किचन स्‍पेशल : बातें छोटी छोटी, पर इनसे जीवन में पड़ता है विशेष प्रभाव, जानें कैसे

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छोटी बातें, पर बातें काम की, जिनका ज्‍योतिष में भी काफी महत्‍व है और वह हमारे जीवन पर काफी प्रभाव डालती हैं। इस बारे में जानकारी दे रही हैं, इंदौर से ज्‍योतिषविद भूमिका कलम। भूमिका कलम एक टैरो कार्ड रीडर, एस्ट्रो एनालिस्ट और लेखक हैं। वह इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजी फेडरेशन यूएसए की अध्याय अध्यक्ष इंदौर हैं। आप समय समय पर कई जानकारियां ‘एशिया टाईम्‍स’ पर देती रहती हैं। यह भी काफी महत्‍वपूर्ण जानकारी है, जोकि आपके जीवन में काफी काम आएगी। आपसे अनुरोध है हमारे इन प्रयासों के बारे में फीड बैक अवश्‍य देते रहें, जिससे आपके पढ़ने लायक महत्‍वपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचती रहे। साथ ही उस जानकारी से आप लाभांवित होते रहें।

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????‍♀️लेडीज स्पेशल ????‍♀️ किचन के बारे में जरूरी बातें

ज्‍योतिषविद भूमिका बताती हैं कि किचन को किसी भी घर का सबसे महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है, क्योंकि इसी से पूरे परिवार के स्वास्थ्य का सीधा संबंध होता है। आपका किचन जितना अधिक पॉजिटिव एनर्जी से युक्त होगा। उतना ही सकारात्मक असर परिवार के सदस्यों पर भी पड़ेगा। किचन में थोड़ी सी भी खामियों से घर मे क्लेश, परिवार के सदस्यों का बीमारियों से घिरे रहना आदि जैसी समस्या आन पड़ती है। ऐसे में इन छोटी छोटी बातों का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए।

0 किचन का वाश बेसिन हमेशा साफ़ सुथरा रखने का प्रयास करें, ये जितना साफ़ रहेगा घर मे सौहार्दपूर्ण माहौल रहेगा। रात को जमा किये बिन धुले बर्तन घरकलेश की स्थिति निर्माण करते हैं।

0 पुरुषप्रधान समाज और विशेषकर ज्योतिषीय जगत में आज भी महिलाओं पर हुकुम लाद दिया जाता है की सुबह उठकर स्नान आदि के बाद ही किचन में प्रवेश करें, परंतु वर्तमान जीवनशैली रूढ़िवादी सोच से बिल्कुल पृथक है। अब महिलाये भी कामकाजी हो गयी है, कोई टीचर है कोई बैंक में तो कोई अपना स्वंय का ऑफिस चलाती है। ऐसे में सुबह उठकर बच्चो और पति का टिफ़िन..शायद मेरी बात आप लोगो तक पहुँच रही है, ऐसे में आप कुछ नहीं तो किचन प्रवेश के पहले पैर धोकर और चक्षु-स्नान (आंखो में पानी के छीटे) करके किचन में प्रवेश कर सकते हो।

0 किचन में दिन में कोशिश करे कि सूर्य की खूब धूप आये, इसके लिए आप आइनो(Mirror) की मदद भी ले सकते हो। यदि ये भी संभव ना हो तो किचन में एक छोटा पीला बल्ब सदैव जले रहने दे।

0 वास्तुशास्त्र के अनुसार जिधर राहु होता है, वहां नकारात्मक एनर्जी का संचार होता है। राहु टूटे-खराब दरवाजे, उखड़े हुए प्लास्टर, दीवारों की दरारों, टूटी हुई वस्तुओं-बर्तनों-डिब्बो, फीकी पेंटिंग वाली दीवारों में,अंधेरे कोनों में रहता है। अगर किचन में बड़ा छज्जा निकला हुआ है और रोशनी कम है तो वहां भी राहु बैठा होता है। सो इन सब वस्तुओं का नियमित रखरखाव करते रहे। किचन की दीवारों पर धुआं पड़ने से दीवारें काली पड़ने लगती हैं। किचन का रंग फीका होने पर भी राहु किचन में अपना पांव जमाने लगता है। इसलिए किचन में चिमनी या एग्जॉस्ट फैन लगवा ले। दीवार में हमेशा पीला या नारंगी रंग करवाने से घर बीमारियों से मुक्त रहता है।

0 चावल के बर्तन में एक चाँदी का बड़ा सिक्का हमेशा के लिए छोड़ दे,चावल निकालते जाये और नये चावल भरते जाये। इससे लक्ष्मी जी का किचन में स्थायी निवास हो जाता है।

0 किचन के किसी भी कोने में कभी भी स्टोर रूम नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर घर की लक्ष्मी रूठ कर चली जाती है और घर में निर्धनता का वास हो जाता है।

0 किचन की तीनों या चारों दीवारों पर मंगलवार के दिन “स्वास्तिक” का चिन्ह बनाने से ग्रहणी और घर का मुखिया स्वंय बीमारियों से दूर रहते है।

0 एक काँच की साफ़ चमकदार शीशी में बताशे या गुड़ भरकर किचन में ऐसी जगह रखे, जहाँ किचन में प्रवेश करते वक़्त सबकी नजर पड़े। इससे रिश्तों में मिठास बनी रहती है।
 

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