श्रमिक यदि किसी विशेष कार्य में दक्ष हैं, तो उनके अनुसार कार्य दें: जिलाधिकारी

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झाँसी। जनपद में गठित विभिन्न स्तरीय निगरानी समितियां सक्रियता बढ़ाते हुए संवेदनशील होकर कार्य करें। क्षेत्र में आने वाले प्रवासी श्रमिक /कामगारों को चिन्हित करते हुए उन सभी पर निगाह बनाए रखें। ऐसे श्रमिक कामगार जो विभिन्न कार्यों में दक्ष है, उन सभी की सूची तैयार कर लें ताकि उन्हें रोजगार मुहैया कराया जा सके। प्रवासी परिवारों की महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराए जाने के प्रयासों में तेजी लाएं। यह निर्देश जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने जनपद में गठित ग्राम स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय, तहसील स्तरीय व जिला स्तरीय निगरानी समितियों के सदस्यों को दिए। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति का दायित्व है कि कोई भी क्षेत्र में आए उनका प्रॉपर डाक्यूमेंशन किया जाए, इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रवासी श्रमिक/ कामगार कोविड-19 महामारी के कारण आज अपने घर वापस आए हैं। हम सभी की जिम्मेदारी है कि उनका यहां विशेष ध्यान रखा जाए। नियमित उनका स्वास्थ्य परीक्षण हो, यदि वह अस्वस्थ है तो उनका प्रॉपर इलाज कराया जाए। आने वाले सभी श्रमिक/ कामगारों को रोजगार भी देना है। इसके लिए क्षेत्र में मनरेगा के कार्यों में इजाफा किया जाए। मुनादी के द्वारा लोगों को मनरेगा कार्य की जानकारी दी जाए ताकि अधिक से अधिक लोग काम पर आ सके। उन्होंने निगरानी समितियों से कहा कि प्रवासी श्रमिक/ कामगार यदि विशेष कार्य में दक्ष है तो उन्हें उसी के अनुसार का कार्य उपलब्ध कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि उनका राशन कार्ड और मनरेगा जा जॉब कार्ड नहीं बना है तो प्राथमिकता से बनाये जाने की कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण कार्यों को कराए जाने की अनुमति दी गई है, यदि प्रवासी श्रमिक/ कामगार राजमिस्त्री के कार्यो में निपुण हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास तथा शौचालय की कार्यों में लगाया जाए। उन्होंने ऐसे निर्माण कार्यो में अधिक से अधिक लोगों को कार्य उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। मनरेगा योजना अंतर्गत एक गांव एक तालाब के साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में जल संरक्षण के कार्यों को भी प्राथमिकता से टेक अप किए जाने का सुझाव दिया और कहा कि बन्धियो तथा समतलीकरण के कार्यों में तेजी लाएं। उन्होंने प्रवासी परिवारों की महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी महिलाएं जो फावड़ा आदि नहीं चला सकती है तो उन्हें स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाए और रोजगार मुहैया कराया जाए। महिलाओं को पशुपालन विभाग की सहभागिता योजना का भी लाभ दिलाने का सुझाव देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि निराश्रित गोवंश को उनके रखरखाव हेतु प्रेरित करें ताकि 300 रुपए प्रतिमाह प्रति गोवंश उन्हें प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि वह अधिकतम 4 गोवंश ले सकते है। यदि ऐसा करते हैं तो धनराशि प्राप्त होगी, साथ ही दूध, गोबर तथा गोमूत्र से भी लाभ प्राप्त होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि आने वाले समस्त प्रवासी श्रमिक/ कामगारों के हाथ काम उपलब्ध कराना प्रशासन की प्रतिबद्धता है। उन्होंने ऐसे श्रमिक/ कामगारों से आव्हन किया कि वह सब आगे आए और रोजगार के अवसरों का लाभ उठाएं। जनपद में आये श्रमिक/कामगार यदि कृषि कार्य में इच्छुक हैं तो उनका स्वागत है। कृषि विभाग द्वारा सभी सुविधाओं व योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।

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