कोविड-19 से बचाव के कार्य में स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभाग कर रहे हैं सहयोग

* **कंटेनमेंट ज़ोन के प्रत्येक व्यक्ति की हो रही जांच ** मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा है

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झांसी। कोरोना से जूझते हुये देश व प्रदेश को 6 माह से भी ऊपर हो गया है, लेकिन इसके बचाव के लिए प्रत्येक स्तर पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि जनपद में भी अब आरटीपीसीआर, ट्रू-नेट व एंटीजन तीनों प्रकार की जांच के माध्यम से प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है। जिसके लिए जनपद में पंजीकृत समस्त पैथोलॉजी सेंटर से एक एक लैब टेक्निशियन को भी जांच अभियान में जोड़ा गया है। अब तक 82 हज़ार से अधिक लोगों का सैंपल लेकर जांच हो चुकी है, जिसमें अभी तक कुल 3622 लोग पॉज़िटिव मिले है, इसमें 2634 लोग सही भी हो चुके है। वर्तमान में जनपद में 703 कोरोना मरीज एक्टिव है।
जनपद में मरीजों के इलाज़ और आइसोलेशन के लिए 6 एल-1 इकाई कार्यरत है, जिसमें 3 राजकीय पैरामेडिकल कॉलेज, एक रेलवे हॉस्पिटल और एक-एक बरुआसागर और बड़ागाँव में संचालित है। इसके अलावा एल-2 इकाई मेडिकल कॉलेज में संचालित है जहां कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को रखा जा रहा है। जनपद में अब होम आइसोलेशन की भी मंजूरी हो गयी है। जिन कोरोना संक्रमितों को लक्षण नहीं हैं, उन्हें सरकार द्वारा प्रतिपादित गाइडलाइन के अनुसार घर पर आइसोलेट होने की मंजूरी दी जा रही है। वर्तमान में 600 से अधिक लोगों को घरों में आइसोलेट किया गया है, जिसकी मोनिट्रिंग प्रशासन के द्वारा की जा रही है। जनपद में होटल्स में भी आइसोलेशन की सुविधा है, जिसमें आइसोलेशन के लिए कुछ शुल्क अदा करना होता है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में कोविड-19 के संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोके जाने के लिए लगातार इंफोर्समेंट के काम किए जा रहे हैं लोगों को मास और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाए जाने की कार्यवाही की जा रही है। वीकेंड के लॉक डाउन के उल्लंघन पर वाहनों का चालान व सीज़ किया जा रहा है।

276 उप स्वास्थ्य केन्द्रों की कराई गयी मरम्मत

उन्‍होंने बताया कि कोविड के चलते जनपद के 276 उप स्वास्थ्य केन्द्रों की मरम्मत कराई गयी है, जिससे कि उनको बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके।

टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) ओपीडी सेवा भी संचालित

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लोगों को अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़े, इसको ध्यान में रखते हुए घर बैठे चिकित्सीय परामर्श सेवा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) ओपीडी सेवा शुरू की गयी है। जिससे कि अस्पतालों में अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित कर कोरोना के खतरे को कम किया जा सके और जन समुदाय को सुलभता और सरलता से परामर्श सेवाएं प्राप्त हो सकें। ई-संजीवनी एप या वेबसाइट के माध्यम से मरीज खुद का रजिस्ट्रेशन करके ओपीडी सेवा ले सकता है। ई-संजीवनी एप प्ले स्टोर से डाउनलोड की जा सकती है। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है। उनके लिए उपकेंद्र स्तरीय हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर व एएनएम के द्वारा टेबलेट का उपयोग कर ई-संजीवनी की सुविधा प्रदान की जा रही है।

कोविड-19 के साथ मच्छर जनित रोगों से बचाव में लगा विभाग

जहां एक और कोविड-19 से लोग जूझ रहे है, वही बारिश के मौसम में मच्छर जनित रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगस्त से नवंबर तक जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जनपद के शहरी क्षेत्र में 8 टीम के माध्यम से प्रत्येक दिन 2-2 वार्ड को कवर किया जा रहा है। टीम द्वारा जनता को जलभराव न होने देने का संदेश दिया जा रहा है साथ ही लक्षणों के आधार पर रक्त स्लाइड भी बनाई जा रही है। जनवरी से जुलाई तक 20 हज़ार से अधिक स्लाइड बनाई गयी, जिसमें अभी तक 31 मलेरिया के मरीज मिले और डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला। वही महामारी एक्ट की धारा 188 के अंतर्गत जिनके घरों में लार्वा पाया गया ऐसे 228 लोगों को नोटिस भी दिया गया।

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