स्वामी विवेकानन्द के आदर्श आज भी प्रासंगिक : डॉ. मुन्ना तिवारी

ललित कला संस्थान में आयोजित किया गया राष्ट्रीय युवा दिवस

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झाँसी। युवाआें को स्वामी विवेकानन्द के आदर्शो को आत्मसात करना चाहिये। उनके आदर्शो की प्रासिंंगकता आज भी है, तथा देश को आज उनकी सर्वाधिक आवश्यकता है। यह विचार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. मुन्ना तिवारी ने ललित कला संस्थान के सभागार में स्वामी विवेकानन्द की 156वीं जयन्ती के उपलक्ष में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई द्वितीय एवं पंचम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘विवेकानन्द और वर्तमान परिवेश में युवाओं की भूमिका’ विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए।

उद्घाटन समारेह के मुख्य अतिथि डा. तिवारी ने कहा कि विवेकानन्द मात्र 39 वर्ष की छोटी सी आयु में ही भारत तथा भारतीय समाज को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित कर गये थे। यही कारण है कि उन्हें युवा हदय सम्राट कहा जाता है। मुख्य अतिथि ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस पर हम सब उनके सपनो को साकार करने का प्रण करें और उनके द्वारा बताई गई युवाओं की विशेषता को अंगीकार करें क्योंकि विवेकानंद जी के अनुसार, युवा वो है जो अनिति से लड़ता है, दुर्गुणों से दूर रहता है, काल की चाल को अपने सामर्थ से बदल सकता है। राष्ट्र के लिए बलिदान की आस्था लिये एक प्रेरक इतिहास रचता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पत्रकारिता संस्थान के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सी. पी. पैन्यूली ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवाओं के आदर्श थे, वर्तमान में भी है तथा आगे भी रहेंगे। स्वामीजी युवाओं को दी जा रही मैकाले द्वारा प्रतिपादित तत्कालीन अग्रेंजी शिक्षा व्यवस्था के घोर विरोधी थे, क्योंकि इस शिक्षा का उद्देश्य देश एवं समाज का विकास नही था। वह ऐसी शिक्षा चाहते थे जिससे देश के युवाओं का सर्वांगीण विकास हो सके। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि ग्वालियर के शासकीय कला महाविद्यालय के आचार्य डा.मधूसूधन शर्मा ने भी विवेकानन्द पर अपने विचार व्यक्त किये। ललित कला संस्थान के शिक्षक डा.दिलीप कुमार ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर प्रकाश डाला तथा उनके जीवन के विभिन्न प्रसंग उपस्थित श्रोताओं के समक्ष रखे। कार्यक्रम का प्रारम्भ स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण तथा पुष्पार्चन से हुआ। आमंत्रित अतिथियों को बैच लगाकर स्वागत भी किया गया। संगोष्ठी का संचालन इकाई द्वितीय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय ने तथा आमंत्रित अतिथियों का आभार डा.अजय गुप्ता ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ.जयराम कुटार, डा.अभिषेक कुमार, डा.आरती वर्मा तथा डा.मुकुल वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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