्तारण हेतु एल 1 अधिकारी के पास पहुंचा दी जाती है। इस दौरान अपर आयुक्त उर्मिला सोनकर, पीडी डॉ. आरके गौतम, निखिल फुन्डे, एबी सिंह, शिव नारायण आदि मौजूद रहे।

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