किसान आत्म निर्भर होगा तो हमारा प्रदेश व देश आत्मनिर्भर बनेगा

*जनपद में 120.897 लाख से 80 और तालाबों का जीर्णोद्वार/गहरीकरण व निर्माण कराते हुये 61648 मानव दिवस सृजित किये ** इससे पूर्व जनपद में 639.73 लाख से 325 तालाबों का जीर्णोद्धार/गहरीकरण व निर्माण कराते हुए 323550 मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं ** खाद्यान्न उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए गांव में सिंचाई सुविधा बढ़ानी होगी **तालाबों के निर्माण से भूगर्भ जल में बढ़ोत्तरी और किसानों की आय को दोगुना करने में मिलेगा सहयोग **तालाब खुदाई में मिला स्थानीय व प्रवासी मजदूरों को काम **

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झांसी। किसान आत्म निर्भर होगा तो देश आत्मनिर्भर बनेगा, हमारा देश कृषि प्रधान देश है और किसान की उन्नति से ही देश की आर्थिक उन्नति सम्भव है। प्रधानमंत्री का लक्ष्य वर्ष 2022 तक किसानों का आय को दोगुना करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “मुख्यमंत्री जल बचाओं अभियान” से पूरा करने का संकल्प लिया और “एक गांव-एक तालाब” की संरचना तैयार करते हुये युद्धस्तर पर कार्य प्रारम्भ कराया गया। मनरेगा की तालाब खुदाई/जीर्णोद्वार व गहरीकरण योजना से न केवल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला बल्कि जल संरक्षण को भी बल मिला है। इसके लिए जनपद में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कम से कम एक तालाब निर्माण के साथ ही जीर्णोद्वार व तालाब गहरीकरण का लक्ष्य रखा गया और कार्य प्रारम्भ कराया गया।
यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि गांव में तालाब निर्माण से जहां एक ओर श्रमिकों को रोजगार मिला, वहीं गांव में जो सामाजिक असंतुलन पैदा हो रहा उसे भी रोका जा सका। वास्तविकता यह भी है कि बिना पानी के गांव में खेती किसानी संभव नहीं है, यदि गांव में वर्षा के पानी की एक एक बूंद को रोका जाये और पानी बैंक बनाया जाये तभी जीवन सार्थक होगा। इसके लिये जनपद में अनेकों ऐसे तालाब चिन्हित किये गये जहां पानी अधिक संरक्षित हो सकता है, उनमें गहरीकरण व जीर्णोद्वार का कार्य प्रारम्भ कराया। जनपद के 8 विकास खण्डों में तालाबों को चिन्हित करते हुये उनका जीर्णोद्वार/गहरीकरण कराया साथ ही नये तालाबों पर कार्य भी कराया गया। विकास खण्ड बबीना में 6 तालाबों का जीर्णोद्वार व गहरीकरण का कार्य कराया गया, इस कार्य में जहां 3379 मानव दिवस सृजन हुए वही कार्य में 6.79 लाख की धनराशि व्यय की गयी। उन्होने बताया कि विकास खण्ड बड़ागांव में 4और तालाबों को टेकअप करते हुये महरीकरण व जीर्णोद्वार कार्य कराया, इस कार्य में 2798 मानव दिवसों का सृजन हुआ और 5.44 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड बामौर में 12 और तालाबों को चिन्हित करते हुए गहरीकरण/जीर्णोद्वार कराया गया, इस कार्य में 9797 मानव दिवस सृजित हुये और 19.13 लाख की धनराशि व्यय की गयी। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि गहरीकरण व जीर्णोद्वार के कार्यो से क्षेत्र का भूगर्भ जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी और खेत की मिटटी में नमी के साथ उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। उन्होने कहा कि गांव में पानी की उपलब्धता से किसान परम्परागत खेती के साथ अन्य फसल भी ले सकेगे। जिससे उनकी आय में इजाफा होगा। उन्होने कहा कि विकास खण्ड बंगरा में 8 और तालाब को टेकअप किया गया। इनका गहरीकरण व जीर्णोद्वार में 11459 मानव दिवस सृजित हुये और 22.46 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड चिरगांव में भी 21और तालाबों को चिन्हित करते हुये उनका जीर्णोद्वार व गहरीकरण कार्य कराया गया, इस कार्य में 13413 मानव दिवस सृजित हुये और 26.6 लाख की धनराशि खर्च की गयी। विकास खण्ड गुरसरांय में 11 और तालाबों को गहरीकरण व जीर्णोद्वार के लिये टेकअप किया गया और 22413 मानव दिवस सृजित किये गये। उक्त कार्य में 23.817 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड मऊरानीपुर में भी 5 और तालाबों को चिन्हित करते हुये गहरीकरण व जीर्णोद्वार कार्य कराया गया तथा इस कार्य में 3674 मानव दिवस सृजित तथा 7.35 लाख की धनराशि व्यय की गयी। विकास खण्ड मोंठ में 13 और तालाबों को टेकअप करते हुये गहरीकरण व जीर्णोद्वार कार्य कराया गया। उक्त कार्य में 4715 मानव दिवस सृजित तथा 9.31 लाख की धनराशि व्यय हुई। जनपद झांसी में अब तक सभी विकास खंडों में कुल 405 तालाबों का जीर्णोद्धार गहरीकरण कराया जा चुका है, उक्त कार्य में 385198 मानव दिवस का सृजन हुआ इसके साथ ही समस्त तालाबों पर कुल धनराशि 760.627 लाख रुपया व्यय की जा चुकी है।

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