काॅफीटेबल बुक : बुन्‍देलखण्‍ड की कला, सांस्‍कृतिक विरासत व दर्शनीय स्‍थलों की जानकारी का माध्‍यम

** झांसी सहित संपूर्ण बुंदेलखंड में पर्यटन उद्योग के रूप में होगा विकसित, मिलेगा युवाओं को रोजगार ** जिलाधिकारी की संकल्पना को माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी सराहा ** कॉफीटेबल बुक जनपद झांसी सहित बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विधाओं की आत्मा

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झांसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कॉफीटेबल बुक का विमोचन “गागर में सागर” उक्ति को चरितार्थ करता है। बुन्देलखण्ड मे पर्यटन उद्योग का विकास अगर बुन्देलखण्ड के भूभाग में Development of tourism industry in Bundelkhand सही ढंग से स्थापित हो तो बुन्देलखण्ड पर्यटन की दृष्टि से सबसे आगे होगा। बुन्देलखण्ड एक ऐसा विशेष प्रदेश जिसमें आदि काल से खनिज एवं वन संपदा जैसे अनेक प्रकार के फलदार वृक्ष एवं औषधीय वृक्षों से लेकर विभिन्न प्रकार के पत्थरों एवं रत्नों का भंडार रहा है। बुन्देलखण्ड की अवधारणा उत्तर वैदिक युग के दौरान फली फूली। इसकी शिल्प कौशल की परंपरा का इतिहास 1000 साल से भी अधिक पुराना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में परिदृश्य काफी बदल गया है।

बुंदेलखंड हमें अपने पूर्वजों से और अपने अतीत से विरासत में मिला है। वह हमसे काफी दूर हो रहा है या यूं कहें की हम अपनी संस्कृति और विरासत से दूर हो गए हैं। हमारे पूर्वज जो समय-समय पर अपनी संस्कृति और विरासत अपनी युवा पीढ़ी को सौंपते हैं और वह युवा पीढ़ी अपनी विरासत को आगे बढ़ाती है तभी हम अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित कर सकते हैं। यह एक ऐसी परिकल्पना है जिसे मैंने अपनी मन की आंखों से देखा है। यह एक ऐसा सपना है जिसे मैंने नींद में नहीं जागते हुए देखा है। इस सपने को देखने के बाद मेरी व्याकुलता इतनी बढी और तब से निरंतर प्रयासरत हूं… । इसमे मुझे बुन्देलखण्ड की संस्कृति और परम्पराओं की पौराणिक और ऐतिहासिक झलक दिखाई दे रही है, मुझे लगता है कि मै कुछ ऐसा करूँ जिसे नई पीढ़ी देखकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करें कि हमारे पूर्वजों की संस्कृति कितनी समृद्धि थी।

बुंदेलखंड जो प्राकृतिक साधनों से लबालब भरा हुआ है लेकिन इसके बावजूद यहां का युवा बेरोजगार है और यहां के लोग बेरोजगारी के कारण पलायन करते जा रहे है। यह बुंदेलखंड के लिए बहुत ही भयावह है। सबसे ज्यादा जरूरी है पलायन रोकना और पलायन कैसे रुकेगा जब हम रोजगार देंगे और रोजगार देने के लिए जरूरी है जब बाहर से इन्वेस्टर आयें और यहां आकर कुछ बड़े उद्योग लगाएं, फैक्ट्रियां लगाएं। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हम बुंदेलखंड में पर्यटन को आगे बढ़ाएं। Development of tourism industry in Bundelkhand क्योंकि हमारी जो प्राकृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक संपदा बहुत सम्पन्न है। क्यों ना हम उस संपदा का सदुपयोग करके पर्यटन को आगे बढ़ाएं पर्यटन के माध्यम से देश-विदेश से लोग बुंदेलखंड में आएंगे यहां रहेंगे यहां के बारे में जानेंगे, देखेंगे। इसके लिए हमें बुंदेलखंड के प्राकृतिक स्थानों को चिन्हित कर उनको विकसित करना होगा। उनमें कुछ कृत्रिम तरीके से उनको सजाना संवारना होगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आकर्षित हो उन स्थानों पर पहुंचे। अभी तक बुंदेलखंड को लेकर लोगों की यही मानसिकता रही कि बुंदेलखंड में लुटेरे, डकैत, खनन माफिया यही सब रहते हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू लोग उजागर नहीं करते कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और प्राकृतिक खनिज संपदा, पौराणिक एवं ऐतिहासिक धरोहर जिनके माध्यम से हम देश विदेश से पर्यटकों को ला सकते हैं और इस पर्यटन से हम अनेक व्यवसायों को जोड़ भी सकते हैं। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों की बढ़ावा दिया जा रहा है। बुन्देलखण्ड का पूरा क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सम्पन्न है। प्रधानमंत्री ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के अवसर पर बुन्देलखण्ड के किलों को देखने के लिए टूरिज्म सर्किट विकसित किये जाने पर बल दिया था। इसके दृष्टिगत जनपद झांसी पर केन्द्रित कॉफी टेबल बुक’ का प्रकाशन सराहनीय कदम है। इस प्रकाशन मैं जनपद झांसी के ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के सम्बन्ध में आकर्षक चित्रों से परिपूर्ण संग्रहणीय सामग्री का समावेश किया गया जो काफी आकर्षक है। कॉफीटेबल बुक की संकल्पना की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस क्षेत्र के योद्धाओं की वीरता व साहस के कारण पूरी दुनिया में बुन्देलखण्ड की विशिष्ट पहचान है। जनपद झांसी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महान नायिका वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि है। उनका नाम इतिहास में अदम्य साहस और वीरता के लिए अमर है। आल्हा और ऊदल की वीरता की कहानियों का वैश्विक पटल पर स्मरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनपद झांसी की समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत की संपूर्ण जानकारी पर्यटकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही एक कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया गया है। कॉफी टेबल बुक में ऐतिहासिक किले उनके आकर्षक फोटोग्राफ सहित जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है, इसके अतिरिक्त बुंदेलखंड क्षेत्र के पारंपरिक परिधानों और कला जिसमें चितेरी कला की महत्वपूर्ण जानकारी फोटोग्राफ्स के साथ उपलब्ध है। कॉफी टेबल बुक में बुंदेलखंड के पारंपरिक पकवान की भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। काफी टेबल बुक क्षेत्र बुंदेलखंड क्षेत्र की कला और हस्तशिल्प को सही मायने में सामने रखती है, जो यह प्रदर्शित करती है कि बुंदेलखंड क्षेत्र की विरासत कितनी समृद्ध और उन्नतिशील है। कॉफी टेबल बुक आम जनमानस के लिए नगर की विभिन्न बुक स्टालों पर बिक्री हेतु उपलब्ध है। अधिक से अधिक लोग कॉफी टेबल बुक परचेज करते हुए क्षेत्र की विरासत और समृद्धशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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