हर कानून हमारे लिये धर्म ग्रन्थ है: कमिश्नर

****नारी को सम्मान की शुरुआत अपने घर से ही करें *****मातृ शक्ति के बिना पुरुष समाज भी सम्भव नहीं ******मातृ शक्ति ठान लें तो लिंग परीक्षण सम्भव नहीं हैं *****नारी को अबला से सबला बनाने का निरंतर प्रयास करें *****बेटा-बेटी में भेद नही करने की सामूहिक शपथ भी दिलाई *****स्वास्थ्य विभाग लिंग परीक्षण पर अस्पतालों की आकस्मिक चैकिंग करायें *****लिंग परीक्षण की मुखबिरी योजना में 02 लाख इनाम का प्राविधान, प्रचार-प्रसार करायें *****कमिश्नरी में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर लिंग संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न

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झांसी। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कमिश्नरी सभागार में आयोजित लिंग संवेदीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि हर कानून हमारे लिये धर्म ग्रन्थ होता है, क्योंकि भारतीय संविधान में भी पुरुष, महिला को समानता का अधिकार प्राप्त हैं। उन्होने कहा कि मातृ शक्ति के बिना पुरुष समाज सम्भव नहीं हैं और नारी को सम्मान देने की शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी। उन्होने कहा कि नारी शक्ति बहुत ही सहनशील होती हैं। हमें उसका सम्मान करते हुये नारी को अबला से सबला बनाने का निरंतर प्रयास करना चाहिए।
मण्डलायुक्त ने बेटा-बेटी में भेद नही करने की सामूहिक शपथ ‘‘मैं प्रतिबद्ध हूं कि बालिका जन्म पर खुशी व उत्सव मनाऊंगा। बेटियों पर गर्व करुंगा और पराया धन की मानसिकता का विरोध करुंगा। लड़के और लडकियों के बीच समानता को बढ़ावा दूंगा। बेटी का स्कूल में दाखिला कराकर पढाई बरकरार रखूंगा। बाल विवाह व दहेज प्रथा का दृढ़ता से विरोध करुंगा। पुरुषों और लड़कों द्वारा जेन्डर रुढ़िवादी सोच को चुनौती दूंगा। लिंग चयन की कोई घटना की सूचना दूंगा। अपने आस-पास एवं पड़ोस की महिलाओं के लिये सुरक्षित व हिंसामुक्त वातावरण रखूंगा और हिंसा के विरुद्व आवाज उठाऊंगा। महिलाओं के सम्पत्ति के अधिकारों का समर्थन करुंगा’’ की शपथ भी दिलायी।
मण्डलायुक्त ने स्वामी विवेकानन्द, महारानी लक्ष्मीबाई, गुरु गोविन्द सिंह, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस तथा अन्य महानुभावों के दृढ़संकल्पों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुये कहा कि यदि मातृ शक्ति ठान लें तो लिंग परीक्षण कराना सम्भव नही हैं। लिंग परीक्षण की मुखबिरी योजना में 02 लाख इनाम के प्राविधान की जानकारी के सम्बन्ध में व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिये। उन्होने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लिंग परीक्षण की सूचना पर अस्पतालों की आकस्मिक चैकिंग करायें, जिससे पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्राविधानों पर अमल हो सकें। कार्यशाला में अपर निदेशक स्वास्थ्य, सीएमओ डा जीके निगम, सीएमएस डा केके गुप्ता, डा शाहिदा परवीन, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा डा संजय यादव, एडी बेसिक, उप निदेशक समाज कल्याण, जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डा अरुणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, आईएमए तथा नर्सिंग होम एसोसिशयन पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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