सीवन नदी के तट से कुबेरेश्वर धाम तक निकली ऐतिहासिक कावड़ यात्रा

**** सीहोर सिद्धपुर हुआ शिवमय, लाखों श्रद्धालु हुए शामिल, ****** पंडित प्रदीप मिश्रा भी पैदल चले

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सीहोर। श्रावण मास के अंतिम शनिवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सीवन नदी के तट से कुबेरेश्वरधाम तक 11 किलोमीटर लम्‍बी ऐतिहासिक कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में देश के विभिन्न राज्यों से आए लाखों श्रद्धालु शामिल हुए।
श्रद्धालुओं ने नगर सहित आसपास के ग्राम और कुबेरेश्वरधाम पर एक दिन पहले से ही डेरा डाल लिया था। भव्य कावड यात्रा में भोले के भजनों पर कांवडिय़े जमकर झूमे, झांकियां भी निकाली गई। सुबह नौ बजे से आरंभ हुई भव्य कावड यात्रा का 200 से अधिक स्थानों पर स्वागत किया गया। इसमें दो दर्जन से अधिक डीजे, बैंड-बाजे, डमरू पार्टी के साथ अनेक झांकिया निकाली गई। शनिवार को शहर के सीवन तट से करीब 11 किलोमीटर तक निकाली यह कांवड यात्रा का क्षेत्र वासियो, ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों द्वारा 200 से अधिक स्थानों पर स्वागत और पेयजल सहित अन्य की व्यवस्था की। कावड यात्रा सुबह नौ बजे शहर के सीवन नदी तट से आरंभ हुई, जो जगदीश मंदिर, कोतवाली चौराहा, मेन रोड, इंदौर नाके, सोया चौपाल होते हुए धाम पर पहुंची।
कावड यात्रा को लेकर विठलेश सेवा समिति सहित क्षेत्रवासियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की थी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के सभी समाज के लोगों ने बैठकों के द्वारा यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के पोहा, नश्ता, पेयजल, भोजन आदि की निशुल्क व्यवस्था की। वहीं शहर के अनेक शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में भी हजारों श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था प्रशासन ने की।

अमरावती से पैदल आये पांच सौ श्रद्धालु

पंडित प्रदीप मिश्रा के आव्हान पर पैदल ही अमरावती महाराष्ट्र से लगभग 500 से अधिक श्रद्धालु कांवड यात्रा लेकर आज सीहोर पहुंचे। सीवन नदी से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक भक्ति का सैलाब, हर तरफ कांवड लिए श्रद्धालु नजर आए। शिव भक्तों में कावड़ यात्रा को लेकर इतना उत्साह है कि एक दिन पूर्व ही कुबेरेश्वरधाम पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं डेरा डाल लिया था। धाम पर श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान शिव की पूजना अर्चना की गई। कुबेरेश्वधाम पर आने वालों के कारण रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहित अन्य स्थानों पर भीड़-भाड नजर आई। कावड़ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा के आयोजन को लेकर पंडित समीर शुक्ला, विनय मिश्रा सहित समिति के सदस्यों ने कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोरशोर से तैयारियां की थी।

जगह-जगह सेवा शिविर लगाए

मान्यता है कि तमाम कष्ट उठाकर भगवान भोले शंकर की कांवड़ चढ़ाने जाने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी परम पुण्य का काम है। इससे प्रेरित होकर कांवड़ मार्ग पर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए। जिससे कांवड़ में शामिल होने वालों का अतिथि सत्कार हुआ।

11 किमी पैदल चले पंडित प्रदीप मिश्रा

कावड यात्रा में मुख्य अतिथि पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं यात्रियों के साथ शामिल हुए। उन्होंने बताया कि शिव पुराण के अनुसार, श्रावण के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं। इसलिए इस मास में पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

श्री राधेश्याम विहार में श्रद्धालुओं को शुद्ध घी का हलवा और फलहारी खिचड़ी

शहर के श्री राधेश्याम विहार कालोनी और प्रिय कैटर्स के सहयोग से करीब 10 क्विंटल शुद्ध घी का हलवा, 30 क्विंटल से अधिक फलहारी खिचड़ी और फलहारी का इंतजाम किया गया। इधर, विठलेश सेवा समिति की नगर इकाई के अनिल राय और सुरेश साबू ने बताया कि इकाई द्वारा चौपाल सागर चौराहे पर टेबलों का स्टाल लगाकर 15 क्विंटल साबूदाना खिचड़ी का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया। समाजसेवी भारत गुप्ता द्वारा सीवन नदी तट पर पोहा आदि की व्यवस्था की गई।

रिपोर्ट – वरिष्‍ठ पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया सीहोर

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