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-----------काम पूरे मनायोग से करें तो सफलता निश्चित.... डीसी सागर ---------- स्मृति चिह्न वितरण के साथ दो दिवसीय सम्मेलन का समापन------------ एडीजी ने सफलता के लिए रोज अखबार पढ़ने की दी सलाह

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झांसी। कोई भी काम यदि पूरे मनोयोग, निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया जाए तो सफलता निश्चित है। जो भी काम करो उसमेें खुद को रमा दो। कोई कमी न रहने पाए। उक्‍त विचार व्‍यक्‍त करते हुए मध्य प्रदेश के एडीजी पीएचक्यू डीसी सागर ने विद्यार्थियों को अद्यतन रहने और जीवन में सफलता हासिल करने के लिए रोज नियमित रूप से अखबार पढ़ने की सलाह भी दी।

वे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के डा.एपीजे कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस और क्रिमिनालाॅजी के तत्वावधान में आपराधिक न्याय व्यवस्था की चुनौतियां और नवोन्मेष विषय पर गांधी सभागार में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में जुटे विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। समापन समारोह में सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों, पोस्टर एवं ओरल प्रेजेंटेशन के विजेताओं को भी स्मृति चिह्न और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि एडीजी सागर ने विद्यार्थियों की जमकर हौसला आफजाई भी की। अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें सफलता के मंत्र भी दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जेेवी वैशम्पायन ने विद्यार्थियों को मध्य प्रदेश के एडीजी डीसी सागर के उत्साह का अनुसरण करने की सीख दी। प्रो. वैशम्पायन ने कहा कि सभी शिक्षकों का व्यवहार विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने वाला होना चाहिए। उन्होंने सम्मेलन की सफलता पर खुशी भी जताई। इससे पूर्व कार्यक्रम संयोजक डा. अंकित श्रीवास्तव ने पोस्टर और ओरल प्रेजेंटेशन में प्रथम तीन स्थान हासिल करने वाले प्रतिभागियों के नाम का ऐलान किया। पोस्टर प्रेजेंटेशन दो वर्गों में बांटा गया था। सीनियर वर्ग में मनीषा और उनके साथी प्रथम, प्रगति सिंह और साथी द्वितीय तथा मुस्कान और उनके साथी तृतीय रहे। यूजी वर्ग में लीना चैधरी एवं साथी प्रथम, निकिता वर्मा और उसके साथी द्वितीय तथा चंचल मिश्रा एवं साथी तृतीय रहे। ओरल प्रेजेंटेशन में स्वीटी शर्मा प्रथम, पंकज पाण्डेय द्वितीय और नरेश कुमार और डा. आशीष तृतीय रहे। डा. रंजीत सिंह को विशेष पुरस्कार दिया गया।

इसी मौके पर डा. मुकेश कुमार ठक्कर, डा. राजेंद्र चंदेल, डा. बी. बड़ौनिया, डा. राजेश सिंह, डा. पंकज श्रीवास्तव, डा. दीपा वर्मा, डा. विजयराज आनंद, डा. हर्ष शर्मा आदि को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इन सभी दिग्गजों ने अपने विचार और अनुभव विद्यार्थियों से साझा किए। इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. एमएम सिंह ने भी सम्मेलन की सफलता पर खुशी जताई। इस कार्यक्रम में आयोजन समिति के सचिव डा. विजय कुमार यादव, डा. अंकित श्रीवास्तव, सतीश साहनी, उमेश शुक्ल समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

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अलग अलग स़त्रों में डा. हर्ष शर्मा, डा.राज श्रीवास्तव, डा. राजेंद्र सिंह, डा. नरेश कुमार, डा. स्वीटी शर्मा, डा. प्रवेश भाटी, डा. पंकज पाण्डेय, बलवीर सिंह ने अपने शोध पत्रों के जरियेे फोरेंसिक साइंस की विभिन्न विधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अमित दुबे ने डिकोडिंग ऑफ साइबर क्रिमिनल माइंडस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह साफ किया कि कैसे गूगल उपभोग करने वाले लोगों के डाटा का प्रयोग अपने फायदे के लिए कर रहा है। सुप्रिया शर्मा ने जंगली और जहरीले मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की पहचान करने के तौर तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 45000 पौधों की प्रजातियों की डीएनए प्रोफाइलिंग की जा चुकी है। डा. रीतेश कुमार शुक्ल ने एप्लीकेशन आफ नैनो टेक्नोलाॅजी इन फोरेंसिक साइंस विषय पर विस्तार विचार रखे। समापन सत्र के कार्यक्रम का संचालन डा. कृति निगम ने किया। कुलपति प्रो.वैशम्पायन ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया।

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