स्‍थानीय उत्‍पादकों को अधिक लाभ देने को एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तर पर प्रोसोसिंग यूनिट लगेगी

*झांसी के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित मण्डियों जो असंचालित है, उनमें दलहन/तिलहन के क्रय केन्द्र खोले जायेंगे **प्रदेश के समस्त विकास खण्डों में 5000 एफपीओ बनाये जाने का लक्ष्य, किसानों की आय दोगुनी हो **धान अधिक से अधिक क्रय हो, केन्द्रो की सतत् मानीटरिंग की जाये, किसान में एमएसपी का भुगतान सुनिश्चित हो ** **महिला एसएसजी को प्रमोट किया जाये, उनके उत्पादों को प्रोत्साहित करते हुये बाजार उपलब्ध कराया जाये

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झांसी। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 आयोजित हुई। योजना भवन वीसी कक्ष से गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये उन्होने किसानों की आय को दोगुनी करने हेतु ब्लाक स्तर पर एफपीओ बनाये जाने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि प्रदेश के समस्त विकासखण्डों में 5 हजार एफपीओ खोले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विभाग सहित अन्य विभाग द्वारा भी एक से अधिक एफपीओ खोले जाने जा सकते है।
एपीसी ने कहा कि आने वाले समय में एफपीओ की भूमिका महत्वपूर्ण है, इन्हें प्रोत्साहित किया जाये और अधिक से अधिक सुविधाओं के आच्छादित किया जाये ताकि इनके माध्यम से किसानों को अधिक लाभ दिलाया जा सके। इन्हें फूड प्रोसेसिंग यूनिट की सुविधायें दी जाये ताकि क्षेत्र के किसानों के उत्पादों को प्रोसेसिंग के माध्यम से बिक्री कर अधिक लाभ दिलाया जा सके। उन्होने एफपीओ द्वारा फार्म मशीनरी बैंक बनाये जाने का भी सुझाव दिया ताकि छोटे किसान आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ खेती करते हुये उत्पादन में वृद्वि कर सके और अधिक लाभ उठा सके। एफपीओ प्रदेश में धान खरीद में किसानों का सहयोग करें ओर उन्हें एमएसपी का भुगतान करायें। मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 की अध्यक्षता करते हुये कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट लगायी जायेगीं। उन्होने महिला स्वयं सहायता समूह को और अधिक सक्रिय करने का सुझाव दिया ताकि समूह द्वारा पापड़/आचार की प्रोसेसिंग यूनिट लगाते हुये उनके उत्पादों का उचित दाम दिलाया जा सके। क्षेत्र में एसएसजी द्वारा आवंला/दालों आदि के प्रोसेसिंग यूनिट लगाये जाने का भी सुझाव दिया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये अपने उदबोधन एपीसी ने कहा कि जिले स्तर पर तहसील/ब्लाक स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाये और प्रोसोसिंग यूनिट, एफपीओ जाने सहित अन्य योजनाओं की जानकारी कृषकों को दी जाये। मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने जीरो बजट की खेती को बढावा देने की बात पर जोर देते हुये कहा कि जैविक उत्पादों के बिक्री हेतु मण्डल स्तर पर मण्डी में जगह उपलब्ध करायी जायेगी। इसके साथ ही जिले स्तर पर भी मण्डियों में जैविक उत्पादकों के बिक्री हेतु स्थान सुरक्षित किया जाये ताकि किसानों को उनकी उपज का बाजिब दाम मिल सके। उन्होने बताया कि प्रदेश में अतिशीध्र जीरो बजट के लिये नीति निर्धारित होने जा रही है। जीरो बजट खेती के 500-1000 क्लस्टर बनाने वाले किसानों को सहायता मिलेगी और जो पहले से जीरो बजट खेती कर रहे है उन्हें प्रशिक्षक बनाते हुये लाभ लिया जायेगा।

उन्होने जनपदों में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने व कालाबाजारी पर अंकुश लगाये जाने के निर्देश दिये। जनपदों पराली न जलाये जाने बात को दोहराते हुये कहा कि पराली को गौआश्रय स्थल तक पहुंचाया जाये ताकि गौवंश को भूसा उपलब्ध हो सके। मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 में मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि मण्डल में रबी की तैयारियां पूर्ण हो गयी है। मण्डल में वर्षा कम हुई परन्तु मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा से सभी बांध लबालब भर गये है, जिससे सिंचाई में समस्या नही आयेगी। उन्होने बताया कि इस बार रबी में आच्छादन का 10 लाख 4 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है जो विगत वर्ष से अधिक है। मण्डल में गेहूं के उत्पादन का 36.96 कुन्तल/हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है जो पिछले वर्ष से अधिक है। मण्डल में जौ/मटर के बीज की उपलब्धता है,तथा पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी व एनपीके की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। मण्डलायुक्त ने फार्म मशीनरी बैंक के सम्बन्ध में बताया कि प्रधान इस योजना में रुचि नही ले रहे। मण्डल में अब तक 64 के सापेक्ष 38 का ही वितरण हो सका है। उन्होने कहा कि मण्डल में पम्पसेट व स्प्रिंकलर का वितरण शून्य है। उन्होने जनपद ललितपुर में राजकीय नलकूप की स्थापना करने का सुझाव देते हुये बताया कि जनपद में मात्र एक ही सरकारी नलकूप है। इनकी संख्या बढायें ताकि किसानों को लाभ मिल सके। उन्होने ललितपुर में दलहन की बड़ी सम्भावना है इसे बढावा देने के लिये प्रोसेसिंग यूनिट लगाये जाने का सुझाव दिया। उन्होने बताया कि मण्डल में 119 टन पराली एकत्र कर भूसा बैंक में रखी गयी है ताकि गौवंश को समय पर भूसा उपलब्ध कराया जा सके। मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने धान केन्द्रों की मांग करते हुये कहा कि जनपद में दलहन व तिलहन केन्द्र खोले जाने का अनुरोध करते हुये कहा कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में मण्डी परिषद द्वारा मण्डियों का निर्माण कराया गया परन्तु वह अभी तक संचालित नही हुई उन सभी मण्डियों में दलहन/तिलहन क्रय केन्द्र खोले जाये जाकि किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाया जा सके। जिलाधिकारी ने जनपद में पराली जलाये जाने के सम्बन्ध में बताया कि जनपद की सीमायें मध्य प्रदेश से जुड़ी होने के कारण वहां पर जलाई जाने वाली पराली जनपद झांसी में दर्शाए जाने से समस्या होती है,क्षेत्र में मूंगफली के अवशेष जलाये जा रहे है और उन पर कार्यवाही भी की गयी है।
गोष्ठी में प्रगतिशील कृषक श्री अवधेश प्रताप सिंह तथा गुलाब सिंह ग्राम बरगढ़ ने भी अपने विचार रखे। अवधेश प्रताप सिंह ने कहा कि आय किसान दोगुनी करना है तो किसान को उसके खेत पर ही डेयरी, स्प्रिंकलर तथा गौबर गैस के साथ अन्य विभागों की लाभकारी योजनाओं का लाभ दिया जाये ताकि वह उसका लाभ लेते हुये आय दोगुनी कर सके। उन्होने बताया कि जीरो बजट की खेती के लिये देशी गाय का गोबर, गौमूत्र का प्रयोग कर उत्पादन में बढोत्तरी कर सकते है। गुलाब सिंह ने कहा कि किसान को फलदार वृक्ष उपलब्ध कराये ताकि खेत पर मेड़ व मेड़ पर पेड़ लगाकर अतिरिक्त आय कर सके। इस मौके पर झांसी एनआईसी में मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, जेडीसी सर्वेश कुमार दीक्षित, एडीएम राम अक्षयवर चौहान, जेडीए एसएस चौहान, आरएफसी नरेन्द्र कुमार, डीडी मण्डी सीपी तिवारी, डीडी उद्यान भैरम सिंह, प्रभारी डीडी कृषि केके सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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