उर्वरकों का शत-प्रतिशत वितरण, पीओएस मशीन के माध्यम से ही हो सुनिश्चित

** उर्वरक की कालाबाजारी और नकली उर्वरक की बिक्री पर अधिकारी रखें सतत् नजर, लगातार हो छापा मार कार्रवाई ** बिना खतौनी प्राप्त किए उर्वरक की बिक्री पाए जाने पर होगी सख्त कार्यवाही, किसान का भी होगा सत्यापन

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झांसी। जनता दर्शन के दौरान जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने शुक्रवार को किसानों को बताया कि जनपद में उर्वरक/कीटनाशक रसायन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध सुनिश्चित कर ली गई है। जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों पर रेट लिस्ट चस्पा कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि उर्वरक की दरों की जानकारी किसानों को सहज मिल सके उसके लिए बड़े शब्दों में दरों को बोर्ड पर लिखाया जाए। यदि उर्वरक विक्रेताओं द्वारा दरों को चस्पा नहीं किया जाता है तो ऐसे प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों द्वारा जनपद में उर्वरक की कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग तथा अनावश्यक रूप से उर्वरक विक्रेताओं द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत बार-बार मिल रही है, इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि उर्वरक बिक्री केन्द्रो के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा में उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रो में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है किन्तु जांच के समय पाया गया कि कई उर्वरक बिक्री केन्द्रो के स्टाक बोर्ड पर उर्वरकों के रेट प्रायः चाक द्वारा लिखे होने के कारण उन्हें पढ़ा नहीं जा सकता है जिस कारण कृषक भ्रमित होते है। जबकि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) नियंत्रण आदेश 1985 की धारा-4 मे स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि उर्वरक बिकी केन्द्रो के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा मे उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रो में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है फिर भी निर्देशो का पालन नही किया जा रहा है जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का स्पष्ट उलंघन है। जिलाधिकारी ने जनपद के उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं को निर्देशित किया कि जनपद में किसी भी डीलर द्वारा नकली उर्वरक/ कृषि रसायन बिक्री करते हुए पाया जाता है तो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का उल्लंघन मानते हुए सख्त कार्यवाही करते हुए तत्काल उनकी डीलरशिप निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।
ज़िला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने किसानों को बताया कि जनपद को आई0पी0एल0 कम्पनी की 1500 मै0 टन डी0ए0पी0 की रैंक प्राप्त हुई है जो कि धान वाले क्षेत्र (मोंठ, चिरगाँव, बड़ागॉव विकास खण्ड) में प्राथमिकता के आधार पर निजी क्षेत्र के विक्रेताओं के यहां प्रेषित की जा रही है। कृषक बन्धुओं से अनुरोध है कि अपने नजदीकी निजी उर्वरक ब्रिकी केन्द्रों पर खतौनी, आधार कार्ड की छायाप्रति ले जाकर फसल संस्तुति के अनुसार पी0ओ0एस0 के माध्यम से अगूंठा लगाकर ही उर्वरक क्रय करें, उन्हें सुझाव देते हुए कहा कि अधिक मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से मृदा की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है एवं फसलों के उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडता है। उन्होंने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि धान की फसल में डी0ए0पी0/ यूरिया के स्थान पर नैनो डी0ए0पी0/ नैनो यूरिया का प्रयोग भी लाभदायक है। जनपद के समस्त विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि उर्वरको का विक्रय जनपद एंव राज्य के बाहर कदापि न किया जाये। जनपद के कृषको को भी भू-अभिलेख खतौनी एंव फसल संस्तुतियों के आधार पर ही उर्वरको की बिक्री की जाये। ज़िला कृषि अधिकारी ने जनपद में उर्वरक की उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ 2024 में यूरिया लक्ष्य 12300 मै0टन के सापेक्ष 20952 मै0टन, डी0ए0पी0 लक्ष्य 8590 मै0टन के सापेक्ष 12002 मै0टन, एन0पी0के0 1851 के सापेक्ष 905 मै0टन उपलब्ध है। जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। तथा जनपद मे किसी भी प्रकार के उर्वरकों की कमी नही है।

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