2008 से नहीं बनी सर्विसलेन को जिलाधिकारी ने जल्‍दी पूरी करने के दिए निर्देश

** एनएचएआई लाइन शिफ्ट करते हुये सड़क चैड़ीकरण कार्य पूर्ण करें ** डीएम के निर्देश पर विद्युत, एनएचएआई व पैरामेडीकल द्वारा मौके का ज्वाइंट इनपैक्शन

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झांसी। कैम्प स्थित सभागार में महारानी लक्ष्मीबाई पैरामेडीकल कालेज के मुख्य द्वार के सामने हाईटेंशन विद्युत लाइन को शिफ्ट करते हुये सर्विसलेन बनाये जाने के कार्य की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि उक्त प्रकरण वर्ष 2008 का है, जो अभी तक अपूर्ण है। इस कार्य को जल्द पूर्ण किया जाये ताकि मेडीकल के छात्रों को आने जाने में सहुलियत हो और वाहनों को भी असुविधा न हो।
कैम्प स्थित सभागार में जिलाधिकारी ने एनएचएआई और विद्युत विभाग को स्पष्ट निर्देश दिये कि महारानी लक्ष्मीबाई पैरामेडीकल कालेज के मुख्य गेट के सामने लगभग 6 हाईटेंशन लाइन निकली है व बड़ी संख्या में विद्युत पोल लगे है, जिस कारण गेट बंद रहता है और पैरामेडीकल हास्टल से छात्रों को मेडीकल कालेज आने जाने में असुविधा होती है। जिसका संज्ञान शासन स्तर पर भी लिया गया है। उक्त कार्य जल्द पूर्ण किया जाना है।
उन्होने कहा कि वर्ष 2008 का प्रोजेक्ट है तो अभी तक यह पूर्ण क्यों नही किया गया, जबकि आरओडब्ल्यू के निर्माण के बाद सर्विसलेन तथा लाइन शिफ्टिंग काम हो जाने चाहिये थे। उन्होने तत्काल उपस्थित अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये ताकि किये जाने वाले कार्य की वास्तुस्थिति स्पष्ट हो सकें।
मौके पर निरीक्षण करते हुये राजीव पाठक तकनीकी प्रबन्धक एनएचएआई ने बताया कि प्रोजेक्ट वर्ष 2008 का है, यह क्यूं अनकम्पलीट रहा, इसको पत्रावली परीक्षण करने के बाद ही स्पष्ट किया जा सकेगा। विद्युत विभाग के अधिशाषी अधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण व पुल निर्माण कार्य एनएचएआई द्वारा किया गया है। अतः सर्विसलेन भी एनएचएआई को विद्युत पोल व लाइन शिफ्टिंग के बाद ही बनानी थी, जो बनाई नहीं गई है, यह पत्रावली की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही एनएचएआई उक्त पत्रावलियों का परीक्षण कर आगे की कार्यवाही करेगा। लविन भसीन प्रभारी अधिकारी भवन जलकल ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई पैरामेडीकल कालेज के मुख्य द्वार पर हाईटेंशन लाइन निकलने व विद्युत पोल लगे होने के कारण वीआईपी मूवमेंट नही हो पाता तथा मुख्य द्वार के बंद रहने से हास्टल के छात्र-छात्राओं को मेडीकल कालेज जाने के लिये लगभग दो से तीन कि.मी. का रास्ता तय करना पड़ता है यदि यह कार्य पूर्ण हो जाये तो छात्र-छात्राओं सहित वाहनों के आने जाने में सहुलियत मिलेगी। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, अधिशाषी अभियंता विद्युत डी यादुवेन्द्र, योगेश पांचाल पैरामेडीकल कालेज सहित विद्युत विभाग, एनएचएआई के अधिकारी उपस्थित रहे।

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