जीआरपी ने उठाया अपराधियों को सुधारने का बीड़ा

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झाँसी। ट्रेन में क्राइम करने के दौरान पकड़े जाने वाले अपराधियों को जीआरपी ने सुधारने का बीड़ा उठाया है। उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिला जेल में गैंगस्टर सहित विभिन्न धाराओं में निरूद्ध अपराधियों की काउंसलिंग की जा रही है। जेल में बंद अपराधियों की काउंसलिंग के लिए परिजनों, सामाजिक संगठनों का सहारा जीआरपी ले रही है।

फरार अपराधियों के सरेंडर पर जोर

ट्रेन में अपराध करने के बाद फरार चल रहे अपराधियों का रिकॉर्ड भी जीआरपी खंगाल रही है। पिछले कुछ सालों के दौरान हार्डकोर घटनाओं जैसे डकैती, जहरखुरानी, लिफ्टिंग में नामजद अपराधियों के परिजनों को थानावार बुलाकर उनसे बातचीत की जा रही है। जीआरपी के एडीजी वीके मौर्य की पहल पर शुरू हुए इस अभियान को गति देने के लिए एसपी रेलवे डॉ ओ पी सिंह के निर्देश पर सीओ जीआरपी धर्मेन्द्र कुमार ने जेल में बंद अपराधियों की काउंसलिंग की। काउंसलिंग को लेकर जीआरपी की ओर से एक टीम भी गठित की गई है। इसमें इंस्पेक्टर, एसआई सहित जवान शामिल हैं।

यह दिए जाएंगे टिप्स

– मान लीजिए, सूटकेस की चोरी में पकड़े गए तो फिर जेल जाने के साथ ही मुकदमे बाजी में पैसा जाएगा।
– किसी यात्री का चेन या मोबाइल छिनकर भाग रहे हैं तो ट्रेन से गिरकर घायल होने पर इलाज में अथाह पैसा लगेगा, शरीर की दुर्गति होगी वह अलग से।
– चंद रुपये के लालच में जहरखुरानी जैसी वारदातों को अंजाम देने से अच्छा है कि मेहनत कर कमाएं- खाएं।
– सौ या चार सौ रुपये मेहनत से कमाने पर परिवार के साथ चैन से रहेंगे।

इनका कहना है

जेल में बंद अपराधियों से बातचीत कर उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पहल शुरू की गई है। अपराधियों के परिजनों सहित सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
धर्मेन्द्र कुमार, सीओ जीआरपी

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