झांंसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय सेे सम्बद्ध महाविद्यालयों में वार्षिक परीक्षाओं को लेकर नकलविहीन परीक्षा कराने काेे लेकर विगत काफी समय से कुलपति और विवि प्रशासन द्वारा किए जा रहे दावे उड़ाका दल पर हमले के बाद हवा हवाई सिद्ध हुए। इस हमले को लेकर एक शिक्षक द्वारा लिखित में विवि प्रशासन को सूचना देकर आशंका जताई गई थी, जिसके बाद भी विवि प्रशासन नहीं चेता, जिसका खामियाजा आज शिक्षकों को भुगतना पड़ा। वहीं सूत्रों के अनुसार इस हमले की जानकारी विवि के कई प्रभारियों को पहले से ही थी। नकल माफियाओं के बुलंद हौंसलों को लेकर एशिया टाईम्स ने कुछ दिन पूर्व भी विवि प्रशासन को चेताया था। सोने पे सुहागा वाली स्थिति तो खुद विवि प्रशासन ने उड़ाका दल की शिकायतों को दरकिनार कर विगत दिवस हुई परीक्षा समिति की बैठक में ऐसे महाविद्यालयों पर काेई खास एक्शन न लेकर बनाई थी।
उल्लेखनीय है कि विगत कई दिनों से जालौन में नकल पकड़ी जा रही थी और उड़ाका दल के सदस्यों द्वारा अपनी रिपोर्टस विवि प्रशासन को सौंपी जा रही थीं। सीसीटीवी कैमरों के विवि के कण्ट्रोल रुम से कनेक्ट न होने की शिकायतें भी आम हो चुकी थीं। इधर, सूत्रों के अनुसार जालौन के एक नकल माफिया द्वारा हमला कराने की पहले धमकी भी दी गई थ्ाी और इसको लेकर सोमवार को जालौन के कई महाविद्यालयों में नकल में व्यवधान बनने वाले विवि के उड़ाका दल के शिक्षकों के लिए पहले से तैयारी की गई थी। उड़ाका दल के सदस्य लवकुश द्विवेदी के नेतृृृत्व में जालौन के श्रवण कुमार द्विवेदी महेश पाण्डेय महाविद्यालय में पहुंचे और वहांं जांच कर वापिस आ रहे थे कि छात्रों ने उनको घेर लिया और शिक्षकों के साथ मारपीट कर उनके वाहन पर पथराव कर दिया, जिसमें वाहन चालक जाॅॅनी और उड़ाका दल प्रभारी लवकुश चोटिल हो गए। श्िाक्ष्ाकोंं के अनुसार वहांं लोगों ने उन पर फायरिंग भी की और वह बड़ी मुश्किल से वहां से जानबचाकर भागे। लोगों ने उनका पीछा किया, जिसके बाद वह रास्ते में पड़ने वालेे थाने में चले गए और पुलिस की सुरक्षा में वहांं से निकल पाए। टीम के सदस्यों ने झांसी आकर विश्वविद्यालय प्रशासन को पूरेे मामले से अवगत कराया। अब विवि प्रशासन क्या निर्णय लेता है, यह उन पर निर्भर करता है। इधर, देर शाम कुलसचिव ने उक्त महाविद्यालय कीी परीक्षा निरस्त कर दी।
पहले भी हो चुका है हमला
इससे पूर्व भी विवि के उड़ाका दल के सदस्यों पर चित्रकूट के एक महाविद्यालय में नकल माफियाओं ने हमला कराया था और उसके बाद शिक्षकों पर छेड़छाड़ का मुकदमा भी दर्ज करा दिया था। इसमें डॉ. संजीव श्रीवास्तव और एक अन्य शिक्षक घायल हो गए थे। विवि प्रशासन को मामले को गम्भीरता से लेना होगा, नहीं तो उड़ाका दल में शिक्षक जाने से डरने लगेंगे या फिर इन नकल माफियाओं से सांठगांठ कर लेंगे।
शासनादेश का किया उल्लंंघन
शासनादेश के तहत एक ही महाविद्यालय प्रबंधक के कई कालेज होने की दशा में उन सभी के परीक्षा केन्द्र अन्य कालेजों में बनाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार जालौन में एक महाविद्यालय प्रबंधक के विवि प्रशासन के उच्चाधिकारी के साथ घनिष्ठ सम्बंध होने के चलते इस शासनादेश को दरकिनार करते हुए उनके कालेजों के परीक्षा केन्द्र आपस में ही बना दिए गए है। इसका असर यह हुआ कि उक्त प्रबंधक के हौंसले भी काफी बुलंद हैं। इस कारण उक्त घटना को अंंजाम दिया गया है।