शिक्षा का उपयोग तर्कसंगत व्यक्तित्व का विकास करता है- प्रो. विसेन

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झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संस्थान में चल रहे टेक्‍च थर्ड प्रोजेक्ट के तहत विशेष व्याख्यान का आयोजन विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन के सभागार में किया गया, जिसमें जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से आए मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रकाश सिंह बिसेन ने प्रीवेंशन पोटेंशियल ऑफ फंक्शनल फूड विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा क्षेत्रीय खाद्य पदार्थ को ग्रहण करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि जैसे बुंदेलखंड में अमरूद, अलसी सरसों ज्यादा होती है और इसी मौसम के यह खाद पदार्थ स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा ग्रहण करना चाहिए। इससे उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने बताया पहले मिट्टी के बर्तन में अचार रखा जाता था, जो कि प्राकृतिक पदार्थ जैसे नमक, सरसों का तेल, हल्दी डालकर बनाए जाते थे जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते थे लेकिन आज अचार को भाप की मदद से एसिड मिलाकर बनाया जाता है। इससे बीमारियां होती हैं जैसे मोटापा, हार्टअटैक, कैंसर आदि। व्याख्यान के अलावा उन्होंने कहा कि आजकल अच्छी शिक्षा ग्रहण करने से बच्चों के व्यक्तित्व का तर्कसंगत विकास होता है और कम संसाधनों में भी विद्यार्थी तर्कसंगत से अच्छा शोध कर सकते हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद निदेशक अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर शिवकुमार कटियार ने बायो टेक्नोलॉजी विषय के छात्रों को शोध पर ध्यान देने का आह्वान किया और व्याख्यान की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस दौरान डीन साइंस प्रोफेसर एमएम सिंह ने छात्रों को सेल्फ स्टडी के समय के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ ऋषि सक्सेना ने किया व आभार इंजीनियर बिजेंद्र कश्यप ने व्यक्त किया। इस अवसर पर राहुल शुक्ला, डॉ. आनंद पांडे, डॉ. विनय सिंह चौहान, महेंद्र कुमार, डॉ. गौरव, गौरव श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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